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BJP में शामिल हुए पूर्व IAS अफसर एके शर्मा, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी - ak-sharma-joins-bjp

पूर्व IAS अधिकारी एके शर्मा लखनऊ में भाजपा में शामिल हुए. गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा ने बीजेपी से अपनी सियासी पारी शुरू की. आज प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की मौजूदगी में उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई गई.

भाजपा में शामिल हुए पूर्व IAS एके शर्मा
भाजपा में शामिल हुए पूर्व IAS एके शर्मा
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Published : Jan 14, 2021, 12:42 PM IST

Updated : Jan 14, 2021, 2:13 PM IST

लखनऊ : 2022 विधान सभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इससे पहले बीजेपी का दामन थामने वाले 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर ए.के. शर्मा का एमएसएमई सचिव (मझोले,लघु व सूक्ष्म मंत्रालय में सचिव) के पद से दो साल पहले वीआरएस लेना चर्चा का विषय बना हुआ था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें यूपी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि शर्मा करीब 20 सालों तक नरेंद्र मोदी के साथ काम किये हैं. विधान परिषद के सदस्य बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज पार्टी का झंडा पकड़े हैं, जो भी जिम्मेदारी दी जायेगी, उसे निभायेंगे.

मेरा कोई राजनीतिक परिवार नहीं: शर्मा
अरविंद शर्मा ने कहा कि बुधवार की रात में ही मुझे पार्टी ज्वाइन करने के लिए कहा गया. खुशी है कि मुझे ये मौका मिला है. पूर्वांचल के पिछड़े गांव से निकला हूं. कड़ी मेहनत और संघर्ष से आईएस बना. मैं किसी राजनीतिक परिवार से नहीं हूं. बिना किसी राजनीतिक बैकग्राउंड के हमें पार्टी में शामिल किया गया है. इस तरह के फैसले भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जैसे नेता ही कर सकते हैं. हालांकि पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव और पूर्व नौकरशाह शर्मा ने नहीं दिया. इस मौके पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, जेपीएस राठौर, प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित समेत पार्टी के दूसरे नेता मौजूद रहे.

कौन है अरविंद कुमार शर्मा
ए.के. शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वो पॉलिटिकल साइंस में फर्स्ट क्लास से मास्टर डिग्री प्राप्त ब्यूरोक्रेट हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के तत्कालीन आजमगढ़ के काझाखुर्द गांव में 11 अप्रैल 1962 को हुआ था, जो अब मऊ जिले के मुहम्मदाबाद गोहना तहसील में पड़ता है. इनके नाम कई सफलतायें दर्ज हैं. जिनमें टाटा नैनों को गुजरात लाने, प्रदेश में निवेश और वाइब्रेंट गुजरात समिट के आयोजनों में इनकी भूमिका अहम रही है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी और यूएसए से स्ट्रक्चरिंग टैरीफ की ट्रेनिंग भी ली है.

पढ़ें : बीजेपी के हुए पीडीपी नेता रमजान हुसैन, मोदी की नीति से आशान्वित

20 सालों से पीएम मोदी के हैं भरोसेमंद
जानकारी के मुताबिक ए के शर्मा पीएम मोदी के सबसे खास ब्यूरोक्रेट में से एक हैं. वे पिछले 20 सालों से नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद बने हुए हैं. जून 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही वे प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किये गये थे. 2017 में पदोन्नति मिलने के साथ वे वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं. शानदार गवर्नेंस, गंभीरता, व्यवहार कुशलता और दूरदर्शिता में उनको महारत हासिल है. उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसला लेने की क्षमता जैसे कई मुद्दों पर किये गए फेम इंडिया मैगजीन- एशिया पोस्ट के सालाना सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2019 में उनका प्रमुख स्थान रहा है.

लखनऊ : 2022 विधान सभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इससे पहले बीजेपी का दामन थामने वाले 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर ए.के. शर्मा का एमएसएमई सचिव (मझोले,लघु व सूक्ष्म मंत्रालय में सचिव) के पद से दो साल पहले वीआरएस लेना चर्चा का विषय बना हुआ था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें यूपी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि शर्मा करीब 20 सालों तक नरेंद्र मोदी के साथ काम किये हैं. विधान परिषद के सदस्य बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज पार्टी का झंडा पकड़े हैं, जो भी जिम्मेदारी दी जायेगी, उसे निभायेंगे.

मेरा कोई राजनीतिक परिवार नहीं: शर्मा
अरविंद शर्मा ने कहा कि बुधवार की रात में ही मुझे पार्टी ज्वाइन करने के लिए कहा गया. खुशी है कि मुझे ये मौका मिला है. पूर्वांचल के पिछड़े गांव से निकला हूं. कड़ी मेहनत और संघर्ष से आईएस बना. मैं किसी राजनीतिक परिवार से नहीं हूं. बिना किसी राजनीतिक बैकग्राउंड के हमें पार्टी में शामिल किया गया है. इस तरह के फैसले भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जैसे नेता ही कर सकते हैं. हालांकि पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव और पूर्व नौकरशाह शर्मा ने नहीं दिया. इस मौके पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, जेपीएस राठौर, प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित समेत पार्टी के दूसरे नेता मौजूद रहे.

कौन है अरविंद कुमार शर्मा
ए.के. शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वो पॉलिटिकल साइंस में फर्स्ट क्लास से मास्टर डिग्री प्राप्त ब्यूरोक्रेट हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के तत्कालीन आजमगढ़ के काझाखुर्द गांव में 11 अप्रैल 1962 को हुआ था, जो अब मऊ जिले के मुहम्मदाबाद गोहना तहसील में पड़ता है. इनके नाम कई सफलतायें दर्ज हैं. जिनमें टाटा नैनों को गुजरात लाने, प्रदेश में निवेश और वाइब्रेंट गुजरात समिट के आयोजनों में इनकी भूमिका अहम रही है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी और यूएसए से स्ट्रक्चरिंग टैरीफ की ट्रेनिंग भी ली है.

पढ़ें : बीजेपी के हुए पीडीपी नेता रमजान हुसैन, मोदी की नीति से आशान्वित

20 सालों से पीएम मोदी के हैं भरोसेमंद
जानकारी के मुताबिक ए के शर्मा पीएम मोदी के सबसे खास ब्यूरोक्रेट में से एक हैं. वे पिछले 20 सालों से नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद बने हुए हैं. जून 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही वे प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किये गये थे. 2017 में पदोन्नति मिलने के साथ वे वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय में एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं. शानदार गवर्नेंस, गंभीरता, व्यवहार कुशलता और दूरदर्शिता में उनको महारत हासिल है. उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसला लेने की क्षमता जैसे कई मुद्दों पर किये गए फेम इंडिया मैगजीन- एशिया पोस्ट के सालाना सर्वे असरदार ब्यूरोक्रेट्स 2019 में उनका प्रमुख स्थान रहा है.

Last Updated : Jan 14, 2021, 2:13 PM IST
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