ETV Bharat / bharat

अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो उस पर जलन नहीं, गर्व करना चाहिए : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री ने 'प्याज नहीं खाने' से संबंधित अपनी एक पुरानी टिप्पणी और 'डॉलर के मजबूत होने' से संबंधित बयान पर सोशल मीडिया में मीम्स बनने का भी उल्लेख करते हुए कहा, "भारत का रुपया हर मुद्रा के खिलाफ मजबूत है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के कारण डॉलर मजबूत होता जा रहा है."

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Dec 12, 2022, 1:29 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कुछ विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो उस पर जलन नहीं करना चाहिए और मजाक नहीं बनाना चाहिए, बल्कि गर्व करना चाहिए. उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान यह भी कहा कि 2014 से पहले सिर्फ रुपया आईसीयू में नहीं था, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था ही आईसीयू में थी. कांग्रेस सांसद ए. रेवंत रेड्डी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए सवाल किया कि आज रुपया 83 के पार चला गया है तो सरकार इसे 'आईसीयू' से बाहर निकालने के लिए क्या कर रही है.

इस पर जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, "प्रधानमंत्री जी जब (गुजरात के) मुख्यमंत्री थे तो उस वक्त के उनके बयान पर सवाल पूछ रहे हैं. अगर सदस्य उस जमाने की (2014 से पहले की) अर्थव्यवस्था के दूसरे संकेतकों को याद दिलाते तो ठीक रहता. उस समय पूरी अर्थव्यवस्था ही आईसीयू में थी. सिर्फ रुपया आईसीयू में नहीं था." उनका कहना था, कि उस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था को पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में रखा गया था. उस समय विदेशी मुद्रा भंडार नीचे की तरफ था.

वित्त मंत्री ने कहा, "आज कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. अगर हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी तरह चल रही है, आगे बढ़ रही है तो लोग जलन कर रहे हैं. इस पर तो गर्व करना चाहिए. अर्थव्यवस्था अच्छी तरह चल रही है तो उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए. (ऐसा करने पर) शर्म आनी चाहिए." वित्त मंत्री ने 'प्याज नहीं खाने' से संबंधित अपनी एक पुरानी टिप्पणी और 'डॉलर के मजबूत होने' से संबंधित बयान पर सोशल मीडिया में मीम्स बनने का भी उल्लेख करते हुए कहा, "भारत का रुपया हर मुद्रा के खिलाफ मजबूत है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के कारण डॉलर मजबूत होता जा रहा है."

उन्होंने कहा, "रुपये के कमजोर होने पर विदेशी मुद्रा भंडार का कुछ इस्तेमाल किया गया है. अब कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है. अब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है. एफडीआई और एफआईआई आने से बढ़ रहा है." सीतारमण ने कहा कि सदस्य को आंकड़े देखने चाहिए कि कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत कितना ज्यादा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ला रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कुछ विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है तो उस पर जलन नहीं करना चाहिए और मजाक नहीं बनाना चाहिए, बल्कि गर्व करना चाहिए. उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान यह भी कहा कि 2014 से पहले सिर्फ रुपया आईसीयू में नहीं था, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था ही आईसीयू में थी. कांग्रेस सांसद ए. रेवंत रेड्डी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए सवाल किया कि आज रुपया 83 के पार चला गया है तो सरकार इसे 'आईसीयू' से बाहर निकालने के लिए क्या कर रही है.

इस पर जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, "प्रधानमंत्री जी जब (गुजरात के) मुख्यमंत्री थे तो उस वक्त के उनके बयान पर सवाल पूछ रहे हैं. अगर सदस्य उस जमाने की (2014 से पहले की) अर्थव्यवस्था के दूसरे संकेतकों को याद दिलाते तो ठीक रहता. उस समय पूरी अर्थव्यवस्था ही आईसीयू में थी. सिर्फ रुपया आईसीयू में नहीं था." उनका कहना था, कि उस वक्त भारत की अर्थव्यवस्था को पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में रखा गया था. उस समय विदेशी मुद्रा भंडार नीचे की तरफ था.

वित्त मंत्री ने कहा, "आज कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है. अगर हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी तरह चल रही है, आगे बढ़ रही है तो लोग जलन कर रहे हैं. इस पर तो गर्व करना चाहिए. अर्थव्यवस्था अच्छी तरह चल रही है तो उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए. (ऐसा करने पर) शर्म आनी चाहिए." वित्त मंत्री ने 'प्याज नहीं खाने' से संबंधित अपनी एक पुरानी टिप्पणी और 'डॉलर के मजबूत होने' से संबंधित बयान पर सोशल मीडिया में मीम्स बनने का भी उल्लेख करते हुए कहा, "भारत का रुपया हर मुद्रा के खिलाफ मजबूत है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों के कारण डॉलर मजबूत होता जा रहा है."

उन्होंने कहा, "रुपये के कमजोर होने पर विदेशी मुद्रा भंडार का कुछ इस्तेमाल किया गया है. अब कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है. अब विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है. एफडीआई और एफआईआई आने से बढ़ रहा है." सीतारमण ने कहा कि सदस्य को आंकड़े देखने चाहिए कि कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत कितना ज्यादा एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ला रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.