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गड़बड़ी करने के आरोप में असम के पूर्व एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला के खिलाफ शिकायत

'असम पब्लिक वर्क्स’ (APW) नामक गैर सरकारी संगठन ने राज्य के पूर्व एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला और अन्य के विरुद्ध राष्ट्रीय नागरिक पंजी ( NRC) प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के आरोप में अपराध जांच विभाग (CID) में शिकायत दर्ज कराई है.

प्रतीक हजेला
प्रतीक हजेला
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Published : Jun 23, 2021, 2:56 PM IST

Updated : Jun 23, 2021, 8:11 PM IST

नई दिल्ली : 'असम पब्लिक वर्क्स’ (APW) नामक गैर सरकारी संगठन ने राज्य के पूर्व एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला और अन्य के विरुद्ध राष्ट्रीय नागरिक पंजी ( NRC) प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के आरोप में अपराध जांच विभाग (CID) में शिकायत दर्ज कराई है. एपीडब्ल्यू का आरोप है कि हजेला और अन्य ने दस्तावेज में कथित अवैध प्रवासियों के नाम भी जोड़े हैं. उच्चतम न्यायालय में एपीडब्ल्यू द्वारा याचिका दायर करने के बाद एनआरसी अद्यतन करने का निर्णय लिया गया था.

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-1
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-1

एनआरसी, असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों का आधिकारिक दस्तावेज है और इसे उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अद्यतन किया था तथा 31 अगस्त 2019 को जारी किया गया था. अद्यतन एनआरसी में 19 लाख से ज्यादा आवेदनकर्ताओं नाम दर्ज नहीं थे. इसे अभी तक भारत के महारजिस्ट्रार ने अधिसूचित नहीं किया है. हजेला, असम मेघालय कैडर के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें उच्चतम न्यायालय ने 2013 में राज्य का एनआरसी संयोजक नियुक्त किया था.

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-2
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-2

शिकायत के अनुसार, हजेला और उनके नजदीकी सहयोगियों ने 'प्रवासी पृष्ठभूमि वाले कुछ अधिकारियों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों, कुछ अल्पसंख्यक नेताओं और कुछ राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ मिलकर 'परिवार वृक्ष' सत्यापन प्रक्रिया में गड़बड़ी कर अद्यतन एनआरसी में अवैध प्रवासियों का नाम जोड़ दिया.'

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-3
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-3

एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत सरमा ने राज्य सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई है. उच्चतम न्यायालय ने हजेला का स्थानांतरण मध्य प्रदेश करने का आदेश दिया था और उन्हें 12 नवंबर 2019 को एनआरसी राज्य संयोजक के प्रभार से मुक्त कर दिया गया था.

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-4
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-4

सरमा ने बुधवार को कहा था कि वर्तमान एनआरसी संयोजक ने उच्चतम न्यायालय और गुवाहाटी उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि एनआरसी में गड़बड़ी हुई है और लगभग 40 प्रतिशत नाम अवैध रूप से रहने वाले और संदेहास्पद लोगों के हैं।

यह भी पढ़ें - हजेला को खतरे के बारे में असम पुलिस से रिपोर्ट नहीं मांगी गई : आईजीपी

नई दिल्ली : 'असम पब्लिक वर्क्स’ (APW) नामक गैर सरकारी संगठन ने राज्य के पूर्व एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला और अन्य के विरुद्ध राष्ट्रीय नागरिक पंजी ( NRC) प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के आरोप में अपराध जांच विभाग (CID) में शिकायत दर्ज कराई है. एपीडब्ल्यू का आरोप है कि हजेला और अन्य ने दस्तावेज में कथित अवैध प्रवासियों के नाम भी जोड़े हैं. उच्चतम न्यायालय में एपीडब्ल्यू द्वारा याचिका दायर करने के बाद एनआरसी अद्यतन करने का निर्णय लिया गया था.

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-1
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-1

एनआरसी, असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों का आधिकारिक दस्तावेज है और इसे उच्चतम न्यायालय की निगरानी में अद्यतन किया था तथा 31 अगस्त 2019 को जारी किया गया था. अद्यतन एनआरसी में 19 लाख से ज्यादा आवेदनकर्ताओं नाम दर्ज नहीं थे. इसे अभी तक भारत के महारजिस्ट्रार ने अधिसूचित नहीं किया है. हजेला, असम मेघालय कैडर के 1995 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उन्हें उच्चतम न्यायालय ने 2013 में राज्य का एनआरसी संयोजक नियुक्त किया था.

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-2
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-2

शिकायत के अनुसार, हजेला और उनके नजदीकी सहयोगियों ने 'प्रवासी पृष्ठभूमि वाले कुछ अधिकारियों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों, कुछ अल्पसंख्यक नेताओं और कुछ राष्ट्र विरोधी तत्वों के साथ मिलकर 'परिवार वृक्ष' सत्यापन प्रक्रिया में गड़बड़ी कर अद्यतन एनआरसी में अवैध प्रवासियों का नाम जोड़ दिया.'

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-3
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-3

एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत सरमा ने राज्य सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक के पास शिकायत दर्ज कराई है. उच्चतम न्यायालय ने हजेला का स्थानांतरण मध्य प्रदेश करने का आदेश दिया था और उन्हें 12 नवंबर 2019 को एनआरसी राज्य संयोजक के प्रभार से मुक्त कर दिया गया था.

शिकायतकर्ता का पत्र पेज-4
शिकायतकर्ता का पत्र पेज-4

सरमा ने बुधवार को कहा था कि वर्तमान एनआरसी संयोजक ने उच्चतम न्यायालय और गुवाहाटी उच्च न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि एनआरसी में गड़बड़ी हुई है और लगभग 40 प्रतिशत नाम अवैध रूप से रहने वाले और संदेहास्पद लोगों के हैं।

यह भी पढ़ें - हजेला को खतरे के बारे में असम पुलिस से रिपोर्ट नहीं मांगी गई : आईजीपी

Last Updated : Jun 23, 2021, 8:11 PM IST
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