कोलकाता : कोलकाता नगर निगम (KMC) के मासिक अधिवेशन में शनिवार को उस समय माहौल खराब हो गया जब टीएमसी और बीजेपी पार्षद आपस में भिड़ गया. इतना ही नहीं दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. वहीं हंगामा बढ़ने पर चेयरपर्सन माला रॉय सत्र कक्ष से बाहर चली गईं, हालांकि बाद में वह पार्षदोंं के अनुरोध पर लौट आईं. बताया जाता है कि नगर निगम की चेयरपर्सन और मेयर फिरहाद हकीम की टिप्पणियों के बाद विवाद शुरू हुआ. इस दौरान भाजपा पार्षद सजल घोष और टीएमसी पार्षद असीम बोस ने कथित तौर पर एक-दूसरे पर हमला किया. हालांकि घटना की वजह से चेयरपर्सन माला रॉय ने मासिक सत्र को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया, लेकिन बाद में स्थिति सामान्य होने पर सत्र दोबारा शुरू हुआ.
सत्र के दौरान विवाद उस समय गहरा गया जब विपक्षी पार्षदों की ओर से कोई सवाल या प्रस्तान ही नहीं रखा गया. इस पर चेयरपर्सन माला रॉय ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि विपक्ष की ओर से सत्र में कोई सवाल ही नहीं है. वहीं मेयर फिरहाद हकीम ने थोड़े व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि विपक्षी बेंच की हालत ऐसी है कि हमारे पार्षदों को वहां बैठकर सवाल पूछना पड़ता है. इससे बीजेपी पार्षद नाराज हो गए और इसके बाद दोनों पार्टियों के पार्षद आपस में भिड़ गए.
-
#WATCH | West Bengal | TMC and BJP councillors entered into a brawl with each other at Kolkata Municipal Corporation today. pic.twitter.com/0vRYdGxsD8
— ANI (@ANI) September 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | West Bengal | TMC and BJP councillors entered into a brawl with each other at Kolkata Municipal Corporation today. pic.twitter.com/0vRYdGxsD8
— ANI (@ANI) September 16, 2023#WATCH | West Bengal | TMC and BJP councillors entered into a brawl with each other at Kolkata Municipal Corporation today. pic.twitter.com/0vRYdGxsD8
— ANI (@ANI) September 16, 2023
वहीं वार्ड संख्या 50 के भाजपा पार्षद सजल घोष ने मेयर और चेयरपर्सन के बयान का विरोध किया. उन्होंने चेयरपर्सन से पूछा कि सवालों या प्रस्तावों से क्या होगा? क्या यहां विपक्ष की आवाज का कोई महत्व है? इस पर चेयरपर्सन माला रॉय ने कहा कि आप मुझे विपक्ष का कर्तव्य मत सिखाइए. मैं भी उस विपक्ष की कुर्सी पर बैठी थी और मुझे पता है कि वहां कैसे बैठना है और काम करना है. मैं यह आपसे नहीं सीखूंगी. इसके बाद सजल घोष ने आक्रामक तरीके से विरोध जताया.
इतना ही नहीं चेयरपर्सन की टिप्पणी का विरोध करते हुए घोष सत्र कक्ष में घुस गए. वहीं कथित तौर पर वार्ड नंबर 70 के तृणमूल पार्षद आशिम बोस आए और वह सजल घोष पर भड़क गए, इससे सजल घोष भी हिंसक हो गए. आरोप यह भी है कि दोनों पार्षद मारपीट करने पर उतारू हो गए. तभी आसपास के कुछ टीएमसी पार्षदों के साथ भाजपा के एक अन्य पार्षद विजय ओझा भी शामिल हो गए.
इस दौरान हालात को नियंत्रित करने के लिए मेयर फिरहाद हकीम को नीचे आना पड़ा. उनके साथ ही देबाशीष कुमार और बोरो चेयरमैन सुदीप कोले ने दोनों पक्षों को अलग किया. गौरतलब है कि तब तक सजल घोष फिर सभापित की सीट तक पहुंच गए और विरोध जताने लगे. इस पर चेयरपर्सन ने सभी से शांत रहने का अनुरोध किया. लेकिन, जब किसी ने उनकी बात नहीं सुनी तो माला रॉय ने सत्र को अस्थायी तौर पर स्थगित करने की घोषणा कर दी. बाद में स्थिति सामान्य होने पर सत्र दोबारा शुरू हुआ.
ये भी पढ़ें- तिरुवनंतपुरम की महापौर के पत्र पर विवाद, निगम कार्यालय में भाजपा और सीपीएम पार्षदों के बीच झड़प