रायपुर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला अपने दो दिवसीय प्रवास पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ पहुंचे. फारूक अब्दुल्ला का यह प्रवास गैर राजनीतिक है.अब्दुल्ला राजधानी में पारिवारिक और पुराने मित्र शिव ग्वालानी के यहां विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं. गुरुवार की रात इस शादी समारोह में फारूक अब्दुल्लाह उपस्थित रहे और वर-वधू को आशीर्वाद दिया.Farooq Abdullah at wedding ceremony friend house
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दोस्त के घर शादी में शामिल होने रायपुर पहुंचे फारूक अब्दुल्ला: छत्तीसगढ़ सरकार ने अब्दुल्ला को राज्य अतिथि का दर्जा दिया है. उनके लिए वीआईपी गेस्ट हाउस पहुना में रुकने की व्यवस्था के साथ सुरक्षा समेत अन्य व्यवस्थाएं की गई है. जानकारों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला पहली बार छत्तीसगढ़ पहुंचे. 22 दिसंबर की रात शादी समारोह में शामिल हुए. Farooq Abdullah personal visit to Chhattisgarh
शिव और शफी की दोस्ती के कायल हुए फारूख: रायपुर में फारूख पत्रकारों से भी रूबरू हुए. अब्दुल्ला ने कहा कि "शिव यहां पर बैठे हुए हैं. इन्होंने एक किताब लिखी है. उस किताब में इसने वह कहानी लिखी है. वह करीब 40 साल पहले वहां गए थे तो एक शख्स जिसका नाम शफी है, वह जम्मू से इनका ड्राइवर बना और इनको हर जगह घुमाया. इसके बाद इन्हें अपने गांव घर ले गया. वह एक सोनार का बेटा था. बाप से अनबन हो गई तो वह खुद एक टैक्सी चलाने लगा और अपना खानदान पालने लगा. उस कहानी को लेकर शिव इस साल वापस आए थे और उनको ढूंढते ढूंढते उन्होंने मुझे भी ढूंढ लिया. मैंने गुजारिश की कि मुझे किताब के बारे में बताइए तो उन्होंने मुझे शफी की दास्तान बताई जो आप सबको मालूम है. जो एक दोस्ती की दास्तान है कि 40 साल के बाद भी एक इंसान एक शख्स को ढूंढ रहा है. याद को ताजा करने के लिए मैंने इनसे वादा किया कि आपकी बेटी की शादी में जरूर आऊंगा. मैंने वह वादा आज पूरा कर लिया और मैं यहां आ गया."
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कश्मीरी पंडित घाटी कभी नहीं आएंगे: फारूक अब्दुल्ला ने कहा " कश्मीरी पंडित घाटी में कभी नही आएंगे. जब तक घाटी की स्थिति ठीक नहीं होती. हमारा पड़ोसी जंग बंद नहीं करेगा. उसको डर है. जिस गवर्नर ने उन्हें निकाला था. वो गुजर गए. उन्होंने कश्मीरी पंडितों से कहा था- मैं आपको 2 महीने में वापस ले आऊंगा. आज 32 साल हो गए. कश्मीरी पंडित एक मुसीबत से गुजर रहे हैं. भगवान करे कि वह मुसीबत उनकी जल्दी दूर हो जाए और वह अपने घर में आकर बसें. "
राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बताया " वह तो कांग्रेस जानती है, फारूक अब्दुल्लाह नहीं जानता. हर किसी का विरोध भी होता है और प्यार भी होता है. यह दुनिया का हिसाब है. सब लोग मोदी जी की तारीफ करते हैं लेकिन वह खुद कहते हैं कि लोग मुझे बुरा भला कहते हैं. यह लोगों की आदत है. कोई नई बात तो है नहीं"
आने वाले समय में अगर चुनाव होते हैं तो आप महागठबंधन के साथ, बीजेपी के साथ जाएंगे या अलग अलग. इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा "पहले चुनाव तो हो, जब चुनाव आएगा तब सोचा जाएगा, क्या करेंगे."
कोरोना को लेकर सावधानी जरूरी: कोरोना को लेकर देश में अलर्ट पर फारूक अब्दुल्लाह ने कहा " चिंता है और मुझ जैसे आदमी को ज्यादा चिंता है, क्योंकि मुझे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, बीपी, किडनी प्रॉब्लम, एंटीसिपेटरी ड्रग्स पर भी हूं और दो बार मुझे कोरोना हो गया है. इसलिए मैं ज्यादा डरता हूं. मैं कहूंगा कि हम सबको एहतियात बरतनी चाहिए. मास्क लगाना चाहिए. दूरी रखनी चाहिए. प्रभु ही है जो हमें बचाएगा."
अरुणाचल में इंडिया चाइना बॉर्डर पर तनाव पर अब्दुल्ला ने कहा " हम लोग बहुत कोशिश कर रहे हैं. पार्लियामेंट में इस पर चर्चा हो. हम चाहते हैं कि चीन पर बहस हो. हम लोग सरकार से कुछ पूछें. सरकार उसका जवाब दे. वो नहीं कर रहे हैं."
देश की आर्थिक स्थिति के बारे में अब्दुल्ला ने कहा " देश जिंदा है, चल रहा है और क्या चाहिए. आज दुनिया हिंदुस्तान में है. जब से रूस और यूक्रेन का वॉर हुआ है. सारी दुनिया एक मुसीबत में पड़ गई है. पूरी दुनिया की कंडीशन बहुत खराब हो गई है. डॉलर ऊपर जा रहा है. रुपया नीचे आ रहा है. जो हम इंपोर्ट करते हैं, वह बहुत एक्सपेंसिव है. एक्सपोर्ट हम ज्यादा कर नहीं सकते.''