नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर आज पांच दिवसीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे. जहां उनके अमेरिकी कंपनियों के साथ कोविड-19 रोधी टीके, घरेलू उत्पादन के लिये कच्चे माल की खरीद और टीकों के संयुक्त उत्पादन की संभावना के बारे में चर्चा करने की संभावना है.
विदेश मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर 24 से 28 मई 2021 तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे. न्यूयार्क में उनके संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मुलाकात करने की संभावना है. मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ चर्चा करेंगे. वे अमेरिकी मंत्रिमंडल के सदस्यों एवं वहां के प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा करेंगे.
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External Affairs Minister Dr S Jaishankar arrives in New York, tweets Ambassador of India to UN TS Tirumurti
— ANI (@ANI) May 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
As EAM begins his 5-day US visit today, he is expected to meet UNSG Antonio Guterres here & will later hold discussions with Secy of State Antony Blinken in Washington DC pic.twitter.com/CrdJ4MsV2E
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— ANI (@ANI) May 24, 2021
As EAM begins his 5-day US visit today, he is expected to meet UNSG Antonio Guterres here & will later hold discussions with Secy of State Antony Blinken in Washington DC pic.twitter.com/CrdJ4MsV2EExternal Affairs Minister Dr S Jaishankar arrives in New York, tweets Ambassador of India to UN TS Tirumurti
— ANI (@ANI) May 24, 2021
As EAM begins his 5-day US visit today, he is expected to meet UNSG Antonio Guterres here & will later hold discussions with Secy of State Antony Blinken in Washington DC pic.twitter.com/CrdJ4MsV2E
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जनवरी में सत्ता संभालने के बाद भारत के किसी वरिष्ठ मंत्री की यह पहली यात्रा होगी. समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान जयशंकर भारत में कोविड-19 रोधी टीके के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिये अमेरिका से कच्चे माल की आपूर्ति तेज करने पर जोर दे सकते हैं. साथ ही टीके के संयुक्त उत्पादन की संभावना के बारे में भी वह चर्चा करेंगे. मंत्रालय के बयान के अनुसार, विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान उनका, भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक एवं कोविड-19 महामारी से जुड़े सहयोग को लेकर कारोबारी मंचों से संवाद का कार्यक्रम है.
भारत में ऐसा विचार भी सामने आया है कि अमेरिका के रक्षा उत्पादन अधिनियम के तहत अमेरिकी कंपनियों के कच्चे माल के निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लगाया गया है. फरवरी के प्रारंभ में अमेरिकी सरकार ने टीके के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कच्चे माले के निर्यात की सीमा तय कर दी थी. जयशंकर की अमेरिका यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब एक दिन पहले ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत, अमेरिकी उद्यमों के साथ कोविड-19 रोधी टीकों की खरीद और बाद में देश में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहा है.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर से प्रभावित भारत कोविड-19 रोधी टीके के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के साथ विदेशों से टीके की खरीद पर जोर दे रहा है. बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि एक बार टीके खरीद या उत्पादन के माध्यम से उपलब्ध हो जाते हैं तब इससे देश में टीके की उपलब्धता की स्थिति मतबूत होगी.
अमेरिकी द्वारा दूसरे देशों को टीके उपलब्ध कराने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने उन खबरों को देखा है जिसमें अमेरिकी सरकार ने दूसरे देशों को कुछ मात्रा में टीके उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बारे में हमारे पास अभी और जानकारी नहीं है. हाल ही में अमेरिकी दूतावास के अधिकारी डेनियल बी स्मिथ ने कहा था कि अमेरिका जानसन एंड जानसन के कोविड-19 रोधी टीके के भारत में संयुक्त उत्पादन को उत्सुक है और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जैसे विनिर्माताओं को उत्पादन बढ़ाने में मदद भी करना चाहता है.
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भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले हाल में तेजी से बढ़ने के दौरान अमेरिका ने महामारी से मुकाबला करने के लिये छह विमानों से जीवन रक्षक दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति की. इसी महीने अमेरिका ने टीके के उत्पादन के लिये भारत को कच्चा माल भेजा था जिसमें बारे में उसने कहा था कि इससे कोविशिल्ड टीके की 2 करोड़ खुराक तैयार की जा सकती है.