गुवाहाटी : असम में एक बार फिर से बाढ़ की स्थिति विकराल हो रही है. बाढ़ पूरे राज्य में तेजी से विनाशकारी रूप ले रहा है. हाल के दिनों में असम और पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र और उसकी बड़ी और छोटी लगभग सभी सहायक नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंगलवार शाम कहा कि धेमाजी, लखीमपुर, डिब्रूगढ़, बिश्वनाथ, चिरांग, गोलाघाट, दरांग, धुबरी, जोरहाट, माजुली, मोरीगांव, नागांव, नलबाड़ी, सिबसागर, सोनितपुर, तामुलपुर, ओडालगुरी, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, कामरूप और गोल यू कैन, कोकराझार आदि कुल 21 जिले साल में दूसरी बार आये बाढ़ से प्रभावित हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, मंगलवार तक लगभग 37,489 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. जानकारी के मुताबिक, इस साल राज्य में बाढ़ से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. धेमाजी में 40,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.
ब्रह्मपुत्र नदी आज डिब्रूगढ़, निमातीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी और धुबरी में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है. बेकी, जिया भराली, दिचांग, दिखौ और सोवनसिरी जैसी प्रमुख नदियां भी विभिन्न स्थानों पर खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंगलवार शाम को कहा कि बाढ़ ने राज्य के 49 आवासीय क्षेत्रों के 756 गांवों को प्रभावित किया है.
बाढ़ से राज्य में अब तक 21,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है. अन्य 2 लाख 69 हजार 633 पशुधन बाढ़ से प्रभावित हुए. इस बीच, विभिन्न नदियों में बाढ़ के पानी ने चिरांग, ओडालगुरी, सोनितपुर, नलबाड़ी, तामुलपुर और विश्वनाथ जिलों में सड़कों, पुलों और बांधों को नुकसान पहुंचाया है.
राज्य मौसम ब्यूरो ने अगले तीन से चार दिनों तक असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में मध्यम से भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. इससे पहले सोमवार को जारी एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया था कि बेकी, जिया-भराली, दिसांग, दिखौ और सुबनसिरी नदियां भी लाल निशान को पार कर गई हैं.
अंतर्देशीय जल परिवहन विभाग ने कहा कि ब्रह्मपुत्र के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गुवाहाटी में नौका सेवाएं मंगलवार से निलंबित रहेंगी. इसमें यह भी कहा गया है कि ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों में नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण निमतीघाट और माजुली के बीच नौका सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. एएसडीएमए ने कहा कि 8,086.40 हेक्टेयर फसल भूमि वर्तमान में बाढ़ के पानी में डूब गई है और 1,30,514 जानवर प्रभावित हुए हैं, जिनमें 81,340 बड़े जानवर और 11,886 कुक्कुट शामिल हैं.
इसमें कहा गया था कि बाढ़ के पानी से तटबंध टूटने की सूचना उदलगुड़ी के दो इलाकों से और बिस्वनाथ एवं दरांग के एक-एक इलाके से मिली है. इसमें कहा गया है कि बाढ़ से सड़कें, पुल, बिजली के खंभे और स्कूल सहित अन्य संरचनाएं भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं. एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि बारपेटा, बिस्वनाथ, धुबरी, लखीमपुर, मोरीगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी से कटाव की सूचना मिली है.