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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों से मिलेंगी वित्त मंत्री सीतारमण

बैंक प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बैठक में बैंकिंग क्षेत्र का जायजा लेने और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित पुनर्गठन-दो योजना के मामले में प्रगति की समीक्षा की उम्मीद है. बैंकों से उत्पादक क्षेत्रों में ऋण बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है.

निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण
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Published : Aug 24, 2021, 9:57 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी. बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के समर्थन में उनकी तरफ से उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी.

मांग बढ़ाने और खपत में तेजी लाने के लिहाज से बैंकों का काफी महत्व है. ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशक और सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) के साथ बैठक महत्वपूर्ण है.

हाल ही में, वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है.

सूत्रों ने कहा कि बैठक में बैंकिंग क्षेत्र का जायजा लेने और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित पुनर्गठन-दो योजना के मामले में प्रगति की समीक्षा की उम्मीद है. बैंकों से उत्पादक क्षेत्रों में ऋण बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है.

मुंबई में होने वाली बैठक में संशोधित 4.5 लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की भी समीक्षा किए जाने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार इसके अलावा वित्त मंत्री फंसे कर्ज या गैर-निष्पादित परिसंपत्ति की स्थिति और उसकी वसूली के लिए बैंकों के विभिन्न उपायों का भी जायजा ले सकती हैं.

यह भी पढ़ें- सीतारमण का बड़ा एलान- नौकरी खोने वालों का पीएफ 2022 तक भरेगी केंद्र सरकार

गौरतलब है कि बैंकों का फंसा कर्ज 31 मार्च, 2021 को घटकर 6,16,616 करोड़ रुपये (अस्थायी आंकड़ा) पर आ गया जो 31 मार्च, 2020 को 6,78,317 करोड़ रुपये तथा 31 मार्च, 2019 को 7,39,541 करोड़ रुपये पर था.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी. बैठक में बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन और महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के समर्थन में उनकी तरफ से उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी.

मांग बढ़ाने और खपत में तेजी लाने के लिहाज से बैंकों का काफी महत्व है. ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशक और सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) के साथ बैठक महत्वपूर्ण है.

हाल ही में, वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार कोविड-19 महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है.

सूत्रों ने कहा कि बैठक में बैंकिंग क्षेत्र का जायजा लेने और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित पुनर्गठन-दो योजना के मामले में प्रगति की समीक्षा की उम्मीद है. बैंकों से उत्पादक क्षेत्रों में ऋण बढ़ाने के लिए कहा जा सकता है.

मुंबई में होने वाली बैठक में संशोधित 4.5 लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की भी समीक्षा किए जाने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार इसके अलावा वित्त मंत्री फंसे कर्ज या गैर-निष्पादित परिसंपत्ति की स्थिति और उसकी वसूली के लिए बैंकों के विभिन्न उपायों का भी जायजा ले सकती हैं.

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गौरतलब है कि बैंकों का फंसा कर्ज 31 मार्च, 2021 को घटकर 6,16,616 करोड़ रुपये (अस्थायी आंकड़ा) पर आ गया जो 31 मार्च, 2020 को 6,78,317 करोड़ रुपये तथा 31 मार्च, 2019 को 7,39,541 करोड़ रुपये पर था.

(पीटीआई-भाषा)

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