भीलवाड़ा : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ थाना क्षेत्र में जहरीली शराब का सेवन करने से चार लोगों की मौत हो गई है. जबकि पांच अन्य लोगों की हालत गंभीर है, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है. यह घटना सारण का खेड़ा गांव की है. गहलोत सरकार ने घटना पर सख्त रुख अपनाया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है. साथ ही इसकी जांच अजमेर संभाग की संभागीय आयुक्त को सौंपी गई है.
सीएम ने संवेदना व्यक्त की
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए भर्ती व्यक्तियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है. मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रथम दृष्टया को लापरवाही बरतने पर आबकारी, पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
सीएम गहलोत के निर्देश पर मांडलगढ़ के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार, थाना प्रभारी मनोज कुमार जाट, बीट प्रभारी हेड कांस्टेबल जगदीश चंद्र, शिवराज, भीलवाड़ा जिला आबकारी अधिकारी मुकेश देवपुरा, आबकारी अधिकारी महिपाल सिंह, मांडलगढ़ के आबकारी निरीक्षक विकास शर्मा, अधिकारी निरोधक दस्था जगदीश प्रसाद और अरुण कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
वहीं, प्रशासनिक जांच संभागीय आयुक्त अजमेर को सौंपी गई है. सभी पहलुओं की जांच 15 दिवस में करके रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
मृतक आश्रितों को दो लाख रुपये मुआवजे की घोषणा
साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये और उपचारित लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
मांडलगढ़ क्षेत्र में घटना के बाद जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते, जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा खुद मांडलगढ़ में डेरा जमाए हुए हैं. क्षेत्रीय विधायक गोपाल खंडेलवाल ने भी जिला प्रशासन व पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा कि इनकी लापरवाही के कारण ही क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री दिनों दिन बढ़ती जा रही है.