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दो दशकों  में पुर्नविकसित हुए फ्रांस जितने बड़े जंगल : वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर - existing forests absorb more planet warming gasses

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF), जो कि एक संरक्षण समूह है उसकी रिसर्च टीम ने उपग्रह डेटा के विश्लेषण किया, जिसके बाद खुलासा किया गया है कि लगभग 5 करोड़ 9 लाख (59 मिलियन) हेक्टर के जंगल पुनर्जनन हो गए हैं.

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Published : May 21, 2021, 9:03 PM IST

Updated : May 21, 2021, 10:45 PM IST

हैदराबाद : संरक्षण समूह वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) की रिसर्च टीम ने सेटेलाइट डेटा का विश्लेषण किया और उसके बाद खुलासा किया कि लगभग 59 मिलियन हेक्टर के जंगल पुनर्जीवित हो गए हैं.

अध्ययन में पाया गया कि ये जंगल मंगोलिया से दक्षिण ब्राजील तक पिछले 20 सालों में पुनर्जीवित हुए हैं. यह जंगल इतने बड़े हैं कि पूरे फ्रांस को ढक सकते हैं. इस जंगल में 5.9 गिगाटन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) को अवशोषित करने की क्षमता है. यह संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के सालाना उत्सर्जन से ज्यादा है.

शोध ने उन जंगलों में किया गया, जो या तो खुद या फिर थोड़ी मानवीय सहायता से पुनर्जीवित हो गए.

वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए पेड़ लगाने से बेहतर है कि जंगलों को संरक्षित और पुनर्जनन किया जाए, क्योंकि मौजूदा जंगल ग्रह को गर्म करने वाली गैस को ज्यादा अवशोषित करते हैं. ऐसा करने से वाइल्ड लाइफ और बायोडायवर्सिटी (जैव विविधता) भी सुरक्षित रहती है.

शोध से सामने आया कि ब्राजील का अटलांटिक जंगल अभी भी अपने मूल आकार का केवल 12% है और अभी भी इसको अपने पूरे आकार में आने के लिए दोगुना फैलने की जरूरत है.

इसके अलावा एक अलग अध्ययन से पता चला है कि 386 मिलियन हेक्टेयर वृक्षारोपण- प्राकृतिक रूप से पुनर्जनन वन की तुलना में सात गुना अधिक क्षेत्र को कवर करता है, जो विश्व स्तर पर पिछले 2 दशकों में खो गया.

पढ़ें - कोरोना महामारी के दौरान बन गए अरबपति, एक नजर

यूके के डब्ल्यूडब्ल्यूएफ प्रकृति-आधारित समाधानों के निदेशक विलियम बाल्डविन-कैंटेलो (William Baldwin-Cantello) का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में वन पुनर्जनन एक महत्वपूर्ण उपकरण है.

हैदराबाद : संरक्षण समूह वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) की रिसर्च टीम ने सेटेलाइट डेटा का विश्लेषण किया और उसके बाद खुलासा किया कि लगभग 59 मिलियन हेक्टर के जंगल पुनर्जीवित हो गए हैं.

अध्ययन में पाया गया कि ये जंगल मंगोलिया से दक्षिण ब्राजील तक पिछले 20 सालों में पुनर्जीवित हुए हैं. यह जंगल इतने बड़े हैं कि पूरे फ्रांस को ढक सकते हैं. इस जंगल में 5.9 गिगाटन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) को अवशोषित करने की क्षमता है. यह संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के सालाना उत्सर्जन से ज्यादा है.

शोध ने उन जंगलों में किया गया, जो या तो खुद या फिर थोड़ी मानवीय सहायता से पुनर्जीवित हो गए.

वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए पेड़ लगाने से बेहतर है कि जंगलों को संरक्षित और पुनर्जनन किया जाए, क्योंकि मौजूदा जंगल ग्रह को गर्म करने वाली गैस को ज्यादा अवशोषित करते हैं. ऐसा करने से वाइल्ड लाइफ और बायोडायवर्सिटी (जैव विविधता) भी सुरक्षित रहती है.

शोध से सामने आया कि ब्राजील का अटलांटिक जंगल अभी भी अपने मूल आकार का केवल 12% है और अभी भी इसको अपने पूरे आकार में आने के लिए दोगुना फैलने की जरूरत है.

इसके अलावा एक अलग अध्ययन से पता चला है कि 386 मिलियन हेक्टेयर वृक्षारोपण- प्राकृतिक रूप से पुनर्जनन वन की तुलना में सात गुना अधिक क्षेत्र को कवर करता है, जो विश्व स्तर पर पिछले 2 दशकों में खो गया.

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यूके के डब्ल्यूडब्ल्यूएफ प्रकृति-आधारित समाधानों के निदेशक विलियम बाल्डविन-कैंटेलो (William Baldwin-Cantello) का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में वन पुनर्जनन एक महत्वपूर्ण उपकरण है.

Last Updated : May 21, 2021, 10:45 PM IST
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