रायपुर : शराब घोटाले में ईडी ने कोर्ट में अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, अरुण पति त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लो को पेश किया. जिसमें अदालत ने कारोबारी अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित को 14 दिन की न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है. वहीं नितेश पुरोहित, एपी त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लन की ओर से ऑब्जेक्शन फाइल किए गए थे.उनकी रिमांड अवधि को नहीं बढ़ाया जाए.लेकिन कोर्ट ने ईडी की दलील सुनने के बाद एपी त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को 4 दिन की ई़डी रिमांड पर भेजा है.
नितेश पुरोहित से पूछताछ के लिए मांगी थी ईडी ने रिमांड : ED के वकील एडवोकेट डॉ सौरभ पांडे ने बताया "ईडी की ओर से नितेश पुरोहित की रिमांड मांगी गई थी,लेकिन उनके वकील की ओर से यह कहा गया कि वे शुगर और बीपी के मरीज हैं. ईडी ने नितेश के बेटे यश पुरोहित से पूछताछ के लिए कई बार समन जारी किया है. घर में भी समन चस्पा किया गया. लेकिन वो नहीं आ रहा है. हमें यश पुरोहित के स्टेटमेंट लेने हैं .लगभग 150 करोड़ के ऊपर का ट्रांजेक्शन पिता पुत्र और अनवर ढेबर के बीच हुए हैं. इस बारे में यश पुरोहित से पूछताछ करनी है.हमारा तर्क था कि नितेश का पुत्र पूछताछ में नहीं आ रहा है.इसके लिए ईडी ने 6 दिन की रिमाड अवधि मांगी थी, लेकिन पुरोहित की ओर से तर्क दिया की उनके बेटे यश पुरोहित के लिए ही रुके हुए हैं, तो नितेश पुरोहित को जेल भेजा जा सकता है. कोर्ट में स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड करने को कहा है कि, यदि उनका बेटा मिल जाता है तो ईडी दोबारा 6 दिन के लिए ले आए . सभी तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय ने अनवर ढेबर के साथ नितेश पुरोहित को 14 दिन के ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा है.
क्या है बचाव पक्ष की दलील : कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील राहुल त्यागी और फेजल रिजवी ने एपी त्रिपाठी,त्रिलोक ढिल्लन और नितेश पुरोहित की रिमांड का विरोध किया था. बचाव पक्ष के मुताबिक नितेश अक्सर बीमार रहते हैं. ऐसे में पहले ईडी उनके बेटे को खोजकर ले आए उसके बाद नितेश को दोबारा रिमांड पर ले ले. साथ ही साथ शराब बिक्री को लेकर जिस नकली होलोग्राम की बात हो रही है. उसका सारा ऑपरेशन डिसटलरी से होता है.लेकिन इस मामले में एक भी डिस्टलरी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
किसका क्या था रोल : ED के मुताबिक अरुण पति त्रिपाठी आबकारी विभाग में विशेष सचिव थे. साथ ही छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी भी रहे.उन्होंने डुप्लीकेट होलोग्राम का खेल रचा.जिसकी वजह से राजस्व का नुकसान हुआ. कमीशन कहां कहां डिस्ट्रीब्यूशन किया जाएगा. उसकी स्कीम तय की गई. विदेशी शराब में कमीशन कमाने के लिए 3 लोग रखे गए. 3 लोग विदेशी शराब खरीदेंगे और उसे तुरन्त पेमेंट किया जाएगा.उसके बाद दाम को बढ़ाकर विदेशी शराब को बेचकर प्रॉफिट कमाया जाएगा. इसका पूरा कलेक्शन का जिम्मा अरुण पति त्रिपाठी का था.
त्रिपाठी ने पत्नी के नाम पर खोल रखी थी कंपनी :आबकारी विभाग के स्पेशल सेकेट्री एपी त्रिपाठी ने अपनी पत्नी के नाम एक कंपनी खोल रखी थी. जो ड्यूपीलेकेट होलोग्राम से संबंधित थी. एपी त्रिपाठी छत्तीसगढ़ में सेंट्रल गवर्नमेंट के डेपुटेशन में आए हैं. उनका डेपुटेशन भी खत्म हो चुका है. लेकिन वे वापस नहीं जा रहे हैं. साथ ही साथ त्रिपाठी छत्तीसगढ़ में स्पेशल सेक्रेटरी होते हुए भी झारखंड में शराब के लिए कंसल्टेंसी शुरु की थी.हालांकि झारखंड में बात नहीं बनी, लेकिन छत्तीसगढ़ में अपने काम में सफल रहे.
ईडी खंगाल रही है फोन और लैपटॉप : ईडी ने सर्चिग के दौरान एपी त्रिपाठी का मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है. उन सभी डेटा को डिकोड किया जा रहा है. संभावना है कि उससे बहुत सारी चीजें मिलेंगी.जिससे जांच को नई दिशा मिल सकती है. वहीं यदि आगे चलकर अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित से संबंधित नए साक्ष्य मिलते हैं तो ईडी जेल से उन्हें अपने साथ ले जाकर पूछताछ कर सकती है.