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पाकिस्तानी जेल से घर लौटे मछुआरों ने कहा- सभी बीमारियों के लिए एक ही दवा मिली - 560 से अधिक भारतीय मछुआरों की रिहाई की मांग

पाकिस्तानी जेलों से रिहा होकर (released from Pakistani jails) भारत आए करीब 20 मछुआरे गुरूवार को गिर सोमनाथ जिले के वेरावल बंदरगाह पहुंचे. रिहा हुए मछुआरे अपने परिवार के सदस्यों से मिलकर भावुक हो गए. पाकिस्तान से लौट रहे मछुआरों ने पाकिस्तान की जेलों में बंद 560 से अधिक भारतीय मछुआरों की रिहाई की मांग (Demand for release of more than 560 Indian fishermen) भी की है.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 27, 2022, 8:49 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 10:55 PM IST

जूनागढ़ : पाकिस्तानी जेल से घर लौटे 20 मछुआरों (20 fishermen returned home from Pakistani jail) ने कहा कि वहां की जेल में सभी बीमारियों के लिए एक ही दवा मिली. गिर सोमनाथ जिले के 15 मछुआरे और उत्तर प्रदेश के पांच मछुआरे, जो बीते चार साल से अधिक समय से पाकिस्तानी जेलों में बंद थे, वेरावल बंदरगाह पहुंचे.

मत्स्य विभाग के अधिकारी की मौजूदगी में सभी सरकारी और कानूनी कार्यवाही पूरी करने के बाद सभी मछुआरों को उनके परिवार के साथ जाने की अनुमति दी गई. चार साल से पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरे आज अपने परिवारों से मिले. पाकिस्तानी जेलों से रिहा होने के बाद वेरावल बंदरगाह पहुंचे 20 भारतीय मछुआरों ने ईटीवी भारत पर पाकिस्तानी जेलों और वहां रहने वाले भारतीय मछुआरों के बारे में बातचीत की.

पाकिस्तानी जेल से घर लौटे मछुआरों ने कहा

पाकिस्तान की जेलों में 560 से ज्यादा मछुआरे और 1148 से ज्यादा भारतीय नौकाएं अभी भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं. रिहा किए गए सभी मछुआरों ने भी पाकिस्तानी जेल में बंद मछुआरों को तुरंत रिहा करने के लिए भारत और राज्य सरकार से मदद मांगी. मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तानी जेलों में बंद कुछ भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जबकि पाकिस्तानी जेलों में चिकित्सा सुविधा नहीं है.

हर तरह के दर्द की एक ही दवा जेल प्रशासन दे रहा है. जिससे भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. रिहा किए गए मछुआरों ने पाकिस्तानी जेलों में भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं पर निराशा व्यक्त की है. रिहा हुए मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तान की जेलों में सबसे बड़ी समस्या बीमारी है. बीमार भारतीय मछुआरों के अपर्याप्त और अपर्याप्त उपचार के कारण अधिकांश भारतीय मछुआरे आज पाकिस्तानी जेलों में गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं. पाकिस्तानी जेलों से रिहा किए गए मछुआरों ने मांग की है कि भारत सरकार तत्काल कार्रवाई करे.

पाकिस्तान की जेलों में 560 से ज्यादा मछुआरे और 1148 से ज्यादा भारतीय नौकाएं अभी भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं. रिहा किए गए सभी मछुआरों ने भी पाकिस्तानी जेल में बंद मछुआरों को तुरंत रिहा करने के लिए भारत और राज्य सरकार से मदद मांगी. मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तानी जेलों में बंद कुछ भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जबकि पाकिस्तानी जेलों में चिकित्सा सुविधा नहीं है. हर तरह के दर्द की एक ही दवा जेल प्रशासन दे रहा है. जिससे भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें- India-Central Asia Summit: अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा, बनाई गई यह कार्ययोजना

रिहा किए गए मछुआरों ने पाकिस्तानी जेलों में भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं पर निराशा व्यक्त की है. रिहा हुए मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तान की जेलों में सबसे बड़ी समस्या बीमारी है. अधिकांश भारतीय मछुआरे अपर्याप्त उपचार के कारण पाकिस्तानी जेलों में गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं. पाकिस्तानी जेलों से रिहा किए गए मछुआरों ने मांग की है कि भारत सरकार तत्काल कार्रवाई करे.

जूनागढ़ : पाकिस्तानी जेल से घर लौटे 20 मछुआरों (20 fishermen returned home from Pakistani jail) ने कहा कि वहां की जेल में सभी बीमारियों के लिए एक ही दवा मिली. गिर सोमनाथ जिले के 15 मछुआरे और उत्तर प्रदेश के पांच मछुआरे, जो बीते चार साल से अधिक समय से पाकिस्तानी जेलों में बंद थे, वेरावल बंदरगाह पहुंचे.

मत्स्य विभाग के अधिकारी की मौजूदगी में सभी सरकारी और कानूनी कार्यवाही पूरी करने के बाद सभी मछुआरों को उनके परिवार के साथ जाने की अनुमति दी गई. चार साल से पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरे आज अपने परिवारों से मिले. पाकिस्तानी जेलों से रिहा होने के बाद वेरावल बंदरगाह पहुंचे 20 भारतीय मछुआरों ने ईटीवी भारत पर पाकिस्तानी जेलों और वहां रहने वाले भारतीय मछुआरों के बारे में बातचीत की.

पाकिस्तानी जेल से घर लौटे मछुआरों ने कहा

पाकिस्तान की जेलों में 560 से ज्यादा मछुआरे और 1148 से ज्यादा भारतीय नौकाएं अभी भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं. रिहा किए गए सभी मछुआरों ने भी पाकिस्तानी जेल में बंद मछुआरों को तुरंत रिहा करने के लिए भारत और राज्य सरकार से मदद मांगी. मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तानी जेलों में बंद कुछ भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जबकि पाकिस्तानी जेलों में चिकित्सा सुविधा नहीं है.

हर तरह के दर्द की एक ही दवा जेल प्रशासन दे रहा है. जिससे भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. रिहा किए गए मछुआरों ने पाकिस्तानी जेलों में भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं पर निराशा व्यक्त की है. रिहा हुए मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तान की जेलों में सबसे बड़ी समस्या बीमारी है. बीमार भारतीय मछुआरों के अपर्याप्त और अपर्याप्त उपचार के कारण अधिकांश भारतीय मछुआरे आज पाकिस्तानी जेलों में गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं. पाकिस्तानी जेलों से रिहा किए गए मछुआरों ने मांग की है कि भारत सरकार तत्काल कार्रवाई करे.

पाकिस्तान की जेलों में 560 से ज्यादा मछुआरे और 1148 से ज्यादा भारतीय नौकाएं अभी भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं. रिहा किए गए सभी मछुआरों ने भी पाकिस्तानी जेल में बंद मछुआरों को तुरंत रिहा करने के लिए भारत और राज्य सरकार से मदद मांगी. मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तानी जेलों में बंद कुछ भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जबकि पाकिस्तानी जेलों में चिकित्सा सुविधा नहीं है. हर तरह के दर्द की एक ही दवा जेल प्रशासन दे रहा है. जिससे भारतीय मछुआरे गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.

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रिहा किए गए मछुआरों ने पाकिस्तानी जेलों में भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं पर निराशा व्यक्त की है. रिहा हुए मछुआरों ने कहा कि पाकिस्तान की जेलों में सबसे बड़ी समस्या बीमारी है. अधिकांश भारतीय मछुआरे अपर्याप्त उपचार के कारण पाकिस्तानी जेलों में गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं. पाकिस्तानी जेलों से रिहा किए गए मछुआरों ने मांग की है कि भारत सरकार तत्काल कार्रवाई करे.

Last Updated : Jan 27, 2022, 10:55 PM IST
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