नई दिल्ली : कोरोना के मामले देश भर में बढ़ते जा रहे हैं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ. निर्मल कुमार गांगुली का कहना है कि मौजूदा म्यूटेशन पहले म्यूटेंट के मुक़ाबले अब जल्दी लोगों के बीच में फैल रहा है और यह युवाओं को संक्रमित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इस म्यूटेंट से संक्रमित लोगों को तेज़ बुख़ार होना और शरीर में दर्द होना इसके प्रमुख लक्षण हैं.
डॉ. निर्मल कुमार गांगुली ने बताया कि इस म्यूटेंट से संक्रमित व्यक्ति को पहले बुखार आता है फिर गले में ख़राश होती है और खांसी आती है, यह लक्षण ज़्यादातर लोगों में पाया जाता है.
उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद किसी भी संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगे तो आरटी-पीसीआर या एंटीजेन टेस्ट करवाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यदि शरीर में ये लक्षण हों और रिपोर्ट निगेटिव आए तो ऐसे मरीज़ दोबारा जांच कराएं. यदि रिपोर्ट पॉज़िटिव आए तो उन्हें सतर्क हो जाना चाहिए और 'सीआरपी' (प्लेटलेट्स काउंट रिपोर्ट) जैसी जांच करवानी चाहिए.
उनका कहना है कि यदि इन रिपोर्ट्स में किसी तरह की कमी नज़र आए और ऑक्सीजन लेवल 90 से भी नीचे पहुंच जाए तो अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए.
'आंख का लाल होना भी कोरोना का लक्षण'
जब डॉ. निर्मल कुमार गांगुली से यह पूछा गया कि पिछले साल कोविड-19 के लक्षण सर्दी, बुखार, गले में दर्द, नाक बहना थे लेकिन कई विशेषज्ञ अब आंख लाल होने से लेकर जी मिचलाना और भूख कम लगने को भी इसके लक्षण बता रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सत्य है और इसके साथ ही गैस्ट्रो, स्वाद का ख़त्म होना और महक ना आना भी कोरोनावायरस के नए म्यूटेंट से संक्रमित होने के लक्षण हैं.
उनसे जब पूछा गया कि बुखार, सर्दी, जुकाम साधारण वायरल के भी लक्षण हैं लेकिन कोरोना के दौर में ये लक्षण डरा रहे हैं, लोग डॉक्टरी सलाह के बिना ही बुखार या सर्दी जुकाम की दवा खा रहे हैं.
इस पर आईसीएमआर के पूर्व महानिदेशक ने बताया कि इस स्थिति में व्यक्ति को तुरंत कोरोना टेस्ट करवा लेना चाहिए ताकि वह सही दवा ले सके.
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भाप लेना, गर्म पानी पीना या काढ़ा पीना, इन दिनों यह घरेलू नुस्खे खूब चलन में हैं. इन घरेलू नुस्खों को लेकर डॉ. निर्मल कुमार गांगुली ने कहा कि भांप लेना ऐसे समय में आवश्यक है और यह एक दिन में तीन बार ज़रूर करना चाहिए लेकिन लोगों यह ध्यान रखना होगा कि भाप की आंच तेज ना हो क्योंकि इससे व्यक्ति के फेफड़ों पर असर पड़ेगा.