लखनऊ: राजधानी के राजकीय शिशु गृह की चार बच्चियों की मौत के मामले में महिला बाल कल्याण मंत्री के निर्देश पर अधीक्षक किंशुक त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया. वहीं जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच टीम ने शिशु गृह जाकर जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, राजकीय शिशु गृह में जिन चार बच्चियों की मौत हुई थी. उनके साथ ही डेढ़ महीने के मून को भी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक वह भी थेलेसिमिया बीमारी से ग्रसित है. इस घटना के बाद मून को सिविल अस्पताल से रेफर कर केजीएमयू में भर्ती कराया गया. जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) विकास सिंह के मुताबिक, सभी बच्चे प्री मेच्योर और अंडर वेट थे. डीपीओ ने बताया की शिशुओं के लिए स्पेशल सेल बनायी गयी है.
यहां एक डॉक्टर की नियमित ड्यूटी लगाई गई है. ज्यादातर बच्चे 12 सौ ग्राम से कम वजन के हैं. इनकी देखभाल की जा रही है. शिशु गृह से किसी बच्चे इलाज के लिए जाने पर जरूरत के मुताबिक तत्काल इलाज शुरू करने के बाबत चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से केजीएमयू को पत्र भेजा जाता है. एनआईसीयू में इनके लिए हर वक्त जगह मुहैया रहे. वहीं डीएम ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे. इसकी जिम्मेदारी एसीएम फर्स्ट को सौंपी गई है.
एसीएम ने शुक्रवार को जांच करने के लिए राजकीय शिशु गृह पहुंचे. यहां उन्होंने स्टाफ के बयान लिए. एसीएम अब बच्चों का इलाज करने वाले डॉक्टरों का बयान लेंगे. इसके बाद जांच की विस्तृत रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी.