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राजनीति से मोहभंग, नौकरी में फिर लौटेंगे पूर्व आईएएस शाह फैसल, ट्वीट से दिए संकेत

जम्मू-कश्मीर के पूर्व आएएस और राजनेता शाह फैसल ने फिर से सरकारी सेवा में लौटने के संकेत दिए हैं. शाह फैसल ने 2019 में मोदी सरकार को असहिष्णु बताते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी. बाद में उनका राजनीति से भी मोहभंग हो गया.

shah faesal tweets
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Published : Apr 28, 2022, 4:30 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के तेजतर्रार ब्यूरोक्रेट रहे शाह फैसल ने बुधवार शाम एक बार फिर सरकारी सेवा में लौटने के संकेत दिए हैं. अपने सिलसिलेवार ट्वीट में शाह फैसल ने अपनी उन आदर्शवादी बातों का भी जिक्र किया है, जिनके कारण वे राजनीति में आए थे. साथ ही, नौकरी छोड़ने के बाद अपनी मनोस्थिति के बारे में भी चर्चा की. आईएएस से राजनेता बने शाह फैसल पहली बार सुर्खियों में 2009 में आए थे. तब उन्होंने यूपीएससी में टॉप किया था. टॉपर बनने वाले वह पहले कश्मीरी थे. 2019 में उन्होंने सरकार पर असहिष्णु होने का आरोप लगाते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 2019 में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अपना रोलमॉडल बताते हुए अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई. उनकी पार्टी का नाम जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट है. उनके इस कदम को कई लोगों ने खूब सराहा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने उन्हें 'कश्मीर का केजरीवाल' बताया था. उन्हें अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद उन्होंने राजनीति को भी अलविदा कह दिया.

shah faesal tweets
शाह फैसल के ट्वीट

उसके बाद से ही यह चर्चा शुरू हो गई थी कि शाह फैसल जल्द से नौकरी में लौट सकते हैं. उनके नौकरी में लौटने की संभावना इसलिए बरकरार रही क्योंकि सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था. बुधवार को किए गए अपने सिलसिलेवार ट्वीट में शाह फैसल ने लिखा कि मेरे जीवन के आठ महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) ने इतना कचरा पैदा किया कि मैं लगभग समाप्त हो गया था. एक कल्पना का पीछा करते हुए, मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया, जो मैंने वर्षों में बनाया था. काम, दोस्त, प्रतिष्ठा और सबकी गुडविल खो दी, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई. मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा है कि मैं अपनी गलतियों को सुधार लूंगा. जीवन में मुझे एक और मौका मिलेगा. अब उन आठ माहों की यादों का एक हिस्सा मिट चुका है और मैं उस विरासत को पूरी तरह मिटाना चाहता हूं. इसका बहुत कुछ हिस्सा पहले ही चला गया है, उम्मीद है कि बची बातों को भी समय मिटा देगा.

हालांकि फैसल ने यह नहीं बताया कि "एक और मौका" से उनका क्या मतलब है, लेकिन पिछले एक साल से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह सरकारी सेवा में वापस आ सकते हैं. दूसरी ओर, फैसल का नाम जम्मू-कश्मीर सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर फिर से आ गया है और उनके नाम के आगे 'वेटिंग ऑर्डर' लिखा हुआ है.

शाह फैसल ने कहा कि जीवन सुंदर है. यह हमेशा खुद को एक और मौका देने के लायक है. असफलताएं हमें मजबूत बनाती हैं. अतीत की छाया से अलग एक अद्भुत दुनिया है. मैं पिछले महीने 39 साल का हो गया हूं और वास्तव में फिर से शुरुआत करने के लिए उत्साहित हूं.

पढ़ें : पूर्वोत्तर से पूरी तरह आफस्पा हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं : प्रधानमंत्री मोदी

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के तेजतर्रार ब्यूरोक्रेट रहे शाह फैसल ने बुधवार शाम एक बार फिर सरकारी सेवा में लौटने के संकेत दिए हैं. अपने सिलसिलेवार ट्वीट में शाह फैसल ने अपनी उन आदर्शवादी बातों का भी जिक्र किया है, जिनके कारण वे राजनीति में आए थे. साथ ही, नौकरी छोड़ने के बाद अपनी मनोस्थिति के बारे में भी चर्चा की. आईएएस से राजनेता बने शाह फैसल पहली बार सुर्खियों में 2009 में आए थे. तब उन्होंने यूपीएससी में टॉप किया था. टॉपर बनने वाले वह पहले कश्मीरी थे. 2019 में उन्होंने सरकार पर असहिष्णु होने का आरोप लगाते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने 2019 में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अपना रोलमॉडल बताते हुए अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई. उनकी पार्टी का नाम जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट है. उनके इस कदम को कई लोगों ने खूब सराहा था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने उन्हें 'कश्मीर का केजरीवाल' बताया था. उन्हें अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटने के बाद गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद उन्होंने राजनीति को भी अलविदा कह दिया.

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शाह फैसल के ट्वीट

उसके बाद से ही यह चर्चा शुरू हो गई थी कि शाह फैसल जल्द से नौकरी में लौट सकते हैं. उनके नौकरी में लौटने की संभावना इसलिए बरकरार रही क्योंकि सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था. बुधवार को किए गए अपने सिलसिलेवार ट्वीट में शाह फैसल ने लिखा कि मेरे जीवन के आठ महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) ने इतना कचरा पैदा किया कि मैं लगभग समाप्त हो गया था. एक कल्पना का पीछा करते हुए, मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया, जो मैंने वर्षों में बनाया था. काम, दोस्त, प्रतिष्ठा और सबकी गुडविल खो दी, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई. मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा है कि मैं अपनी गलतियों को सुधार लूंगा. जीवन में मुझे एक और मौका मिलेगा. अब उन आठ माहों की यादों का एक हिस्सा मिट चुका है और मैं उस विरासत को पूरी तरह मिटाना चाहता हूं. इसका बहुत कुछ हिस्सा पहले ही चला गया है, उम्मीद है कि बची बातों को भी समय मिटा देगा.

हालांकि फैसल ने यह नहीं बताया कि "एक और मौका" से उनका क्या मतलब है, लेकिन पिछले एक साल से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह सरकारी सेवा में वापस आ सकते हैं. दूसरी ओर, फैसल का नाम जम्मू-कश्मीर सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर फिर से आ गया है और उनके नाम के आगे 'वेटिंग ऑर्डर' लिखा हुआ है.

शाह फैसल ने कहा कि जीवन सुंदर है. यह हमेशा खुद को एक और मौका देने के लायक है. असफलताएं हमें मजबूत बनाती हैं. अतीत की छाया से अलग एक अद्भुत दुनिया है. मैं पिछले महीने 39 साल का हो गया हूं और वास्तव में फिर से शुरुआत करने के लिए उत्साहित हूं.

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