नई दिल्ली: मिस्र में रविवार से शुरू हुए 21 दिवसीय बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के पांच मिग-29 लड़ाकू विमान, छह परिवहन विमान और इसके विशेष बल के कर्मियों का एक समूह भाग ले रहा है. अधिकारियों ने बताया कि यह द्विवार्षिक त्रि-सेवा अभ्यास- ‘ब्राइट-स्टार’ काहिरा (पश्चिम) एयर बेस में हो रहा है और इसमें मेजबान देश एवं भारत के अलावा अमेरिका, सऊदी अरब, यूनान तथा कतर की सेनाएं भाग ले रही हैं.
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Back to the land of the #Pyramids.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) August 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Contingents of India's three services will be participating in #ExBrightStar23 in #Egypt.
IAF's five MiG-29, two C-17, two C-130 J & two IL 78 AAR aircraft departed for #Cairo today.
For more details ➡️ https://t.co/FKexMg7hT4 pic.twitter.com/iZOS21gS51
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— Indian Air Force (@IAF_MCC) August 27, 2023
Contingents of India's three services will be participating in #ExBrightStar23 in #Egypt.
IAF's five MiG-29, two C-17, two C-130 J & two IL 78 AAR aircraft departed for #Cairo today.
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Contingents of India's three services will be participating in #ExBrightStar23 in #Egypt.
IAF's five MiG-29, two C-17, two C-130 J & two IL 78 AAR aircraft departed for #Cairo today.
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भारतीय वायुसेना इस अभ्यास में पहली बार भाग ले रही है. वायुसेना ने कहा, 'वायुसेना दल में पांच मिग-29, दो आईएल-78, दो सी-130 और दो सी-17 विमान शामिल हैं. भारतीय वायुसेना के गरुड़ विशेष बल के कर्मियों के अलावा नंबर 28, 77, 78 और 81 स्क्वाड्रन के कर्मी भी इस अभ्यास में भाग लेंगे.' भारतीय थलसेना के लगभग 150 जवान भी भारतीय दल का हिस्सा हैं.
वायुसेना ने एक बयान में कहा, 'इसका मकसद संयुक्त अभियान की योजना एवं क्रियान्वयन का अभ्यास करना है.' इसमें कहा गया, 'इस तरह के अभ्यास सीमाओं के पार संबंध बनाने के अलावा भागीदार देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करते हैं.' वायुसेना ने बयान में कहा कि भारत और मिस्र के बीच 'असाधारण संबंध और गहरा सहयोग है तथा दोनों ने 1960 के दशक में एयरो-इंजन और विमान का संयुक्त रूप से विकास किया था और मिस्र के पायलटों को भारतीय समकक्षों ने प्रशिक्षण दिया था.'
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होकर रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर पहुंच गए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून में मिस्र की यात्रा की थी और इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी समग्र रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के संकल्प की पुष्टि की थी. भारत और मिस्र के बीच रक्षा एवं रणनीतिक सहयोग पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है.
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दोनों देशों की सेनाओं ने इस साल जनवरी में पहला संयुक्त अभ्यास किया था. मिस्र भारत से तेजस हल्के लड़ाकू विमान, रडार, सैन्य हेलीकॉप्टर और अन्य सैन्य उपकरण खरीदने में पहले ही रुचि दिखा चुका है. वायुसेना ने तीन सुखोई-30 एमकेआई विमान और दो सी-17 परिवहन विमानों के साथ पिछले साल जुलाई में मिस्र में एक महीने तक चले सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम में भाग लिया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल सितंबर में मिस्र की तीन दिवसीय यात्रा की थी.
(पीटीआई-भाषा)