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एफडीए ने अमेरिका में कोवैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण पर रोक हटाई - क्लिनिकल परीक्षण

भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके 'कोवैक्सीन' के तीन में से दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण पर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने रोक हटा ली है (FDA lifts hold on Covaxins clinical trials in US).

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कोवैक्सीन
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Published : May 25, 2022, 1:12 PM IST

हैदराबाद : अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके 'कोवैक्सीन' के तीन में से दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण पर लगाई गई रोक हटा ली है. अमेरिका और कनाडा में इस टीके के लिए भारत बायोटेक के साझेदार ओकुजेन इंक द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. ओकुजेन इंक के अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक डॉ. शंकर मुसुनुरी ने कहा, 'हम काफी खुश हैं कि हम कोवैक्सीन के लिए अपने क्लिनिकल परीक्षण पर आगे बढ़ सकते हैं. हमारा मानना है कि एक अतिरिक्त, अलग तरह का टीका उपलब्ध कराने की जरूरत प्राथमिकता बनी हुई है.'

परीक्षण को रोकने के लिए अप्रैल में लिया गया एफडीए का फैसला परीक्षणों में शामिल लोगों को टीके की खुराक देने में अस्थायी रोक को स्वैच्छिक रूप से लागू करने संबंधी अमेरिकी कंपनी के फैसले पर आधारित था. भारत में कोवैक्सीन की उत्पादन इकाइयों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की टिप्पणी के बाद यह फैसला लिया गया था. मुसुनुरी ने कहा कि पूर्व में डब्ल्यूएचओ ने अमेरिकी खरीद एजेंसियों के जरिये कोवैक्सीन की आपूर्ति को स्थागित कर दिया था. डब्ल्यूएचओ के निरीक्षकों ने भारत बायोटेक के उत्पादन संयंत्रों में जीएमपी (अच्छे उत्पादन व्यवहार) में कमी पाई थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया था.

डब्ल्यूएचओ के निरीक्षण के बाद, भारत बायोटेक ने कहा था कि वह कार्य निष्पादन बेहतर तरह से करने के लिए अपने सभी उत्पादन संयंत्रों में अस्थायी रूप से कोवैक्सीन का उत्पादन धीमा कर रहा है क्योंकि उसने खरीद एजेंसियों के प्रति अपने आपूर्ति दायित्वों को पूरा कर लिया है तथा उसे मांग में कमी आने का अनुमान है.

पढ़ें- 5-12 साल के बच्चों को भी लगेगा कोरोना टीका, कोवैक्सीन और कॉर्बेवैक्स को मिली मंजूरी

हैदराबाद : अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके 'कोवैक्सीन' के तीन में से दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण पर लगाई गई रोक हटा ली है. अमेरिका और कनाडा में इस टीके के लिए भारत बायोटेक के साझेदार ओकुजेन इंक द्वारा जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई. ओकुजेन इंक के अध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक डॉ. शंकर मुसुनुरी ने कहा, 'हम काफी खुश हैं कि हम कोवैक्सीन के लिए अपने क्लिनिकल परीक्षण पर आगे बढ़ सकते हैं. हमारा मानना है कि एक अतिरिक्त, अलग तरह का टीका उपलब्ध कराने की जरूरत प्राथमिकता बनी हुई है.'

परीक्षण को रोकने के लिए अप्रैल में लिया गया एफडीए का फैसला परीक्षणों में शामिल लोगों को टीके की खुराक देने में अस्थायी रोक को स्वैच्छिक रूप से लागू करने संबंधी अमेरिकी कंपनी के फैसले पर आधारित था. भारत में कोवैक्सीन की उत्पादन इकाइयों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की टिप्पणी के बाद यह फैसला लिया गया था. मुसुनुरी ने कहा कि पूर्व में डब्ल्यूएचओ ने अमेरिकी खरीद एजेंसियों के जरिये कोवैक्सीन की आपूर्ति को स्थागित कर दिया था. डब्ल्यूएचओ के निरीक्षकों ने भारत बायोटेक के उत्पादन संयंत्रों में जीएमपी (अच्छे उत्पादन व्यवहार) में कमी पाई थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया था.

डब्ल्यूएचओ के निरीक्षण के बाद, भारत बायोटेक ने कहा था कि वह कार्य निष्पादन बेहतर तरह से करने के लिए अपने सभी उत्पादन संयंत्रों में अस्थायी रूप से कोवैक्सीन का उत्पादन धीमा कर रहा है क्योंकि उसने खरीद एजेंसियों के प्रति अपने आपूर्ति दायित्वों को पूरा कर लिया है तथा उसे मांग में कमी आने का अनुमान है.

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