लखीमपुर खीरी: तिकोनिया हिंसा मामले में एसआईटी (Sit) ने पांच और नए फोटो जारी कर आरोपियों की पहचान बताने की लोगों से अपील की है. यूपी पुलिस ने अपने टि्वटर हैंडल से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि तिकुनिया मामले में दर्ज एफआईआर में कुछ और फोटोग्राफ्स मिले हैं, जो आरोपियों की पहचान के लिए रिलीज किए जा रहे हैं. पुलिस ने आरोपियों की पहचान बताने वाले का नाम-पता गुप्त रखने और इनाम दिए जाने का भी एलान किया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से उसके टि्वटर हैंडल पर जारी की गई पांच फोटोग्राफ्स में से सभी फोटोग्राफ्स 3 अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों पर थार गाड़ी चढ़ाने के बाद के फोटोग्राफ्स हैं. इनमें बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या का आरोप उग्र भीड़ पर है. पुलिस ने कहा है कि एसआईटी की मदद के लिए यह पांच फोटो जारी किए जा रहे हैं. इसमें मौजूद लोगों की पहचान बताने वाले का नाम-पता पूरी तरीके से गुप्त रखा जाएगा.
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वह एसआईटी के दफ्तर जाकर या जारी फोन नंबरों पर पुलिस को फोटोग्राफ्स में मौजूद लोगों की पहचान बता सकते हैं. पुलिस पहचान बताने वालों को इनाम भी देगी.
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अगवानी के लिए गृह राज्य मंत्री के गांव के पहले तिकुनिया कस्बे में किसान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बयान से नाराज होकर प्रदर्शन कर रहे थे और बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे थे. तभी दोपहर में एक स्कॉर्पियो और एक अन्य गाड़ी ने किसानों को रौंद दिया था. इस हादसे में चार किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. तीन की थार से कुचलने से मौत हो गई थी. वहीं, तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की भी हत्या का आरोप किसानों और उग्र भीड़ पर है.
हादसे में करीब एक दर्जन से ज्यादा किसान और पत्रकार घायल हुए थे. इस मामले में दो एफआईआर दर्ज करई गई थीं. इसमें किसानों की तरफ से दर्ज मामले में मुख्य आरोपी गृह राज्य मंत्री का बेटा आशीष मिश्र उर्फ मोनू है. इस मामले में 13 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. वहीं, दूसरा मामला सुमित जायसवाल की तरफ से दर्ज कराया गया था. इसमें बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीटकर हत्या का आरोप लगाया गया था. इस एफआईआर में भी चार लोगों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है.
इन सभी की रिमांड भी ली जा चुकी है और पूछताछ कर एसआईटी मामले में चार्जशीट लगाने की तैयारी कर रही है. मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू और दो अन्य आरोपियों की जमानत पर 15 नवम्बर को सुनवाई होनी है. इधर, सुप्रीम कोर्ट की बराबर तिकुनिया कांड पर चल रही निगरानी के चलते इसकी तफ्तीश और तेज हो गई है.