अनाकापल्ली: आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले का एक मछुआरा मेरुगु नुकैया सोमवार को हमेशा की तरह समुद्र में मछली पकड़ने गया था. लेकिन उसे क्या पता था कि सप्ताह का पहला दिन उसके लिए इतना शुभ होगा कि उसकी जिंदगी ही बदल जाएगी. अनाकापल्ली के अच्युतपुरम मंडल के रहने वाले मेरुगु नुकैया ने एक दुर्लभ सुनहरी मछली पकड़ी, जिसके औषधीय गुणों के चलते बाजार से उसकी कीमत 3.90 लाख रुपये मिली.
सूत्रों ने बताया कि मेरुगु नुकाइया ने समुद्र में दुर्लभ 'सुनहरी मछली' पकड़ी, जिसे स्थानीय तौर पर कचिडी मछली के नाम से जाना जाता है. कचिडी नाम की मछली की बाजार में बहुत मांग है और यह भाग्यशाली मछुआरों को अप्रत्याशित कीमत देती है. मेरुगु नुकैया उनमें से एक थे. जैसे ही नुकैया ने दुर्लभ मछली पकड़ी, यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और मछली व्यापारी इस मछली के लिए आकर्षक कीमतों के साथ मछली बाजार में उमड़ पड़े.
कई खरीदार सुनहरी मछली पर अपना दावा करने की कोशिश कर रहे थे, इसकी बिक्री के लिए स्थानीय बाजार में एक नीलामी आयोजित की गई, क्योंकि लोग इस दुर्लभ मछली को खरीदने के लिए कतार में खड़े थे. अंत में, मेरुगु कोंडैया नाम के एक व्यवसायी, जो पुदीमदाका के स्थानीय निवासी हैं, ने 3.90 लाख रुपये में मछली को खरीद लिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि गोल्डन फिश का स्वाद लाजवाब होता है और एक बार इस मछली का स्वाद चखने के बाद आप इसे बार-बार खाना चाहते हैं.
मछुआरे मेरुगु नुकाइया ने कहा कि उनके द्वारा पकड़ी गई इस सुनहरी मछली का वजन 27 किलोग्राम था और इसमें औषधीय गुणों के अलावा पोषक तत्व भी मौजूद हैं. 'गोल्ड फिश' जिसे ब्लैकस्पॉटेड क्रोकर के नाम से भी जाना जाता है, का वैज्ञानिक नाम प्रोटोनिबिया डायकेन्थस है. इंडो-पैसिफिक में पाई जाने वाली मछली का औषधीय महत्व बहुत अधिक है.
माना जाता है कि इसका उपयोग पित्ताशय, फेफड़े, यकृत और अन्य आंतरिक अंगों की बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं की तैयारी में किया जाता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कि इस साल जुलाई में, काकीनाडा जिले के यू. कोठापल्ली मंडल के उप्पाडा में पल्लीपेटा के एक अन्य मछुआरे माचा सतीश ने एक ऐसी ही मछली पकड़ी थी, जिससे उन्हें 3.10 लाख रुपये मिले थे.