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'आम आदमी पार्टी' के डर से बीजेपी ने बदला सीएम? जानें क्या है असली वजह - सूरत निगम में जीत के बाद आप जोरों पर

गुजरात में आम आदमी पार्टी के आने के बाद और जिस तरह से पार्टी ने गुजरात के छह नगर निगम चुनावों के साथ-साथ जिला पंचायत और तालुका पंचायत चुनावों में सीटें जीतीं, आप गुजरात में तीसरे विकल्प के रूप में उभरी है. अब जबकि गुजरात विधानसभा चुनाव दिसंबर 2022 में होने वाले हैं, भाजपा को मुख्यमंत्री बदलना पड़ा. क्या आप के डर से बीजेपी को बदलना पड़ा सीएम? एक विशेष रिपोर्ट.

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Published : Sep 12, 2021, 9:56 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफा देने के बाद से गुजरात में सियासी कयासबाजी तेज हो गई है. नए चेहरे में गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के अहमदाबाद के घाटलोदिया इलाके से विधायक भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाया गया है और अब बीजेपी नए चेहरे के नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ेगी.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का लक्ष्य 182 में से 182 सीटें जीतने का है. इस प्रकार, भाजपा ने आम आदमी पार्टी को विधानसभा में प्रवेश करने से रोकने की रणनीति पर फैसला किया है और रूपाणी का इस्तीफा ले लिया है. आम आदमी पार्टी के पास गए पाटीदारों को वापस लाने की गणना अब साकार हो सकती है.

सूरत निगम में जीत के बाद आप जोरों पर

गुजरात में जब छह नगरपालिका चुनाव हुए, सूरत नगर निगम में आम आदमी पार्टी के 27 नगरसेवक जीते. इसके बाद से आम आदमी पार्टी ने रफ्तार पकड़ ली. उसके बाद महेश सवानी, पत्रकार ईशुदान गढ़वी, सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण राम, सागर रबारी जैसे कई बड़े नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी में शामिल होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है.

जनता तक पहुंचने के लिए आम आदमी पार्टी की जनसंवेदना यात्रा को बड़ी सफलता मिली है. अब इसकी धरतीपुत्र सम्मान यात्रा शुरू हो गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी सीधी नजर गुजरात पर है. केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत कई नेता गुजरात आ रहे हैं और गुजरात विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं.

आप से बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं लोग

आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार के विवादित फैसलों और गुजरात में बीजेपी सरकार की नाकामियों को जनता के सामने ला रही है. इससे आप में लोगों की अच्छी खासी भीड़ जुट गई है. इस तरह आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार मुक्त और स्वच्छ सरकार देने का वादा कर रही है. गांव के लोग भी आप में शामिल हो रहे हैं.

जनसंवेदना यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. हालांकि भाजपा ने अभी तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन आम आदमी पार्टी जिस तरह से आगे बढ़ रही है उसकी रिपोर्ट बीजेपी के आला नेताओं तक पहुंच चुकी है.

पाटीदार नेता ही थे विकल्प

इस प्रकार आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता पर अंकुश लगाने के लिए भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया. भाजपा ने सीआर पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. चूंकि विजय रूपाणी जैन समुदाय से हैं, यह देखकर पाटीदारों ने भाजपा से मुंह मोड़ लिया है. जिसकी रिपोर्ट दिल्ली बीजेपी हाईकमान तक पहुंच गई है. संघ द्वारा भी इसका सर्वेक्षण किया गया जिसमें कहा गया था कि नेतृत्व परिवर्तन की बात हो रही है.

सोने की थाली में लोहे की कील

छह नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद शहर के अहमदाबाद के खानपुर इलाके में भाजपा कार्यालय में विजय रैली निकाली गयी. आम आदमी पार्टी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सोने की थाली में लोहे की कील की तरह है, लेकिन हम इसके लिए रास्ता बनाएंगे. आम आदमी पार्टी को गुजरात विधानसभा चुनाव में आगे बढ़ने से रोकने के लिए अब बीजेपी ने नया मास्टर स्ट्रोक खेला है और सीएम का चेहरा बदल दिया है.

यह भी पढ़ें-फिर 'पॉवर' में आए पाटीदार, भूपेंद्र बने अगले खेवनहार, उनके बारे में जानें सब कुछ

क्या आप की एंट्री पर रोक लगा पाएंगे नए सीएम?

अब नए सीएम के लिए नई चुनौती 2022 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्डतोड़ सीटें जीतने और इस तरह आम आदमी पार्टी के प्रवेश को रोकने की होगी. भूपेंद्र पटेल, आनंदीबहन पटेल समूह से ताल्लुक रखते हैं और कदवा पाटीदार समाज के पहले सीएम बने हैं. अब देखना यह होगा कि भूपेंद्र पटेल 14 महीने में संगठन के साथ क्या करने की योजना बनाते हैं.

अहमदाबाद : गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफा देने के बाद से गुजरात में सियासी कयासबाजी तेज हो गई है. नए चेहरे में गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के अहमदाबाद के घाटलोदिया इलाके से विधायक भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाया गया है और अब बीजेपी नए चेहरे के नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ेगी.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का लक्ष्य 182 में से 182 सीटें जीतने का है. इस प्रकार, भाजपा ने आम आदमी पार्टी को विधानसभा में प्रवेश करने से रोकने की रणनीति पर फैसला किया है और रूपाणी का इस्तीफा ले लिया है. आम आदमी पार्टी के पास गए पाटीदारों को वापस लाने की गणना अब साकार हो सकती है.

सूरत निगम में जीत के बाद आप जोरों पर

गुजरात में जब छह नगरपालिका चुनाव हुए, सूरत नगर निगम में आम आदमी पार्टी के 27 नगरसेवक जीते. इसके बाद से आम आदमी पार्टी ने रफ्तार पकड़ ली. उसके बाद महेश सवानी, पत्रकार ईशुदान गढ़वी, सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण राम, सागर रबारी जैसे कई बड़े नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी में शामिल होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है.

जनता तक पहुंचने के लिए आम आदमी पार्टी की जनसंवेदना यात्रा को बड़ी सफलता मिली है. अब इसकी धरतीपुत्र सम्मान यात्रा शुरू हो गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी सीधी नजर गुजरात पर है. केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत कई नेता गुजरात आ रहे हैं और गुजरात विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं.

आप से बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं लोग

आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार के विवादित फैसलों और गुजरात में बीजेपी सरकार की नाकामियों को जनता के सामने ला रही है. इससे आप में लोगों की अच्छी खासी भीड़ जुट गई है. इस तरह आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार मुक्त और स्वच्छ सरकार देने का वादा कर रही है. गांव के लोग भी आप में शामिल हो रहे हैं.

जनसंवेदना यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. हालांकि भाजपा ने अभी तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन आम आदमी पार्टी जिस तरह से आगे बढ़ रही है उसकी रिपोर्ट बीजेपी के आला नेताओं तक पहुंच चुकी है.

पाटीदार नेता ही थे विकल्प

इस प्रकार आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता पर अंकुश लगाने के लिए भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया. भाजपा ने सीआर पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. चूंकि विजय रूपाणी जैन समुदाय से हैं, यह देखकर पाटीदारों ने भाजपा से मुंह मोड़ लिया है. जिसकी रिपोर्ट दिल्ली बीजेपी हाईकमान तक पहुंच गई है. संघ द्वारा भी इसका सर्वेक्षण किया गया जिसमें कहा गया था कि नेतृत्व परिवर्तन की बात हो रही है.

सोने की थाली में लोहे की कील

छह नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद शहर के अहमदाबाद के खानपुर इलाके में भाजपा कार्यालय में विजय रैली निकाली गयी. आम आदमी पार्टी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सोने की थाली में लोहे की कील की तरह है, लेकिन हम इसके लिए रास्ता बनाएंगे. आम आदमी पार्टी को गुजरात विधानसभा चुनाव में आगे बढ़ने से रोकने के लिए अब बीजेपी ने नया मास्टर स्ट्रोक खेला है और सीएम का चेहरा बदल दिया है.

यह भी पढ़ें-फिर 'पॉवर' में आए पाटीदार, भूपेंद्र बने अगले खेवनहार, उनके बारे में जानें सब कुछ

क्या आप की एंट्री पर रोक लगा पाएंगे नए सीएम?

अब नए सीएम के लिए नई चुनौती 2022 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्डतोड़ सीटें जीतने और इस तरह आम आदमी पार्टी के प्रवेश को रोकने की होगी. भूपेंद्र पटेल, आनंदीबहन पटेल समूह से ताल्लुक रखते हैं और कदवा पाटीदार समाज के पहले सीएम बने हैं. अब देखना यह होगा कि भूपेंद्र पटेल 14 महीने में संगठन के साथ क्या करने की योजना बनाते हैं.

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