लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पुर्नगठन के लिए मंगलवार को चुनाव हुए थे. इस चुनाव में बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सैय्यद वासिम रिजवी जीत गए हैं. जानकारी के मुताबिक उनके साथ लखनऊ के ही सैय्यद फैजी भी सदस्य चुने गये हैं. इनके अलावा सांसद कोटे से रामपुर से कांग्रेस की पूर्व एमपी बेगम नूरबानो निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं. दोनों सदस्यों को 21-21 वोट मिले जबकि चुनाव लड़ रहे अशफाक को 6 और मुशर्रफ को 5 वोट मिले.
शिया वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नसीर हसन ने मुतवल्ली और सांसद कोटे के चुनाव के परिणामों की जानकारी देते हुए बताया कि मुतवल्ली कोटे से 17 अप्रैल को कुल सात लोगों ने नामांकन दाखिल किये थे. जिनमें से दो सदस्यों के चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में कुल 29 वोट पड़े जिनमें से दो वोट अवैध हो गये. बाकी प्रथम वरीयता में 27 में 21 वोट वसीम रिजवी को और 6 वोट फैजाबाद के अशफाक हुसैन उर्फ जिया को मिले.
दूसरी वरीयता में 21 वोट सैय्यद फैजी को मिले और 6 वोट उन्नाव के सैय्यद मुशर्रफ हुसैन रिजवी को मिले. सांसद कोटे से चुंकि कांग्रेस की रामपुर से पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने अकेले ही नामांकन किया था इसलिए वह निर्विरोध चुनी गयीं. अब बोर्ड का पुर्नगठन करने के लिए प्रदेश सरकार एक विधायक को नामित करेगी.
बता दें, सत्तारूढ़ भाजपा के पास शिया समुदाय के दो विधायक हैं राज्य मंत्री मोहसिन रजा और एमएलसी बुक्कल नवाब. चूंकि मोहसिन रजा राज्य मंत्री के पद पर हैं इसलिए वह बोर्ड के सदस्य नहीं बन सकते, ऐसी सूरत में बुक्कल नवाब को ही बोर्ड का सदस्य नामित किये जाने के आसार हैं. विधायक कोटे के अलावा प्रदेश सरकार की ओर से शिया समुदाय से दो अधिवक्ता, एक धर्मगुरू, एक समाजसेवी और एक सरकारी अधिकारी नामित किये जाएंगे.
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वहीं, इस मसले पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने सरकार से मांग की थी कि वसीम रिजवी को ट्रस्टी कोटे से वोट देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसी वजह से उन्होंने सभी सदस्यों से वसीम रिजवी का समर्थन नहीं करने की अपील भी की थी.
बता दें, कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद शिया विद्वानों ने वसीम रिजवी को शिया और इस्लाम से निष्कासित कर दिया था.