रांचीः लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली को लेकर हो रहे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. फिल्म के जारी हुए पोस्टर पर देश भर में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को राजधानी रांची में भी हिंदू संगठन के लोगों ने कोतवाली थाना पहुंचकर फिल्म डायरेक्टर लीना मणिमेकलई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. इसको लेकर कांग्रेस नेता राजीव रंजन ने कहा कि सनातन धर्म की भावनाओं को चोटिल और हिंदू देवी देवताओं के अपमान करने का जो प्रयास किया गया है उसका हिंदू समाज और संगठन पुरजोर विरोध करता है.
कोतवाली थाना पहुंचे सामाजिक संस्था के लोगों ने कहा कि सिर्फ डायरेक्टर पर ही नहीं बल्कि टीएमसी के नेता महुआ मोइत्रा पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. विरोध कर रहे हिंदू संगठन के लोगों ने कहा कि यदि इस तरह से फिल्मों में देवी देवताओं का अपमान किया जाएगा तो इससे देश का माहौल बिगड़ता है और लोगों के सम्मान को चोट पहुंचती है. इस तरह के मामले में दलगत से ऊपर उठकर सामाजिक और धार्मिक संस्था के लोग एकजुट हुए हैं. सभी लोगों की मांग है कि डॉक्यूमेंट्री जो बनाई गई है उस पर सेंसर बोर्ड कार्रवाई करे ताकि हिंदू देवी-देवताओं के अपमान की कोशिश आने वाले समय में कोई भी फिल्म निर्देशक और निर्माता ना कर सके.
रांची में फिल्म काली की डायरेक्टर और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर एफआईआर, कड़ी कार्रवाई की मांग - ranchi news
रांची में हिंदू संगठन के लोगों ने विवादित डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली की डायरेक्टर और टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. संगठन के लोगों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है
रांचीः लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली को लेकर हो रहे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. फिल्म के जारी हुए पोस्टर पर देश भर में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को राजधानी रांची में भी हिंदू संगठन के लोगों ने कोतवाली थाना पहुंचकर फिल्म डायरेक्टर लीना मणिमेकलई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. इसको लेकर कांग्रेस नेता राजीव रंजन ने कहा कि सनातन धर्म की भावनाओं को चोटिल और हिंदू देवी देवताओं के अपमान करने का जो प्रयास किया गया है उसका हिंदू समाज और संगठन पुरजोर विरोध करता है.
कोतवाली थाना पहुंचे सामाजिक संस्था के लोगों ने कहा कि सिर्फ डायरेक्टर पर ही नहीं बल्कि टीएमसी के नेता महुआ मोइत्रा पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई है. विरोध कर रहे हिंदू संगठन के लोगों ने कहा कि यदि इस तरह से फिल्मों में देवी देवताओं का अपमान किया जाएगा तो इससे देश का माहौल बिगड़ता है और लोगों के सम्मान को चोट पहुंचती है. इस तरह के मामले में दलगत से ऊपर उठकर सामाजिक और धार्मिक संस्था के लोग एकजुट हुए हैं. सभी लोगों की मांग है कि डॉक्यूमेंट्री जो बनाई गई है उस पर सेंसर बोर्ड कार्रवाई करे ताकि हिंदू देवी-देवताओं के अपमान की कोशिश आने वाले समय में कोई भी फिल्म निर्देशक और निर्माता ना कर सके.