हैदराबाद : तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन 'महानाडू' का शुक्रवार को शुरू हुआ, जिसके पहले दिन पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं, समर्थकों, नेताओं आदि ने हिस्सा लिया. इस दौरान नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं की जमकर खातिरदारी हुई. कार्यक्रम में सभी लोगों के लिए स्वादिष्ट व्यंजनों की व्यवस्था करायी गई थी. मेहमानों के लिए तेलुगु परंपरा को दर्शाने वाले आंध्र के व्यंजन परोसे गए.
पहले दिन 12,000 प्रतिनिधियों के बैठक में हिस्सा लेने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन बाद में यह संख्या दोगुनी हो गई. विभिन्न क्षेत्रों से आए कार्यकर्ताओं के लिए पूरी तरह से शाकाहारी व्यंजन परोसे गए. आयोजकों ने कहा कि भोजन की बेहतरीन व्यवस्था करायी गई थी. हालांकि, अपेक्षित संख्या से अधिक लोग एकत्र हुए, लेकिन खाना किसी भी व्यक्ति के लिए कम नहीं हुआ.
तपेश्वरम कझा, ओंगोल अल्लुरैया मैसूर पाक जैसी प्रसिद्ध मिठाइयों की लगभग 30 किस्में विशेष रूप से प्रस्तुत करायी गई हैं. इन मिठाइयों को तैयार कराने के लिए लगभग एक हजार रसोइयों को विजयवाड़ा से बुलाया गया था. महानाडू के पहले दिन करीब 30,000 और दूसरे दिन एक लाख से अधिक लोगों के लिए भोजन तैयार किया गया है.
इधर, तेदेपा के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को विभिन्न मुद्दों पर आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस नीत सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि वाई एस जगनमोहन रेड्डी जैसा अयोग्य व्यक्ति राज्य के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किये, 'क्या समाज का कोई समुदाय जगन के शासन से खुश है? पिछले तीन साल में केवल प्रतिशोध लेने के अलावा जगन ने आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए किया क्या है?'
तेदेपा के वार्षिक सम्मेलन 'महानाडू' के उद्घाटन भाषण में नायडू ने नारा दिया, 'जगन छोड़ो, आंध्र प्रदेश बचाओ. उन्होंने राज्य की इस 'घोटालेबाज' और 'विध्वंसकारी' सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए जनता को प्रोत्साहित किया. तेदेपा प्रमुख ने कहा कि जगन मनोरोगी हैं. उनके सभी विचार और कार्य विनाशकारी हैं. उनके अब तक के तीन वर्षों के शासन में राज्य को भारी नुकसान हुआ है।’’ उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रेड्डी मुख्यमंत्री बने रहे तो यह राज्य के अच्छे दिनों का अंत होगा. नायडू ने कहा, 'इसीलिए मैंने 'जगन छोड़ो-आंध्र प्रदेश बचाओ' का आह्वान किया है. सभी वर्गों को एकजुट होकर काम करना चाहिए और राज्य को और विनाश से बचाना चाहिए.'
पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि उनकी पिछली सरकार ने कल्याणकारी कार्यक्रमों पर बजट का 52 प्रतिशत खर्च किया था, जिसे वर्तमान सरकार ने घटाकर 41 प्रतिशत कर दिया है. नायडू ने कहा कि जहां कल्याणकारी कार्यक्रमों पर पानी फिर गया है, वहीं राज्य प्रशासन ने विकास के हर कार्य को पूरी तरह से त्याग दिया है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की जीवन रेखा, बहुउद्देश्यीय पोलावरम परियोजना, और राजधानी अमरावती इस बात की गवाही देती है.