नई दिल्ली: रोहिंग्या को राजधानी दिल्ली में बसाने काे लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है (Controversy over Union Minister Hardeep Singh Puri tweet). इस मामले पर बुधवार की शाम बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने स्पष्टीकरण दिया, वहीं Ministry of Home Affairs (MHA) के द्वारा ट्वीट भी किया गया. गुरुवार की सुबह दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए.
इसके बाद गुरुवार दोपहर दाे बजे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने पूरे मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार की भूमिका के ऊपर गंभीर सवाल उठाने के साथ रोहिंग्या काे बसाने (Rohingya in Delhi ) के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री काे पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की (Manish Sisodia wrote letter to Home Minister).
मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya in Delhi ) को बसाने की जो साजिश कर रही है, वह पूरी तरीके से सामने आ गई है. बुधवार काे अखबारों में खबर छपी थी. यह एनडीएमसी के ईडब्ल्यूएस फ्लैट में रोहिंग्या को बसाने की योजना है. बाद में इस मामले काे लेकर हरदीप पुरी का ट्वीट भी सामने आया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री होने के नाते मुझे भी इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई.
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सिसाेदिया ने कहा कि जब उन्हाेंने अधिकारियों से पता किया तो पता चला कि कुछ मीटिंग इस संबंध में हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारी मौजूद थे. दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारी और एनडीएमसी के भी कुछ अधिकारी थे. जिसमें यह निर्णय लिया गया है. फाइल देखने से पता चला कि दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी के जरिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से छुपा कर फाइल एलजी को भेजकर केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी गई. इसके बाद उन्हाेंने जब बुधवार काे बयान दिया तो केंद्र सरकार ने अपना पूरा स्टैंड बदल लिया.
मनीष सिसोदिया ने सवाल उठाये
अगर यह सब केंद्र सरकार नहीं कर रही है और राज्य सरकार भी नहीं कर रही है तो पूरे मामले में आखिर कौन साजिश रच रहा है. यह किस का षड्यंत्र है, एक तरफ केंद्रीय मंत्री तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ चुनी हुई सरकार से राजधानी दिल्ली में इस पूरे मामले की फाइलों को छिपाकर उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है. आखिर ऐसा कौन कर रहा है और किसके कहने पर किया जा रहा है इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.