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देवेगौड़ा ने संसद परिसर में केम्पेगौड़ा की प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया

देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा चाहते हैं कि संसद परिसर में बेंगलुरु के संस्थापक केम्पेगौड़ा की कांस्य प्रतिमा लगाई जाए.

Former PM wants bronze statue of B'luru founder installed on Parliament premises
देवेगौड़ा ने संसद परिसर में केम्पेगौड़ा की प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया
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Published : Nov 7, 2022, 8:35 AM IST

बेंगलुरु: पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद परिसर में बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा की कांस्य प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया. यह मांग 11 नवंबर को यहां केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बेंगलुरु के संस्थापक की 108 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण से पहले की गई है.

अनुरोध पत्र
अनुरोध पत्र

देवेगौड़ा ने अपने पत्र में लिखा, 'हमारी संसद के परिसर में नादप्रभु केम्पेगौड़ा की कांस्य प्रतिमा स्थापित करने पर विचार करने का अनुरोध है. जद (एस) सुप्रीमो ने कहा कि केम्पेगौड़ा ने 16वीं शताब्दी में बेंगलुरु शहर की स्थापना की और जो बीज उन्होंने सदियों पहले बोया था, वह आज विश्व स्तर पर प्रसिद्ध महानगर में बदल गया है.

ये भी पढ़ें-कर्नाटक: बिजली के झटके से तीन किसानों की मौत, खेत में टूटा पड़ा था तार

केम्पेगौड़ा जो बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें भारत की तकनीकी छलांग के प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है. पूर्व प्रधान मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि भारत में कोई अन्य शहर नहीं है जहां वैज्ञानिक और तकनीकी उत्कृष्टता के कई सार्वजनिक और निजी संस्थान हैं.
(पीटीआई)

बेंगलुरु: पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद परिसर में बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा की कांस्य प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया. यह मांग 11 नवंबर को यहां केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बेंगलुरु के संस्थापक की 108 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण से पहले की गई है.

अनुरोध पत्र
अनुरोध पत्र

देवेगौड़ा ने अपने पत्र में लिखा, 'हमारी संसद के परिसर में नादप्रभु केम्पेगौड़ा की कांस्य प्रतिमा स्थापित करने पर विचार करने का अनुरोध है. जद (एस) सुप्रीमो ने कहा कि केम्पेगौड़ा ने 16वीं शताब्दी में बेंगलुरु शहर की स्थापना की और जो बीज उन्होंने सदियों पहले बोया था, वह आज विश्व स्तर पर प्रसिद्ध महानगर में बदल गया है.

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केम्पेगौड़ा जो बेंगलुरु का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें भारत की तकनीकी छलांग के प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है. पूर्व प्रधान मंत्री ने अपने पत्र में कहा कि भारत में कोई अन्य शहर नहीं है जहां वैज्ञानिक और तकनीकी उत्कृष्टता के कई सार्वजनिक और निजी संस्थान हैं.
(पीटीआई)

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