नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने गुरुवार को ईटीवी भारत से कहा कि बड़े देश इजरायल और फिलिस्तीन दोनों के साथ राजनीति कर रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके के नेतृत्व में सिख समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अल-हिजा से मुलाकात की और इजरायल-हमास संघर्ष से प्रभावित लोगों को मदद की पेशकश की.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मंजीत सिंह ने कहा कि बड़े देश दोनों तरफ से राजनीति कर रहे हैं. गुरुवार को फिलिस्तीन के राजदूत ने हमें दोनों पक्षों के बीच लड़े गए युद्धों के इतिहास और संख्या के बारे में जानकारी दी. दोनों पक्षों में नियमित हत्याएं हो रही हैं. मौजूदा संघर्ष में लगभग 13,000 लोग मारे जा चुके हैं. हम ऐसे हमलों की निंदा करते हैं और हत्याएं बंद होनी चाहिए. दोनों पक्षों को टेबल पर आकर बातचीत करनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि कई बच्चे और बुजुर्ग मारे जा रहे हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं है. संघर्ष पर भारत का रुख सरकार का निर्णय है. हम यहां यह तय करने के लिए नहीं हैं कि कौन सही है या गलत. हम दोनों पक्षों को आवश्यक किसी भी प्रकार की मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए यहां हैं. बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल ने राजदूत को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें मौजूदा संघर्ष के बारे में अपनी चिंताओं का उल्लेख किया गया और मदद की पेशकश की गई.
ज्ञापन में कहा गया कि हम समझते हैं कि फ़िलिस्तीन वर्तमान में मानवीय संकट का सामना कर रहा है और हम फ़िलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता और उनकी नागरिक और खाद्य आपूर्ति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी सहायता प्रदान करते हैं. दुनिया भर के सिख पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष को लेकर बेहद चिंतित हैं, जिसके परिणामस्वरूप इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों में बहुमूल्य जानों की हानि हुई है.
इसमें कहा गया कि हमारे समुदाय ने हमेशा वैश्विक शांति और सद्भाव की कसम खाई है. हम सभी पक्षों से युद्ध में शामिल होने से दूर रहने और वैश्विक शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करते हैं. इसके अलावा, भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर सिंह ने कहा कि यह सब तब भड़का जब पीएम ट्रूडो ने आरोप लगाया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों का हाथ था. अगर वह ऐसा आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें सबूत देना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि बात करना कनाडा और भारत दोनों के हित में है क्योंकि वीजा के निलंबन से न केवल सिख बल्कि कई अन्य लोग भी पीड़ित हैं, जिनके लिए अपने देश की यात्रा करना मुश्किल हो गया है. मंजीत सिंह जीके ने ईटीवी भारत को बताया कि एसएफजे का गुरपवंत सिंह पन्नून आईएसआईएस के पेरोल पर है और भारत के खिलाफ हिंसा को अंजाम देता रहा है. आईएसआईएस देश में वैमनस्यता का बीज नहीं डाल सकता. हम अपने देश के लिए खड़े हैं.