बीजापुर: विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर हुए नक्सली हमले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने इस पर सवाल उठाया है. उन्होंने इस नक्सली हमले को प्रायोजित बताया है. इसकी आशंका जताते हुए उन्होंने सीएम से जांच की मांग की है. भैरमगढ़ स्थित अपने निवास पर प्रेसवार्ता कर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने विधायक के काफिले पर हुए हमले की निंदा की. साथ ही विधायक और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. गागड़ा ने सवाल किया कि "विधायक को पुलिस बिना सुरक्षा के कैसे जाने दिया गया. अगर पुलिस के मना करने के बावजूद भी विधायक गए हैं तो इतना आत्मविश्वास कैसे. क्षेत्र के जानते हैं कि विधायक का नक्सल संबंध है, लेकिन ये जांच का विषय है."
नक्सल मोर्चे पर सरकार को बताया विफल: गागड़ा ने आगे कहा कि "विधायक हमेशा भाजपा पर आरोप लगाते रहे हैं कि कोई नक्सली डर नही है. भाजपा के लोग गांव में जाकर काम करना नहीं चाहते. अब विधायक बताएं. खुद पर हमला हुआ है, इस पर क्या कहेंगे. कहीं न कहीं सरकार नक्सल मोर्चे पर विफल है. सरकार बैकफुट पर आ गई है."
लोकप्रियता के लिए खेल करने का आरोप: इस घटना को लोकप्रियता के लिए खेला गया खेल होने की आशंका महेश गागड़ा ने की है. गागड़ा ने मुख्यमंत्री से जांच की भी मांग की है. गागड़ा ने कहा कि "विधायक बिना सुरक्षा के अंदरूनी क्षेत्रों में जाते हैं. इस प्रकार की अनदेखी सुरक्षा के साथ विधायक न करें. हमने भी भाजपा के कई नेता खोए हैं. ऐसी घटना किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए."
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गृहमंत्री और विधायक के बयान में मेल नहीं: प्रदेश के गृहमंत्री और विधायक के बयान के मेल न खाने को लेकर महेश गागड़ा ने कहा कि "कांग्रेस सरकार में 4 साल से कोई तालमेल नहीं है." गृहमंत्री को निष्क्रिय बताते हुए गागड़ा ने कहा कि "चार सालों से लगातार बस्तर में कई बड़ी घटना हुई. पहली बार बयान आया है. जनप्रतिनिधियों पर खतरा है. जिनको सुरक्षा देकर वापस लिया गया है, उन्हें वापस सुरक्षा दी जाए."