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नकली एंटीक ट्रेड : यहूदा के चांदी के सिक्कों से लेकर टीपू सुल्तान के ताज तक यहां सब बिका - दो चांदी के सिक्के

केरल के कोच्चि में एक संग्रहालय के मालिक मोनसन मावुंगल को नकली एंटीक व्यवसाय के माध्यम से कई लोगों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उसके संग्राहलय में यीशु की पीठ में छुरा घोंपने के लिए जुडा को मिले 30 सिक्कों में से दो चांदी के सिक्के (silver coins), मोसेस का बाइबिल क्रॉसियर (Biblical crosier of Mosses) जैसे नकली एंटिक सामान उपलब्ध थे.

मोनसन मावुंगल
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Published : Sep 28, 2021, 8:17 PM IST

कोच्चि : केरल के कोच्चि में एक संग्रहालय के मालिक मोनसन मावुंगल को नकली एंटीक व्यवसाय के माध्यम से कई लोगों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उसके संग्राहलय में यीशु की पीठ में छुरा घोंपने के लिए जुडा को मिले 30 सिक्कों में से दो चांदी के सिक्के (silver coins), मोसेस का बाइबिल क्रॉसियर (Biblical crosier of Mosses), एक दीपक जो अभी भी मोहम्मद नबी ( Muhammed Nabi) द्वारा इस्तेमाल किए गए जैतून के तेल ( olive oil) से जल रहा है, सफेद तौलिया (white towel ) जो यीशु के चेहरे को पोंछने (wipe the face of Jesus ) के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

मैसूर महल (Mysore palace) का दस्तावेज, टीपू सुल्तान (crown of Tipu Sultan) का ताज, मुगल राजाओं के पुस्तकालयों (libraries of Mughal kings) की किताबें, छत्रपति शिवाजी के महल से प्राचीन वस्तुएं, दाविंची की मूल पेंटिंग और ये सभी उपलब्ध थे.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

Monsonmavungal.com और उनका Youtube चैनल अभी भी इन वस्तुओं को कोच्चि के कलूर स्थित अपने संग्रहालय में बेचने का दावा करता है. यह चौंकाने वाला है कि इस हाई-प्रोफाइल ठग (high-profile con man) पर विश्वास करने वाले हजारों लोग थे, जिन्होंने अपने पीड़ितों को व्यापार के लिए लुभाने के लिए वरिष्ठ राजनेताओं, आईपीएस अधिकारियों और मुख्य सचिवों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल किया.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

मोनसन मावुंगल एक ऐसे चरित्र है,जो हमें एक ब्लॉकबस्टर हॉलीवुड क्राइम थ्रिलर से में दिखाई देता है. वह लोगों को अपनी शानदार ढंग से तैयार की गई और सावधानीपूर्वक लागू की गई चालबाजी से धोखा देता था.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

वह लोगों को यह विश्वास दिलाते हैं कि उनके पास 8 डॉक्टरेट हैं और वह जर्मनी में प्रशिक्षित कॉस्मेटोलॉजिस्ट (Germany trained cosmetologist) हैं. उन्होंने वास्तव में केपीसीसी के अध्यक्ष के सुधाकरण ( K Sudhakaran) का इलाज कायाकल्पम (उम्र बढ़ने को रोकने के लिए एक प्राचीन उपचार पद्धति कहा जाता है) नामक उपचार के माध्यम से युवावस्था को वापस लाने के लिए किया था.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

उन्होंने दावा किया कि वह एक विशेषज्ञ थे जो 25 वर्षों से व्यापार कर रहे थे और विश्व शांति परिषद के सदस्य (World Peace Council) थे. उन्होंने अपने Youtube चैनल के माध्यम से अच्छी कमाई की. उन्होंने ज्यादातर अपनी नकली प्राचीन सामग्री ( fake antique materials) दिखाकर लोगों के बेचा और उनको ठगा.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

कोझीकोड के मूल निवासी याकूब की शिकायत के बाद जब वह पुलिस के जाल में फंसा, तो उसकी अलमारी से अनगिनत कंकाल (countless skeletons ) मिले.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

याकूब ने पुलिस को बताया कि मोनसन ने उससे अपना बिजनेस पार्टनर (business partner ) बनाने के लिए 25 लाख की पेशकश की और बाद में उसके साथ धोखाधड़ी की. याकूब ने कहा कि मोनसन ने इसी तरह से 10 करोड़ रुपये एकत्र किए और सभी को धोखा दिया.

याकूब के आरोप महज हिमखंड का सिरा मात्र थे. पुलिस के हाथ आने के बाद मोनसन के साथ काम करने वाले कई लोग जालसाज के खिलाफ बयान देने के लिए बाहर आने लगे.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

अजी, जो 10 वर्षों से अधिक समय से मोनसन के करीबी साथी रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन प्राचीन वस्तुओं में से अधिकांश मोनसन ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान दुनिया भर के संग्रहालयों को एकत्र करने का दावा किया था, वास्तव में अलाप्पुझा के चेरथला (Cherthala in Alappuzha) में स्थित उनके अपने बढ़ई द्वारा बनाई गई थीं.

उसके सबसे मूल्यवान मोसेस के क्रॉसियर और टीपू सुल्तान का ताज उसके संग्रहालय में बढ़ई द्वारा बनाए गए थे. कुछ वस्तुओं को कोच्चि से औने-पौने दामों पर एकत्र किया गया था और प्राचीन प्रेमियों की छवि ( image of antique lovers) के अनुरूप फिर से तैयार किया गया था.

पुलिस ने कहा कि मोनसन ने इन वस्तुओं को बेचा था, उनमें से ज्यादातर की कीमत10,000 रुपये से कम नहीं है. वह दावा करता है कि यह प्राचीन वस्तुएं हैं. उसने अपने व्यापार में भागीदार बनाने के लिए कई लोगो पेशकश की और इससे धन भी एकत्र किया.

उसने जो पैसा इकट्ठा किया उसका इस्तेमाल उन्होंने सामाजिक रूप से विकसित होने के लिए किया, शीर्ष नौकरशाहों और सिनेमा अभिनेताओं से दोस्ती की. उसने अपने 'संग्रहालय' का दौरा करने वाले सभी वीवीआईपी के साथ तस्वीरें लीं और उन्हें अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया (social media) पर पोस्ट किया.

जब भी किसी ने उसे धोखाधड़ी को पकड़ा, तो उसने शिकायतकर्ताओं को धमकाने के लिए उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों ( high-ranked police officials ) का इस्तेमाल किया और उसके खिलाफ मामलों को दबा दिया.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

पुलिस ने कहा कि मोनसन ने फर्जी बैंक खाते के दस्तावेज (forged bank account documents) और अदालती आदेश से लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उसका 2.62 लाख करोड़ रुपये, जो उन्होंने प्राचीन वस्तुओं की बिक्री के माध्यम से अर्जित किया, विदेशी बैंकों में फंस (stuck in foreign banks ) गया है और अदालतों ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए उनके पक्ष में एक आदेश जारी करते हुए धनराशि जारी करने का आदेश दिया है.

वह फेमा अधिकारियों (FEMA officials) की आड़ में ठगों को भी अपने घर ले आया और पीड़ितों का विश्वास हासिल करने के लिए उनके साथ बैठक की और इस तरह उनसे अधिक पैसे लूटे.

मोनसन मावुंगल के पास मिले दस्तावेज
मोनसन मावुंगल के पास मिले दस्तावेज

पूर्व डीजीपी लोकनाथ बेहरा (Former DGP Loknath Behra), जो मोनसन के घर से ली गई कई तस्वीरों में मोनसन के साथ जगह साझा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. उनपर कोच्चि में मोनसन के घर को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आरोप लगाया गया था और उन्होंने आईजी लक्ष्मण पर मोनसन के खिलाफ कई मामलों को निपटाने में मदद करने का आरोप लगाया गया था.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि एक डीआईजी और केपीसीसी के वर्तमान अध्यक्ष के सुधाकरन की मौजूदगी में मोनसन को पैसे सौंपे गए हैं. हालांकि सुधाकरन ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह केवल मोनसन से उसके इलाज के लिए मिले थे.

कोच्चि की एक महिला भी मोनसन के खिलाफ सामने आई है, जिसमें उसने अपने उच्च स्तरीय संबंधों का उपयोग करके उनका बलात्कार करने वाले बचाने का आरोप लगाया है. वह कहती हैं कि हालांकि पुलिस ने मोनसन के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया था, लेकिन वह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मदद से बच निकला.

घंटे दर घंटे मोनसन की और भी धोखाधड़ी की खबरें सामने आ रही हैं और पुलिस का कहना है कि इस मास्टर चालबाज के खिलाफ और पीड़ितों के सामने आने की संभावना है.

मोनसन मावुंगल का संग्रहालय
मोनसन मावुंगल का संग्रहालय

ईटीवी भारत के पास उपलब्ध विशेष विवरण यह साबित करते हैं कि मोनसन, जो इडुक्की जिले के राजकुमारी में रहने लगा, जब उसकी पत्नी को एक निजी स्कूल में एक शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई तो उसने इडुक्की में कई लोगों को सस्ते और तुरंत मारुति 800 कार देने की पेशकश की और उनको ठगा.

यह वह समय था जब मारुति 800 कारों की डिलीवरी के लिए छह महीने से अधिक की प्रतीक्षा करनी पड़ती थी.

पढ़ें - प्यार करने वालों को ग्रामीणों ने दी तालिबानी सजा, जानकर हो जाएंगे हैरान

मोनसन ने कथित तौर पर कई लोगों से पैसे लिए, उन्हें सस्ते में कार दिलाने की पेशकश की और बाद में उन्हें धोखा दिया. उन्होंने पुराने टेलीविजन सेटों की बिक्री का व्यवसाय भी किया और सस्ते टेलीविजन सेट प्राप्त करने की पेशकश के बाद कई लोगों को धोखा दिया.

मोनसन ने 2007 में अपना आधार वापस कोच्चि में स्थानांतरित कर दिया और 'प्राचीन वस्तुओं' का अपना व्यवसाय शुरू किया. अब उसके पास Bentleys, Lamborghinis, Ferraris, और Benz जैसी कारों का बेड़ा है. ऐसी उबर लग्जरी कारें रखने के लिए उनके राजस्व का स्रोत अभी तक ज्ञात नहीं है.

मोनसन की और भी कई कहानियां जल्द ही सामने आएंगी और पता चलेगा कि इस व्यापार में वीवीआईपी कैसे शामिल थे.

राज्य भाजपा अध्यक्ष (state BJP president) के सुरेंद्रन पहले ही मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग कर चुके हैं क्योंकि मॉनसन के साथ कई हाई-प्रोफाइल नाम जुड़े हैं.

कोच्चि : केरल के कोच्चि में एक संग्रहालय के मालिक मोनसन मावुंगल को नकली एंटीक व्यवसाय के माध्यम से कई लोगों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उसके संग्राहलय में यीशु की पीठ में छुरा घोंपने के लिए जुडा को मिले 30 सिक्कों में से दो चांदी के सिक्के (silver coins), मोसेस का बाइबिल क्रॉसियर (Biblical crosier of Mosses), एक दीपक जो अभी भी मोहम्मद नबी ( Muhammed Nabi) द्वारा इस्तेमाल किए गए जैतून के तेल ( olive oil) से जल रहा है, सफेद तौलिया (white towel ) जो यीशु के चेहरे को पोंछने (wipe the face of Jesus ) के लिए इस्तेमाल किया जाता था.

मैसूर महल (Mysore palace) का दस्तावेज, टीपू सुल्तान (crown of Tipu Sultan) का ताज, मुगल राजाओं के पुस्तकालयों (libraries of Mughal kings) की किताबें, छत्रपति शिवाजी के महल से प्राचीन वस्तुएं, दाविंची की मूल पेंटिंग और ये सभी उपलब्ध थे.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

Monsonmavungal.com और उनका Youtube चैनल अभी भी इन वस्तुओं को कोच्चि के कलूर स्थित अपने संग्रहालय में बेचने का दावा करता है. यह चौंकाने वाला है कि इस हाई-प्रोफाइल ठग (high-profile con man) पर विश्वास करने वाले हजारों लोग थे, जिन्होंने अपने पीड़ितों को व्यापार के लिए लुभाने के लिए वरिष्ठ राजनेताओं, आईपीएस अधिकारियों और मुख्य सचिवों के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल किया.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

मोनसन मावुंगल एक ऐसे चरित्र है,जो हमें एक ब्लॉकबस्टर हॉलीवुड क्राइम थ्रिलर से में दिखाई देता है. वह लोगों को अपनी शानदार ढंग से तैयार की गई और सावधानीपूर्वक लागू की गई चालबाजी से धोखा देता था.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

वह लोगों को यह विश्वास दिलाते हैं कि उनके पास 8 डॉक्टरेट हैं और वह जर्मनी में प्रशिक्षित कॉस्मेटोलॉजिस्ट (Germany trained cosmetologist) हैं. उन्होंने वास्तव में केपीसीसी के अध्यक्ष के सुधाकरण ( K Sudhakaran) का इलाज कायाकल्पम (उम्र बढ़ने को रोकने के लिए एक प्राचीन उपचार पद्धति कहा जाता है) नामक उपचार के माध्यम से युवावस्था को वापस लाने के लिए किया था.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

उन्होंने दावा किया कि वह एक विशेषज्ञ थे जो 25 वर्षों से व्यापार कर रहे थे और विश्व शांति परिषद के सदस्य (World Peace Council) थे. उन्होंने अपने Youtube चैनल के माध्यम से अच्छी कमाई की. उन्होंने ज्यादातर अपनी नकली प्राचीन सामग्री ( fake antique materials) दिखाकर लोगों के बेचा और उनको ठगा.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

कोझीकोड के मूल निवासी याकूब की शिकायत के बाद जब वह पुलिस के जाल में फंसा, तो उसकी अलमारी से अनगिनत कंकाल (countless skeletons ) मिले.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

याकूब ने पुलिस को बताया कि मोनसन ने उससे अपना बिजनेस पार्टनर (business partner ) बनाने के लिए 25 लाख की पेशकश की और बाद में उसके साथ धोखाधड़ी की. याकूब ने कहा कि मोनसन ने इसी तरह से 10 करोड़ रुपये एकत्र किए और सभी को धोखा दिया.

याकूब के आरोप महज हिमखंड का सिरा मात्र थे. पुलिस के हाथ आने के बाद मोनसन के साथ काम करने वाले कई लोग जालसाज के खिलाफ बयान देने के लिए बाहर आने लगे.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

अजी, जो 10 वर्षों से अधिक समय से मोनसन के करीबी साथी रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन प्राचीन वस्तुओं में से अधिकांश मोनसन ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान दुनिया भर के संग्रहालयों को एकत्र करने का दावा किया था, वास्तव में अलाप्पुझा के चेरथला (Cherthala in Alappuzha) में स्थित उनके अपने बढ़ई द्वारा बनाई गई थीं.

उसके सबसे मूल्यवान मोसेस के क्रॉसियर और टीपू सुल्तान का ताज उसके संग्रहालय में बढ़ई द्वारा बनाए गए थे. कुछ वस्तुओं को कोच्चि से औने-पौने दामों पर एकत्र किया गया था और प्राचीन प्रेमियों की छवि ( image of antique lovers) के अनुरूप फिर से तैयार किया गया था.

पुलिस ने कहा कि मोनसन ने इन वस्तुओं को बेचा था, उनमें से ज्यादातर की कीमत10,000 रुपये से कम नहीं है. वह दावा करता है कि यह प्राचीन वस्तुएं हैं. उसने अपने व्यापार में भागीदार बनाने के लिए कई लोगो पेशकश की और इससे धन भी एकत्र किया.

उसने जो पैसा इकट्ठा किया उसका इस्तेमाल उन्होंने सामाजिक रूप से विकसित होने के लिए किया, शीर्ष नौकरशाहों और सिनेमा अभिनेताओं से दोस्ती की. उसने अपने 'संग्रहालय' का दौरा करने वाले सभी वीवीआईपी के साथ तस्वीरें लीं और उन्हें अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया (social media) पर पोस्ट किया.

जब भी किसी ने उसे धोखाधड़ी को पकड़ा, तो उसने शिकायतकर्ताओं को धमकाने के लिए उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों ( high-ranked police officials ) का इस्तेमाल किया और उसके खिलाफ मामलों को दबा दिया.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

पुलिस ने कहा कि मोनसन ने फर्जी बैंक खाते के दस्तावेज (forged bank account documents) और अदालती आदेश से लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उसका 2.62 लाख करोड़ रुपये, जो उन्होंने प्राचीन वस्तुओं की बिक्री के माध्यम से अर्जित किया, विदेशी बैंकों में फंस (stuck in foreign banks ) गया है और अदालतों ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए उनके पक्ष में एक आदेश जारी करते हुए धनराशि जारी करने का आदेश दिया है.

वह फेमा अधिकारियों (FEMA officials) की आड़ में ठगों को भी अपने घर ले आया और पीड़ितों का विश्वास हासिल करने के लिए उनके साथ बैठक की और इस तरह उनसे अधिक पैसे लूटे.

मोनसन मावुंगल के पास मिले दस्तावेज
मोनसन मावुंगल के पास मिले दस्तावेज

पूर्व डीजीपी लोकनाथ बेहरा (Former DGP Loknath Behra), जो मोनसन के घर से ली गई कई तस्वीरों में मोनसन के साथ जगह साझा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. उनपर कोच्चि में मोनसन के घर को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आरोप लगाया गया था और उन्होंने आईजी लक्ष्मण पर मोनसन के खिलाफ कई मामलों को निपटाने में मदद करने का आरोप लगाया गया था.

मोनसन मावुंगल
मोनसन मावुंगल

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि एक डीआईजी और केपीसीसी के वर्तमान अध्यक्ष के सुधाकरन की मौजूदगी में मोनसन को पैसे सौंपे गए हैं. हालांकि सुधाकरन ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वह केवल मोनसन से उसके इलाज के लिए मिले थे.

कोच्चि की एक महिला भी मोनसन के खिलाफ सामने आई है, जिसमें उसने अपने उच्च स्तरीय संबंधों का उपयोग करके उनका बलात्कार करने वाले बचाने का आरोप लगाया है. वह कहती हैं कि हालांकि पुलिस ने मोनसन के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया था, लेकिन वह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मदद से बच निकला.

घंटे दर घंटे मोनसन की और भी धोखाधड़ी की खबरें सामने आ रही हैं और पुलिस का कहना है कि इस मास्टर चालबाज के खिलाफ और पीड़ितों के सामने आने की संभावना है.

मोनसन मावुंगल का संग्रहालय
मोनसन मावुंगल का संग्रहालय

ईटीवी भारत के पास उपलब्ध विशेष विवरण यह साबित करते हैं कि मोनसन, जो इडुक्की जिले के राजकुमारी में रहने लगा, जब उसकी पत्नी को एक निजी स्कूल में एक शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई तो उसने इडुक्की में कई लोगों को सस्ते और तुरंत मारुति 800 कार देने की पेशकश की और उनको ठगा.

यह वह समय था जब मारुति 800 कारों की डिलीवरी के लिए छह महीने से अधिक की प्रतीक्षा करनी पड़ती थी.

पढ़ें - प्यार करने वालों को ग्रामीणों ने दी तालिबानी सजा, जानकर हो जाएंगे हैरान

मोनसन ने कथित तौर पर कई लोगों से पैसे लिए, उन्हें सस्ते में कार दिलाने की पेशकश की और बाद में उन्हें धोखा दिया. उन्होंने पुराने टेलीविजन सेटों की बिक्री का व्यवसाय भी किया और सस्ते टेलीविजन सेट प्राप्त करने की पेशकश के बाद कई लोगों को धोखा दिया.

मोनसन ने 2007 में अपना आधार वापस कोच्चि में स्थानांतरित कर दिया और 'प्राचीन वस्तुओं' का अपना व्यवसाय शुरू किया. अब उसके पास Bentleys, Lamborghinis, Ferraris, और Benz जैसी कारों का बेड़ा है. ऐसी उबर लग्जरी कारें रखने के लिए उनके राजस्व का स्रोत अभी तक ज्ञात नहीं है.

मोनसन की और भी कई कहानियां जल्द ही सामने आएंगी और पता चलेगा कि इस व्यापार में वीवीआईपी कैसे शामिल थे.

राज्य भाजपा अध्यक्ष (state BJP president) के सुरेंद्रन पहले ही मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग कर चुके हैं क्योंकि मॉनसन के साथ कई हाई-प्रोफाइल नाम जुड़े हैं.

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