लखनऊ : राम मंदिर घोटाले का मामला लगातार बढ़ता रहा है. आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. अयोध्या के हनुमागढ़ी के बाबा राजू दास ने कहा है कि अगर मामला झूठा पाया गया तो आप सांसद के ऊपर झूठी अफवाह फैलाने के लिए 50 करोड़ मानहानि का केस दर्ज करवाएंगे. इसको लेकर आप राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अगर मैं झूठा हूं तो मेरे खिलाफ 50 करोड़ की नहीं बल्कि कम से कम 500 करोड़ रुपये की मानहानि का केस दर्ज होना चाहिए.
बीते 24 घंटों से यूपी में अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जमीन खरीद में घोटाले का मामला सुर्खियों में है. आप सांसद संजय सिंह ने खुद मीडिया के सामने जमीन के पेपर दिखाते हुए चंपत राय पर 16.5 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगाया. यह मामला जब तूल पकड़ा तो चंपत राय की तरफ से भी एक मीडिया को प्रेस रिलीज जारी की गई, जिसमें जमीन का एग्रीमेंट पूर्व में बताया गया और जमीन को सर्किल रेट के हिसाब से सस्ता खरीदा जाना भी बताया गया.
ईटीवी भारत से फोन पर खास बातचीत में आप सांसद संजय सिंह ने बताया की जमीन के कागज में विक्रेता के बयान दर्ज हैं. जिसमें उसकी तरफ से कहा गया है कि यह जमीन सभी प्रकार के वादों और प्रकारों से मुक्त है. भविष्य में हरीश पाठक, सुल्तान अंसारी, कुसुम पाठक और शशि मोहन तिवारी से कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है. जबकि चंपत राय की प्रेस रिलीज में चारों लोगों से पहले से एग्रीमेंट की बात कही गई है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि 5 मिनट में कैसे जमीन 2 करोड़ से बढ़कर 18.5 करोड़ की हो गई. ये जांच का विषय है.
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ये है आरोप की वजह
राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मामला है. देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की इससे आस्था जुड़ी हुई है. इसीलिए राममंदिर निर्माण के नाम पर देश भर से लोगों ने हजारों करोड़ रुपये ट्रस्ट को चंदे के रुप में दिए हैं. अब उसी ट्रस्ट में उनके चंदे की धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. दस्तावेजों के आधार पर अयोध्या में गाटा संख्या 243, 244, 246 की जमीन, जिसकी मालियत पांच करोड़ अस्सी लाख रुपये है.
उसको दो करोड़ रुपये में कुसुम पाठक और हरीश पाठक से सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने खरीदी. इस जमीन खरीद में दो गवाह बने, एक अनिल मिश्र और दूसरे ऋषिकेश उपाध्याय, जो अयोध्या के मेयर हैं. आरोपों और दस्तावेज के आधार पर पांच मिनट बाद ये जमीन रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े अट्ठारह करोड़ में खरीद ली. 17 करोड़ रुपये आरटीजीएस कर दिया गया. आरोप है कि लगभग साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम कैसे बढ़ गया.