नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा. वित्त मंत्री ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2023 को विचारार्थ और पारित करने के लिए प्रस्तुत करते हुए यह भी कहा कि विदेश यात्राओं के लिए क्रेडिट कार्ड भुगतान ‘लिबरलाइज्ड रीमिटेंस स्कीम’ (एलआरएस) के तहत कैप्चर नहीं किये जाने के मुद्दों को भारतीय रिजर्व बैंक देखेगा.
सीतारमण ने कहा कि इस तरह के सुझाव मिले हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रस्ताव करती हूं कि पेंशन के मुद्दे पर विचार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए और एक ऐसी तरीका निकाला जाए जिससे आम नागरिकों के संरक्षण के लिए राजकोषीय बुद्धिमत्ता बनाये रखते हुए कर्मचारियों की जरूरत पर ध्यान दिया जाए.’’
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि यह बात संज्ञान में आई है कि विदेश यात्राओं के लिए क्रेडिट कार्ड से भुगतान एलआरएस के तहत कैप्चर नहीं हो रहे हैं और इस तरह के भुगतान के स्रोत के स्थान पर कर संग्रह नहीं हो पाता. उन्होंने घोषणा की, ‘‘आरबीआई से आग्रह किया जा रहा है कि विदेश यात्राओं के लिए क्रेडिट कार्ड भुगतान को एलआरएस के दायरे में लाने के मुद्दे पर विचार किया जाए.’’
आपको बता दें कि नई पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर अभी भी कुछ मुद्दों पर भ्रम की स्थिति है. हालांकि, दोनों में कुछ न कुछ खामियां हैं. कुछ लोगों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बेहतर है, तो कुछ लोगों के लिए नई पेंशन स्कीम अच्छी है. पुरानी पेंशन स्कीम में आखिरी सैलरी के आधार पर राशि तय होती है. इसमें कर्मचारी का कोई कंट्रीब्यूशन नहीं होता है. पेंशन आजीवन मिलती है. नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को अपना पैसा कटाना होता है. इसमें आप एक मुश्त राशि निकाल सकते हैं, लेकिन महीने-महीने पेंशन की गारंटी नहीं होती है.
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(भाषा)