मदुरै (तमिलनाडु): तंजावुर में एक 17 वर्षीय छात्रा की 19 जनवरी को अस्पताल में मौत हो गई थी. उसकी एक सहपाठी का कहना था कि उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कथित तौर पर विवश किया गया. इस संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था. स्कूल प्रबंधन ने आरोप से इनकार कर दिया था और इसके पीछे निहित स्वार्थों को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद से इस मामले ने काफी तूल पकड़ रखा है.
सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. इस पर तमिलनाडु को बीजेपी अध्यक्ष ने ट्वीट किया, 'मामला सीबीआई को सौंपा गया. न्याय के लिए खड़े होने के लिए मदुरै उच्च न्यायालय का आभारी हूं.'
भाजपा पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख पूर्व आईपीएस के. अन्नामलाई ने दावा किया कि न्याय की लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं है.
एनसीपीसीआर दल ने अधिकारियों से मुलाकात की
उधर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के 'तथ्य अन्वेषण दल' ने नाबालिग लड़की की आत्महत्या के संबंध में जिला अधिकारियों और अन्य लोगों से सोमवार को मुलाकात की. ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि लड़की ने ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए मजबूर किये जाने के बाद यह कदम उठाया. एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय दल ने जिले के उस स्कूल का भी दौरा किया जहां पीड़ित लड़की पढ़ाई कर रही थी.
कानूनगो ने इससे पहले अनुरोध किया था कि जो इस मुद्दे के संबंध में 'तथ्य अन्वेषण दल' की मदद करना या कोई सूचना देना चाहता है तो वह उनसे यहां रेलवे अधिकारियों के गेस्ट हाउस में मिल सकता है, जहां सोमवार को बैठकें हुई.
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बंद कमरे में हुई बैठक में एनसीपीसीआर दल ने जिला पुलिस प्रमुख, पोस्टमार्टम करने वाले सरकारी चिकित्सकों, स्थानीय ग्रामीणों, स्कूल के प्रतिनिधियों और स्कूल के कुछ मौजूदा और भूतपूर्व छात्रों से मुलाकात की.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले तंजावुर में मिशनरी स्कूल की 17 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी.