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फ्रांसीसी वायु सेना की टुकड़ी का भारत में रणनीतिक पड़ाव - फ्रांस की सेना

फ्रांसीसी सेना 10 अगस्त से 18 सितंबर तक हिंद प्रशांत क्षेत्र में लंबी दूरी का मिशन संचालित कर रही है. इसी के तहत फ्रांस की वायु सेना ने तमिलनाडु में भारतीय वायु सेना के सुलुर केंद्र पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठहराव किया.

French Rafale jets stopover in India on long-range deployment
फ्रांसीसी वायु सेना की टुकड़ी का भारत में रणनीतिक पड़ाव
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Published : Aug 11, 2022, 10:57 PM IST

नई दिल्ली : फ्रांस की वायु और अंतरिक्ष सेना की एक टुकड़ी ने प्रशांत महासागर में अपने महा सैन्य अभियान के तहत तमिलनाडु में भारतीय वायु सेना के सुलुर केंद्र पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठहराव किया. टुकड़ी के साथ तीन राफेल लड़ाकू विमान भी हैं.

भारतीय वायु सेना द्वारा फ्रांस की सेना को दिया गया समर्थन उस साजो-सामान संबंधी सहयोग के समझौते के क्रियान्वयन को दर्शाता है जिसके लिए फ्रांस और भारत ने 2018 में सैन्य सहयोग बढ़ाने के मकसद से हस्ताक्षर किए थे. फ्रांस के एक वक्तव्य में गुरुवार को कहा गया कि भारतीय वायु सेना के साथ सहयोग दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तर के आपसी विश्वास और अंतर-सक्रियता को दर्शाता है.

उसने कहा कि फ्रांसीसी टुकड़ी की 10 और 11 अगस्त को वायु सेना केंद्र सुलुर में तकनीकी पड़ाव के लिए मेजबानी की गई. फ्रांसीसी बल 10 अगस्त से 18 सितंबर तक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लंबी दूरी का मिशन संचालित कर रहा है जिसका कूट नाम पगासे 22 है.

नई दिल्ली : फ्रांस की वायु और अंतरिक्ष सेना की एक टुकड़ी ने प्रशांत महासागर में अपने महा सैन्य अभियान के तहत तमिलनाडु में भारतीय वायु सेना के सुलुर केंद्र पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठहराव किया. टुकड़ी के साथ तीन राफेल लड़ाकू विमान भी हैं.

भारतीय वायु सेना द्वारा फ्रांस की सेना को दिया गया समर्थन उस साजो-सामान संबंधी सहयोग के समझौते के क्रियान्वयन को दर्शाता है जिसके लिए फ्रांस और भारत ने 2018 में सैन्य सहयोग बढ़ाने के मकसद से हस्ताक्षर किए थे. फ्रांस के एक वक्तव्य में गुरुवार को कहा गया कि भारतीय वायु सेना के साथ सहयोग दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तर के आपसी विश्वास और अंतर-सक्रियता को दर्शाता है.

उसने कहा कि फ्रांसीसी टुकड़ी की 10 और 11 अगस्त को वायु सेना केंद्र सुलुर में तकनीकी पड़ाव के लिए मेजबानी की गई. फ्रांसीसी बल 10 अगस्त से 18 सितंबर तक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लंबी दूरी का मिशन संचालित कर रहा है जिसका कूट नाम पगासे 22 है.

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(पीटीआई-भाषा)

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