ETV Bharat / bharat

Flower Price Hike: नेताओं की वजह से एमपी में त्योहार पर फूलों का टोटा, महाराष्ट्र से बुलाए गए.. अब कीमत हुई दुगनी - चुनावी माहौल के कारण इंदौर की फूल मंडी

MP Assembly Election 2023: प्रियंका गांधी को बिना फूलों का गुलदस्ता भेंट होने के पीछे की असल वजह ये भी चुनाव ही हैं, नेताओं पर रैलियों में हो रही फूलों की बारिश और मालाओं ने एन त्योहार के समय एमपी में फूलों का टोटा कर दिया है. त्योहार में आम आदमी को मंहगी कीमत पर फूल खरीदने पड़ेंगे फिलहाल महाराष्ट्र से फूलों की आवक हो रही है.

Flower Price Hike
त्योहार पर फूलों का टोटा
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 10, 2023, 11:04 AM IST

Updated : Nov 10, 2023, 11:32 AM IST

नेताओं की वजह से एमपी में त्योहार पर फूलों का टोटा

इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के कारण जहां प्रदेश घर में चुनावी प्रचार के साथ स्वागत सत्कार का दौर चरम पर है, वहीं इस चुनावी माहौल ने इन दिनों फूलों के बाजार को भी गुलजार कर रखा है. स्थिति यह है कि दिवाली के सीजन के बावजूद जो फूल बाजार में मंदी की मार झेल रहे थे, वह अब चुनावी स्वागत सत्कार के कारण दुगुने भाव में बिक रहे हैं.

फूलों की ब्रिकी से आई व्यापारी के चेहरे पर खुशी: मध्य प्रदेश के चुनावी माहौल के कारण इंदौर की फूल मंडी अब सुबह से लेकर शाम तक तरह-तरह के फूलों से सजी हुई है, दरअसल इसकी वजह है मंडी में और दुकानों पर दिनभर आने वाले चुनावी कार्यकर्ता जो प्रत्याशियों पर फूल बरसाने के अलावा फूलमाला के लिए फूलों की खरीदी करने पहुंच रहे हैं. इस स्थिति के चलते सितंबर, अक्टूबर के माह में जो लेमन गेंदा 30 रुपए किलो बिक रहा था, वह अब 60 से ₹70 किलो बिक रहा है. यही स्थिति ₹60 किलो बिकने वाले खुले गुलाब की थी, जिसकी कीमत अब 120 से 150 रुपए किलो हो चुकी है.

इसी तरह सेवंती ₹150 से ₹160 किलो के भाव में मौजूद है, जबकि डिवाइन के फूल अब 150 से ₹200 किलो हो चुके हैं. अचानक चुनावी मौसम में फूलों के दाम बढ़ने का फायदा मंडी व्यापारियों को ज्यादा हो रहा है, क्योंकि अंचल के किसान पहले जो फूल लेकर मंदिरों में पहुंच रहे थे उन्हें सुबह ही फूल बेचकर जाना होता था, लेकिन अब मंडी में ग्राहकी दिनभर की बनी हुई है. जिसे लेकर न केवल चुनावी कार्यकर्ता बल्कि फूल बेचने वाले व्यापारी भी खासे खुश नजर आ रहे हैं.

फूल की कीमत दुगनी हुई: खुले फूल के अलावा नेताओं को पहने जाने वाली माला की दर भी दुगनी हो गई है, इंदौर में सामान्य रूप से गेंदे के फूल की जो माल 20 से 30 रुपए में बिकती थी, अब 50 से काम नहीं है. यही स्थिति गुलाब की मालाओं की है जो 150 से 200 रुपए तक पहुंच गई है, जबकि गेंदे के साथ सेवंती और जरबेरा जैसे फूल की माला फूलों की क्वालिटी और प्रकार के कारण कोई भी ₹100 से कम की नहीं है. फिलहाल फूल और फूलों से तैयार होने वाली माला की कीमतें दीपावली के बाद तक ऐसी ही रहने वाली हैं.

Also Read:

70 फीसदी बढ़ गई आवक: इंदौर में स्थानीय किसानों के अलावा निमाड़ से सटे हुए कुछ इलाके और महाराष्ट्र से फूलों की आवक होती है, फिलहाल दीपावली और शादी के सीजन में फूलों की आवक 70 प्रतिशत तक बढ़ गई है. फूल व्यापारी बताते हैं कि "आजकल 70% आवक में से 30 फीसदी फूल चुनावी स्वागत सत्कार में उपयोग हो रहा है, जबकि बाकी फूल दुकान और मंडी से ग्राहकों द्वारा सीधे खरीदे जा रहे हैं. हालांकि व्यापारियों को फिलहाल उम्मीद है कि धनतेरस और दीपावली के त्योहार के चलते तो फूलों की मांग भी जबरदस्त होगी, न केवल व्यापारियों को बल्कि किसानों को भी फूलों के भाव के कारण बाजार गुलजार रहने का फायदा मिलेगा. वहीं चुनावी उपयोग में भी फूलों की आपूर्ति लगातार जारी रहेगी."

कार्यकर्ता खरीदते हैं सस्ते वाले फूल: दरअसल नेताओं के स्वागत और उन पर फूल बरसाने के लिए जो फूल खरीदा जाता है, वह औसत दर्जे का होता है. क्योंकि फूल को इकट्ठा बरसाया जाता है, ऐसी स्थिति में नेताओं के कार्यकर्ता और स्वागत सत्कार करने वाले मतदाता महंगे फूल की जगह सस्ते फूल का उपयोग ज्यादा करते हैं. इसकी एक वजह यह है कि उनके प्रत्याशी का फूलों से स्वागत भी हो जाता है और लगभग आधी कीमत में फूलों की भी खरीदी हो जाती है. यह बात और है कि नेताओं के लिए उपयोग होने वाले फूल कीमत में आधे होने के कारण क्वालिटी में भी निम्न स्तर के होते हैं, लेकिन कार्यकर्ता और नेता जानते-बूझते भी महंगे फूलों की जगह नेताओं के लिए आधी कीमत वाले फूल ही खरीदते हैं.

नेताओं की वजह से एमपी में त्योहार पर फूलों का टोटा

इंदौर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के कारण जहां प्रदेश घर में चुनावी प्रचार के साथ स्वागत सत्कार का दौर चरम पर है, वहीं इस चुनावी माहौल ने इन दिनों फूलों के बाजार को भी गुलजार कर रखा है. स्थिति यह है कि दिवाली के सीजन के बावजूद जो फूल बाजार में मंदी की मार झेल रहे थे, वह अब चुनावी स्वागत सत्कार के कारण दुगुने भाव में बिक रहे हैं.

फूलों की ब्रिकी से आई व्यापारी के चेहरे पर खुशी: मध्य प्रदेश के चुनावी माहौल के कारण इंदौर की फूल मंडी अब सुबह से लेकर शाम तक तरह-तरह के फूलों से सजी हुई है, दरअसल इसकी वजह है मंडी में और दुकानों पर दिनभर आने वाले चुनावी कार्यकर्ता जो प्रत्याशियों पर फूल बरसाने के अलावा फूलमाला के लिए फूलों की खरीदी करने पहुंच रहे हैं. इस स्थिति के चलते सितंबर, अक्टूबर के माह में जो लेमन गेंदा 30 रुपए किलो बिक रहा था, वह अब 60 से ₹70 किलो बिक रहा है. यही स्थिति ₹60 किलो बिकने वाले खुले गुलाब की थी, जिसकी कीमत अब 120 से 150 रुपए किलो हो चुकी है.

इसी तरह सेवंती ₹150 से ₹160 किलो के भाव में मौजूद है, जबकि डिवाइन के फूल अब 150 से ₹200 किलो हो चुके हैं. अचानक चुनावी मौसम में फूलों के दाम बढ़ने का फायदा मंडी व्यापारियों को ज्यादा हो रहा है, क्योंकि अंचल के किसान पहले जो फूल लेकर मंदिरों में पहुंच रहे थे उन्हें सुबह ही फूल बेचकर जाना होता था, लेकिन अब मंडी में ग्राहकी दिनभर की बनी हुई है. जिसे लेकर न केवल चुनावी कार्यकर्ता बल्कि फूल बेचने वाले व्यापारी भी खासे खुश नजर आ रहे हैं.

फूल की कीमत दुगनी हुई: खुले फूल के अलावा नेताओं को पहने जाने वाली माला की दर भी दुगनी हो गई है, इंदौर में सामान्य रूप से गेंदे के फूल की जो माल 20 से 30 रुपए में बिकती थी, अब 50 से काम नहीं है. यही स्थिति गुलाब की मालाओं की है जो 150 से 200 रुपए तक पहुंच गई है, जबकि गेंदे के साथ सेवंती और जरबेरा जैसे फूल की माला फूलों की क्वालिटी और प्रकार के कारण कोई भी ₹100 से कम की नहीं है. फिलहाल फूल और फूलों से तैयार होने वाली माला की कीमतें दीपावली के बाद तक ऐसी ही रहने वाली हैं.

Also Read:

70 फीसदी बढ़ गई आवक: इंदौर में स्थानीय किसानों के अलावा निमाड़ से सटे हुए कुछ इलाके और महाराष्ट्र से फूलों की आवक होती है, फिलहाल दीपावली और शादी के सीजन में फूलों की आवक 70 प्रतिशत तक बढ़ गई है. फूल व्यापारी बताते हैं कि "आजकल 70% आवक में से 30 फीसदी फूल चुनावी स्वागत सत्कार में उपयोग हो रहा है, जबकि बाकी फूल दुकान और मंडी से ग्राहकों द्वारा सीधे खरीदे जा रहे हैं. हालांकि व्यापारियों को फिलहाल उम्मीद है कि धनतेरस और दीपावली के त्योहार के चलते तो फूलों की मांग भी जबरदस्त होगी, न केवल व्यापारियों को बल्कि किसानों को भी फूलों के भाव के कारण बाजार गुलजार रहने का फायदा मिलेगा. वहीं चुनावी उपयोग में भी फूलों की आपूर्ति लगातार जारी रहेगी."

कार्यकर्ता खरीदते हैं सस्ते वाले फूल: दरअसल नेताओं के स्वागत और उन पर फूल बरसाने के लिए जो फूल खरीदा जाता है, वह औसत दर्जे का होता है. क्योंकि फूल को इकट्ठा बरसाया जाता है, ऐसी स्थिति में नेताओं के कार्यकर्ता और स्वागत सत्कार करने वाले मतदाता महंगे फूल की जगह सस्ते फूल का उपयोग ज्यादा करते हैं. इसकी एक वजह यह है कि उनके प्रत्याशी का फूलों से स्वागत भी हो जाता है और लगभग आधी कीमत में फूलों की भी खरीदी हो जाती है. यह बात और है कि नेताओं के लिए उपयोग होने वाले फूल कीमत में आधे होने के कारण क्वालिटी में भी निम्न स्तर के होते हैं, लेकिन कार्यकर्ता और नेता जानते-बूझते भी महंगे फूलों की जगह नेताओं के लिए आधी कीमत वाले फूल ही खरीदते हैं.

Last Updated : Nov 10, 2023, 11:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.