नई दिल्ली : उर्वरक घोटाले (Fertiliser scam) से जुड़े धनशोधन के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा की गई जांच को लेकर सवाल किया है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि गिरफ्तार शख्स को गिरफ्तारी के आधार की जानकारी कैसे दी जाती है. कोर्ट ने एक मामले की जांच की 'प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट' की स्थिति के संबंध में भी जानकारी देने को कहा है.
उच्च न्यायालय का यह आदेश ईडी की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया जिसमें कथित तौर पर उर्वरक घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य अमरेन्द्र धारी सिंह (RJD Rajya Sabha MP Amarendra Dhari Singh) को प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) की एक प्रति सौंपने के निचली अदालत के ईडी को दिए गए निर्देश को चुनौती दी गई थी.
न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने नोटिस जारी करके सिंह को ईडी की याचिका पर जवाब देने को कहा जिसमें निचली अदालत के 15 जुलाई के आदेश को खारिज करने की मांग की गई थी.
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने अपनी दलील में कहा कि निचली अदालत के विशेष न्यायाधीश को दंड प्रक्रिया संहिता के तहत ईसीआईआर की प्रति देने के निर्देश एजेंसी को देने की कोई खास शक्तियां नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि सिंह को ईसीआईआर की प्रति की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है और इसका कारण यह है कि ईडी मामला दर्ज करने के लिए बाध्य है और उन्हें समन जारी होने तक वह कार्रवाई में हस्तक्षेप नहीं कर सकते या किसी कागजात की मांग नहीं कर सकते.
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गौरतलब है कि संसद के सदस्य एवं व्यवसायी 62 वर्षीय सिंह को ईडी ने दो जून को धनशोधन निषेध अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं.
(पीटीआई-भाषा)