नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व नेता कुलदीप बिश्नोई आज यानी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये. भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय में वह पार्टी में शामिल हुए. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस दौरान मौजूद रहे. कांग्रेस ने जून में हुए राज्यसभा चुनाव में बिश्नोई के 'क्रॉस वोटिंग' करने के बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था. हरियाणा के हिसार जिले की आदमपुर सीट से विधायक बिश्नोई (53) ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था.
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी से मैं बहुत प्रभावित हूं और मुझे लगता की अभी तक के इतिहास में नरेंद्र मोदीजी सबसे अच्छे प्रधान मंत्री रहे हैं. गरीबों और दलितों के लिए वे काफी सोचते हैं. मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लालखट्टर जी से भी बहुत प्रभावित हूं. उन्होंने कहा की जब अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से मैंने पूछा की मैं बीजेपी ज्वाइन कर लूं तो सबने खुले दिल से समर्थन किया. इस मौके पर मौजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुलदीप बिश्नोई को बीजेपी की सदस्यता दिलाई,और उनके इस कदम की सराहना भी की. इस मौके पर मौजूद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा की राजस्थान में बिश्नोई समाज का बड़ा वर्ग है और कुलदीप जी के आने से राजस्थान में लाभ होगा.
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बिश्नोई ने बुधवार को कहा था कि यह भाजपा तय करेगी कि आदमपुर से उपचुनाव कौन लड़ेगा, लेकिन वह और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि उनके बेटे भव्य बिश्नोई वहां से चुनाव लड़ें. गौरतलब है कि चार बार विधायक और दो बार सांसद रहे बिश्नोई कांग्रेस से पहले से ही नाराज चल रहे थे. इस साल की शुरुआत में उन्हें कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख पद पर नियुक्त न किए जाने के बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए थे. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई दूसरी बार कांग्रेस से नाता तोड़ रहे हैं. पार्टी से अलग होने के बाद करीब छह साल पहले ही वह दोबारा कांग्रेस से जुड़े थे.
वर्ष 2005 में राज्य में कांग्रेस की जीत के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बिश्नोई और उनके पिता भजनलाल ने 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) बनाई थी. हजकां ने बाद में भाजपा और दो अन्य दलों के साथ गठबंधन कर लिया था और 2014 का लोकसभा चुनाव हरियाणा में साथ लड़ा था. हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया था.
प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से नाराज थे कुलदीप बिश्नोई: इससे पहले बीते दिनों हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था, लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. फिलहाल बिश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है अगर वह इस्तीफा देते हैं तो उपचुनाव होना तय है.
आंकड़ों के अनुसार 2014 से 2021 तक 35 प्रतिशत से ज्यादा विधायक कांग्रेस छोड़ कर भाजपा और दूसरी पार्टियों में शामिल हो गये है. इनमें प्रमुख नाम हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुनील जाखड़, चौधरी बिरेंद सिंह, रीता बहुगुणा जोशी, विजय बहुगुणा, जतिन प्रसाद, आरपीएन सिंह आदि. इनके अलावा भी काफी संख्या में कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने भाजपा का दामन थामा है. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र कुलदीप बिश्नोई को भी इसी क्रम देखा जाना चाहिए.