नई दिल्ली : वन क्षेत्र में कितने लोग कार्यरत हैं, इसका पूरी तरह से अनुमान लगाना काफी कठिन है. फिर भी, आईएलओ, एफएओ और थुनेन-वानिकी संस्थान वन से संबंधित गतिविधियों में वैश्विक कार्यबल का अनुमान लगाने और इस क्षेत्र में श्रम बाजार के रुझानों पर जानकारी व आंकड़ों को शेयर करते हुए एक दिशा प्रदान करने की कोशिश की है. वन और वन क्षेत्रों में लाखों लोगों के लिए रोजगार के अलग अलग तरह के अवसर हैं. आजीविका और आय के महत्वपूर्ण स्रोत भी हैं. यह क्षेत्र खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उपयोगी कहा जाता है.
आकड़ों में देखा जाय तो वर्तमान में वैश्विक भूमि क्षेत्र का 31 प्रतिशत इलाका वन के रूप में मिलता है. हालांकि वे दुनिया भर में वन समान रूप से वितरित नहीं हैं. विश्व के आधे से अधिक वन केवल पांच देशों (रूसी संघ, ब्राजील, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन) में पाए जाते हैं और दो-तिहाई (66 प्रतिशत) वन दस देशों में पाए जाते हैं.
इन 10 देशों ने 2017 और 2019 के बीच वन से संबंधित गतिविधियों में अनुमानित वार्षिक औसत 18.6 मिलियन श्रमिकों को रोजगार दिया था. दुनिया भर में वन क्षेत्र ने अनुमानित 33 मिलियन व्यक्तियों को वैश्विक स्तर पर रोजगार दिया है, जो कुल रोजगार का 1 प्रतिशत माना जाता है. हालाँकि एशिया में दुनिया के वन क्षेत्रों का सिर्फ 15 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन वैश्विक वन क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई श्रमिक इस क्षेत्र में थे.
वन क्षेत्र में भी कई कृषि गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जिसमें वानिकी और पेड़ों की कटाई छटाई का काम प्रमुख है. इस क्षेत्र का आधे से अधिक रोजगार (58 प्रतिशत) लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों के निर्माण में है, अन्य 18 प्रतिशत लुगदी और कागज निर्माण में है.
रोजगार में कमी
2011 और 2013 के बीच वन संबंधी गतिविधियों में कार्यरत 39.5 मिलियन व्यक्तियों की तुलना में वर्तमान वैश्विक रोजगार आंकड़ा 15 प्रतिशत की समग्र गिरावट देखी गयी है. यह परिवर्तन अमेरिका और एशिया में सबसे अधिक दिखाई देता है. इस बीच, अफ्रीका में वन श्रमिकों की संख्या में वृद्धि हुई और यूरोप और ओशिनिया में अनिवार्य रूप से अपरिवर्तित रही. समग्र गिरावट को आंशिक रूप से मशीनीकरण के बढ़े हुए स्तरों और परिणामी श्रम उत्पादकता लाभ द्वारा समझाया गया है.
एक पुरुष प्रधान क्षेत्र
वन क्षेत्र में महिलाओं का काफी कम प्रतिनिधित्व है. 69 देशों के आंकड़ों का उपयोग करने वाले अनुमानों के अनुसार, 2017 और 2019 के बीच वन संबंधी गतिविधियों में कुल रोजगार का एक चौथाई से भी कम हिस्सा उनका था. इस आंकड़े को वन क्षेत्र के काम की प्रकृति से आंशिक रूप से समझाया जा सकता है. पेड़ों की कटाई छटाई और लकड़ी आधारित उद्योगों के कार्यों में आमतौर पर गहन शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है, जो महिला भागीदारी को कम करता है. बल्कि, महिला कार्यकर्ताओं को वानिकी व प्रशासनिक कार्यों में शामिल किया जाता है. महिलाएं गैर-लकड़ी वन उत्पादों को इकट्ठा करने या लकड़ी का कोयला बनाने में भी संलग्न रहती हैं, जिन्हें अक्सर घर के काम या निर्वाह गतिविधियों के रूप में देखा जाता है. हालांकि इस प्रकार आंकड़ों को रोजगार के रूप में शामिल नहीं किया जाता है.
अनौपचारिक रोजगार की उच्च दर
विशेष रूप से निम्न आय वाले देशों में वन-संबंधी रोजगार को एक अनौपचारिक रोजगार माना जाता है. उपलब्ध आंकड़ों के साथ 56 देशों पर आधारित अनुमान बताते हैं कि 2017 और 2019 के बीच वन-संबंधी रोजगार का 77 प्रतिशत अनौपचारिक था. अफ्रीका और एशिया में यह अनुमान कुल वन-संबंधित रोजगार के 80 प्रतिशत से अधिक है, अनौपचारिक से 10 प्रतिशत अंक अधिक है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप