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MP ETV भारत SPECIAL : ढाई आखर से साकार होगी चिट्ठी लिखने की अनुभूति, डाक विभाग का अनूठा अभियान, इनाम 25 हजार - 21 अक्टूबर तक चलेगा अभियान

गुजरे जमाने में चिट्ठियों से बेहतर आत्म अभिव्यक्ति और सुख-दुख बांटने का कोई जरिया नहीं था. यह बात और है कि आधुनिक दौर में चिट्ठियां लिखने का समय किसी के पास नहीं है. लिहाजा अब डाक विभाग पुरानी पीढ़ी के साथ ही नई पीढ़ी को भी चिट्ठियों के महत्व से रूबरू कराने के लिए ढाई आखर पत्र लेखन अभियान चला रहा है. (Feeling of writing a letter) (Unique campaign of Postal Department) (Dhayi Akhar unique campaign)

unique campaign of postal department
डाक विभाग का अनूठा अभियान
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Published : Jul 22, 2022, 11:10 PM IST

इंदौर। डाक विभाग के अपने तरह के इस अनूठे अभियान के तहत देशभर के युवा अंतर्देशीय पत्र और लिफाफे में विजन फॉर इंडिया 2047 विषय पर विभाग को चिट्ठी लिखेंगे. सर्वश्रेष्ठ तीन चिट्ठियों को 25000, 10,000 और 5000 रुपए से पुरस्कृत किया जाएगा, जिससे कि युवा पीढ़ी भी चिट्ठियों के जरिए आत्मीय संवाद के माध्यम से जुड़ सकें.

डाक विभाग का अनूठा अभियान

21 अक्टूबर तक चलेगा अभियान : भारतीय डाक विभाग चिट्ठी लिखने के दौर को एक बार फिर अमल में लाने के लिए अखिल भारतीय भाई आखर पत्र लेखन अभियान संचालित कर रहा है. 21 अक्टूबर 2022 तक चलने वाले इस अभियान में मध्य प्रदेश परिमंडल समेत अन्य राज्यों के डाक विभाग द्वारा कोशिश की जाएगी कि 18 वर्ष तक या 18 वर्ष से अधिक की दो श्रेणियों वाले युवा चिट्ठियों के जरिए यह बता सकें कि 2047 तक भारत का विजन क्या रहने वाला है. इस अभियान के लिए निर्धारित पुरस्कारों के पीछे वास्तविकता यही है कि आज की जो युवा पीढ़ी सोशल मीडिया व्हाट्सएप और ई-मेल के जरिए जो संवाद करती है, वह कम से कम एक बार चिट्ठी लिखने के अनुभव से गुजरें. इतना ही नहीं आज के दौर में देश के भविष्य को लेकर युवा क्या सोचते हैं, यह चिट्ठियों के माध्यम से डाक विभाग भी जान सकेगा.

परिवारों में चिट्ठियों की अनमोल विरासत : दरअसल, भारतीय जनमानस में पुराने दौर से ही छुट्टियों की एक अहम जगह रही है. हर दुख-सुख में चिट्ठियां ही संवाद का बड़ा माध्यम रही हैं. चिट्ठियों के महत्व को भारतीय फिल्म उद्योग ने भी स्वीकारा. छुट्टियों पर कई फिल्मों के कथानक और गाने बने. इतना ही नहीं 90 के दशक तक प्रेमप्रसंग एवं संवाद के माध्यम छुट्टियों के जरिए से ही होते थे. इसके अलावा बॉर्डर पर तैनात रहने वाले सैन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवार से जुड़े रहने का एकमात्र सहारा चिट्ठियां ही होती थीं, जिनका इंतजार हर किसी को होता था. पुराने दौर में जब पोस्ट में ने एक चिट्ठी लेकर आता था तो पूरा परिवार उस चिट्ठी को इकट्ठा होकर पढ़ता था.

डाक विभाग ने किया स्वर कोकिला का सम्मान, लता दीदी की याद में जारी किया फोटो वाला ऐनवलप, अब देशभर में मिलेगा

आत्म अभिव्यक्ति से जुड़ने का मंच : यही स्थिति उन चिट्ठियों को लेकर होती थी, जो अपने प्रेमी या प्रेमिका द्वारा लिखी गई होती थी, जिसे कई लोगों ने आज तक सहेज कर रखा है. अब जबकि चिट्ठियों का दौर लगभग खत्म हो चुका है तो डाक विभाग ने आम लोगों को एक बार फिर चिट्ठी के जरिए आत्म अभिव्यक्ति से जुड़ने का एक मंच उपलब्ध कराया है, जिससे कि आने वाली पीढ़ी भी चिट्ठी और खासकर अंतर्देशीय और पोस्टकार्ड के महत्व को समझ सके. मैनेजर बिजनेस पोस्ट सेंटर इंदौर जीपीओ के श्रीनिवास जोशी बताते हैं कि इस अभियान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. (Feeling of writing a letter) (Unique campaign of Postal Department) (Dhayi Akhar unique campaign)

इंदौर। डाक विभाग के अपने तरह के इस अनूठे अभियान के तहत देशभर के युवा अंतर्देशीय पत्र और लिफाफे में विजन फॉर इंडिया 2047 विषय पर विभाग को चिट्ठी लिखेंगे. सर्वश्रेष्ठ तीन चिट्ठियों को 25000, 10,000 और 5000 रुपए से पुरस्कृत किया जाएगा, जिससे कि युवा पीढ़ी भी चिट्ठियों के जरिए आत्मीय संवाद के माध्यम से जुड़ सकें.

डाक विभाग का अनूठा अभियान

21 अक्टूबर तक चलेगा अभियान : भारतीय डाक विभाग चिट्ठी लिखने के दौर को एक बार फिर अमल में लाने के लिए अखिल भारतीय भाई आखर पत्र लेखन अभियान संचालित कर रहा है. 21 अक्टूबर 2022 तक चलने वाले इस अभियान में मध्य प्रदेश परिमंडल समेत अन्य राज्यों के डाक विभाग द्वारा कोशिश की जाएगी कि 18 वर्ष तक या 18 वर्ष से अधिक की दो श्रेणियों वाले युवा चिट्ठियों के जरिए यह बता सकें कि 2047 तक भारत का विजन क्या रहने वाला है. इस अभियान के लिए निर्धारित पुरस्कारों के पीछे वास्तविकता यही है कि आज की जो युवा पीढ़ी सोशल मीडिया व्हाट्सएप और ई-मेल के जरिए जो संवाद करती है, वह कम से कम एक बार चिट्ठी लिखने के अनुभव से गुजरें. इतना ही नहीं आज के दौर में देश के भविष्य को लेकर युवा क्या सोचते हैं, यह चिट्ठियों के माध्यम से डाक विभाग भी जान सकेगा.

परिवारों में चिट्ठियों की अनमोल विरासत : दरअसल, भारतीय जनमानस में पुराने दौर से ही छुट्टियों की एक अहम जगह रही है. हर दुख-सुख में चिट्ठियां ही संवाद का बड़ा माध्यम रही हैं. चिट्ठियों के महत्व को भारतीय फिल्म उद्योग ने भी स्वीकारा. छुट्टियों पर कई फिल्मों के कथानक और गाने बने. इतना ही नहीं 90 के दशक तक प्रेमप्रसंग एवं संवाद के माध्यम छुट्टियों के जरिए से ही होते थे. इसके अलावा बॉर्डर पर तैनात रहने वाले सैन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवार से जुड़े रहने का एकमात्र सहारा चिट्ठियां ही होती थीं, जिनका इंतजार हर किसी को होता था. पुराने दौर में जब पोस्ट में ने एक चिट्ठी लेकर आता था तो पूरा परिवार उस चिट्ठी को इकट्ठा होकर पढ़ता था.

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आत्म अभिव्यक्ति से जुड़ने का मंच : यही स्थिति उन चिट्ठियों को लेकर होती थी, जो अपने प्रेमी या प्रेमिका द्वारा लिखी गई होती थी, जिसे कई लोगों ने आज तक सहेज कर रखा है. अब जबकि चिट्ठियों का दौर लगभग खत्म हो चुका है तो डाक विभाग ने आम लोगों को एक बार फिर चिट्ठी के जरिए आत्म अभिव्यक्ति से जुड़ने का एक मंच उपलब्ध कराया है, जिससे कि आने वाली पीढ़ी भी चिट्ठी और खासकर अंतर्देशीय और पोस्टकार्ड के महत्व को समझ सके. मैनेजर बिजनेस पोस्ट सेंटर इंदौर जीपीओ के श्रीनिवास जोशी बताते हैं कि इस अभियान को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. (Feeling of writing a letter) (Unique campaign of Postal Department) (Dhayi Akhar unique campaign)

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