ETV Bharat / bharat

शिक्षा मंत्रालय ने इंजीनियरिंग की नई फीस तय की, राज्यों की सहमति बाकी - एआईसीटीई नई इंजीनियरिंग फीस 2022

शिक्षा मंत्रालय ने देश में इंजीनियरिंग कोर्स की नई फीस तय की है. इसे एआईसीटीई ने निर्धारित किया है. हालांकि, राज्यों ने अभी तक इस पर अपनी मुहर नहीं लगाई है. अलग-अलग राज्यों की रिव्यू कमेटी इसकी समीक्षा करेगी. एआईसीटीई ने अपनी रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए न्यूनतम सालाना फीस 67,900 रुपये और अधिकतम 1,40,900 रुपये रखी है.

concept photo
कॉन्सेप्ट फोटो
author img

By

Published : May 23, 2022, 3:40 PM IST

Updated : May 23, 2022, 5:34 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में इंजीनियरिंग कोर्स की नई फीस तय की गई है. काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा बनाया गया यह फीस स्ट्रक्चर अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है. विभिन्न राज्यों द्वारा इसे स्वीकृति दिया जाना अभी भी बाकी है. दरअसल विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रम की फीस निर्धारित करने के लिए देश के प्रत्येक राज्य की अपनी एक रिव्यू कमेटी है. राज्यों की रिव्यू कमिटी इस नए फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा करेगी.

शिक्षा मूलत: राज्य का विषय है. इसलिए इस फीस स्ट्रक्चर को लागू करने के लिए राज्यों की मंजूरी महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है. खास तौर पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों व राज्य सरकार के नियमों के अंतर्गत कार्य करने वाले प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज, राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई सिफारिशों को ही लागू करते हैं.

इसको देखते हुए एआईसीटीई का कहना है कि यदि किसी राज्य को इस नए फीस स्ट्रक्चर में कोई कमी या आपत्ति होगी, उनसे संवाद किया जाएगा. एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कोर्स के लिए न्यूनतम फीस लगभग 68,000 रुपये तय करने की सिफारिश है. शिक्षा मंत्रालय ने एआईसीटीई की इस महत्वपूर्ण सिफारिश को स्वीकार कर लिया.

केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के उपरांत एआईसीटीई ने सभी राज्यों से इसे लागू करने के लिए कहा है. इसके लिए राज्य सरकारों को एआईसीटीई ने पत्र लिखा है. एआईसीटीई ने अपनी रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए न्यूनतम सालाना फीस 67,900 रुपये और अधिकतम 1,40,900 रुपये रखी गई है. वहीं चार साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए सालाना न्यूनतम फीस 79,600 रुपये और अधिकतम 1,89,800 रुपये की सिफारिश की गई है.

रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 1,41,200 से 3,04,000 रुपये बीच है. मैनेजमेंट में पीजी प्रोग्राम के लिए 85,000 रुपये से लेकर 1,95,200 रुपये फीस की सिफारिश है.

गौरतलब है कि भारतीय इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाला जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम 'जेईई' इस बार वैश्विक रूप लेने जा रहा है. क्वालालंपुर और लागोस जैसे विदेशी शहरों में पहले ही बीते वर्ष यह परीक्षाएं करवाई जा चुकी हैं. भारत सरकार के सहयोग से इन परीक्षाओं को 12 विदेशी सिटी में आयोजित किया गया था. हालांकि इस बार शिक्षा मंत्रालय ने भारत के बाहर पहली बार 25 देशों में एक साथ जेईई मेंस परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है.

इस बार जिन देशों में यह परीक्षा आयोजित करवाई जा रही है उनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, सिंगापुर, चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया बहरीन, कुवैत, कतर, यूएई समेत अन्य देश शामिल है. इस साल एनआरआई और विदेश में पढ़ रहे भारतीय एवं विदेशी नागरिकों के लिए करीब 3900 यूजी और 1300 पीजी सीटें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. यह सीटें देश के उच्च श्रेणी के इंजीनियरिंग संस्थानों में आरक्षित की जाएंगी.

ये भी पढ़ें : IIT To Go Global : 25 देशों में JEE परीक्षा, अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-चीन भी शामिल

नई दिल्ली : देशभर में इंजीनियरिंग कोर्स की नई फीस तय की गई है. काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा बनाया गया यह फीस स्ट्रक्चर अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है. विभिन्न राज्यों द्वारा इसे स्वीकृति दिया जाना अभी भी बाकी है. दरअसल विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रम की फीस निर्धारित करने के लिए देश के प्रत्येक राज्य की अपनी एक रिव्यू कमेटी है. राज्यों की रिव्यू कमिटी इस नए फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा करेगी.

शिक्षा मूलत: राज्य का विषय है. इसलिए इस फीस स्ट्रक्चर को लागू करने के लिए राज्यों की मंजूरी महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है. खास तौर पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों व राज्य सरकार के नियमों के अंतर्गत कार्य करने वाले प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज, राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई सिफारिशों को ही लागू करते हैं.

इसको देखते हुए एआईसीटीई का कहना है कि यदि किसी राज्य को इस नए फीस स्ट्रक्चर में कोई कमी या आपत्ति होगी, उनसे संवाद किया जाएगा. एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कोर्स के लिए न्यूनतम फीस लगभग 68,000 रुपये तय करने की सिफारिश है. शिक्षा मंत्रालय ने एआईसीटीई की इस महत्वपूर्ण सिफारिश को स्वीकार कर लिया.

केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के उपरांत एआईसीटीई ने सभी राज्यों से इसे लागू करने के लिए कहा है. इसके लिए राज्य सरकारों को एआईसीटीई ने पत्र लिखा है. एआईसीटीई ने अपनी रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए न्यूनतम सालाना फीस 67,900 रुपये और अधिकतम 1,40,900 रुपये रखी गई है. वहीं चार साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए सालाना न्यूनतम फीस 79,600 रुपये और अधिकतम 1,89,800 रुपये की सिफारिश की गई है.

रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 1,41,200 से 3,04,000 रुपये बीच है. मैनेजमेंट में पीजी प्रोग्राम के लिए 85,000 रुपये से लेकर 1,95,200 रुपये फीस की सिफारिश है.

गौरतलब है कि भारतीय इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाला जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम 'जेईई' इस बार वैश्विक रूप लेने जा रहा है. क्वालालंपुर और लागोस जैसे विदेशी शहरों में पहले ही बीते वर्ष यह परीक्षाएं करवाई जा चुकी हैं. भारत सरकार के सहयोग से इन परीक्षाओं को 12 विदेशी सिटी में आयोजित किया गया था. हालांकि इस बार शिक्षा मंत्रालय ने भारत के बाहर पहली बार 25 देशों में एक साथ जेईई मेंस परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है.

इस बार जिन देशों में यह परीक्षा आयोजित करवाई जा रही है उनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, सिंगापुर, चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया बहरीन, कुवैत, कतर, यूएई समेत अन्य देश शामिल है. इस साल एनआरआई और विदेश में पढ़ रहे भारतीय एवं विदेशी नागरिकों के लिए करीब 3900 यूजी और 1300 पीजी सीटें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं. यह सीटें देश के उच्च श्रेणी के इंजीनियरिंग संस्थानों में आरक्षित की जाएंगी.

ये भी पढ़ें : IIT To Go Global : 25 देशों में JEE परीक्षा, अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-चीन भी शामिल

Last Updated : May 23, 2022, 5:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.