नई दिल्ली : फ्लाइट क्रू मेंबर्स (Flight crew members) और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स का 31 जनवरी से ड्रग टेस्ट (drug test) किया जाएगा. विमानन नियामक डीजीसीए ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.
डीजीसीए के सोमवार को जारी दिशा निर्देश में जिक्र किया गया है कि साइकोएक्टिव पदार्थों के उपयोग का दुनिया भर में प्रसार, उनकी सामान्य उपलब्धता और नशे के आदी उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या विमानन सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है.ऐसे में फ्लाइट क्रू मेंबर्स और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स का उनके नियोक्ता द्वारा भांग और कोकीन जैसे साइकोएक्टिव पदार्थों के लिए परीक्षण किया जाएगा.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी नियमों के अनुसार एयरलाइंस और एयर नेविगेशन सेवा प्रदाताओं को हर साल कम से कम 10 प्रतिशत फ्लाइट क्रू सदस्यों और उनके द्वारा नियोजित हवाई यातायात नियंत्रकों का रैंडम ड्रग टेस्ट करना होगा.
नियुक्ति से पहले कराना होगा टेस्ट
नियमों में उल्लेख किया गया है कि वाणिज्यिक विमान ऑपरेटरों, रखरखाव और मरम्मत संगठनों, उड़ान प्रशिक्षण संगठनों और हवाई नेविगेशन सेवा प्रदाताओं को किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करने या प्रशिक्षु पायलट को भर्ती करने से पहले ड्रग टेस्ट कराना होगा.
नियमों के मुताबिक इन संगठनों को उन सभी विमानन कर्मियों का भी परीक्षण करना होगा जिन्होंने पहले विदेशी नियामक को ड्रग टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है.
सभी विमानन कर्मचारियों का एम्फ़ैटेमिन, भांग, कोकीन, ओपियेट्स, बार्बिटुरेट्स और बेंजोडायजेपाइन जैसे नशीले पदार्थों के लिए टेस्ट किया जाएगा. जब भी कोई एविएशन कर्मी ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है तो 24 घंटे के भीतर डीजीसीए को इसकी सूचना देनी होती है.
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(पीटीआई)