रायपुर: हाल ही में छत्तीसगढ़ औषधि प्रशासन विभाग ने आम नागरिकों और वेंडर्स के लिए जानकारी शेयर कर अलर्ट किया था. जानकारी के मुताबिक अखबारों में खाना रखने से और उस खाना को खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग की ओर से जारी सूचना के बाद भी रायपुर में स्ट्रीट फूड वेंडर खाद्य सामग्री को बेचने के लिए और लोगों को खाना देने के लिए अखबार का इस्तेमाल कर रहे हैं.
दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने दुकानदारों और उपभोक्ता से खाद्य पदार्थों की पैकिंग के लिए न्यूजपेपर्स के इस्तेमाल से बचने की अपील की थी. बावजूद इसके शहर के दुकानों में अखबार पर खाना परोसा और बेचा जा रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने रायपुर शहर के अलग-अलग इलाकों का जायजा लिया.
दुकानदारों को नहीं है इस चेतावनी की जानकारी: सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम गांधी मैदान के एक समोसा-कचौरी के दुकान पहुंची. दुकानदार ने समोसा खरीदने आए लोगों को अखबार में फोल्ड करके समोसा दिया. जब ईटीवी भारत ने दुकानदार से पूछा तो उसने बताया कि, " मुझे राज्य सरकार की ओर से जारी किए सूचना की जानकारी नहीं है. अखबार में खाद्य सामग्री का इस्तेमाल करने से बीमारियां होती है. आगे से इस बात का ख्याल रखेंगे और अखबार का इस्तेमाल नही करेंगे."
अखबार में रखकर खाने की आदत: इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने दुकान पर समोसा खरीदने आए ग्राहक से पूछा तो इसने कहा कि "अखबार के माध्यम से इसकी जानकारी मिली है. लेकिन दुकानदार ने मुझे अखबार पर ही समोसा दिया है. मुझे अखबार में रखकर खाने की आदत हो गई है. आगे से इस बात का ध्यान रखूंगा कि अखबार में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन ना करूं."
"ज्यादातर देखा जाता है कि, स्ट्रीट फूड अखबार में लपेट कर दिया जाता है. अखबार की छपाई में जो प्रिंटिंग स्याही का इस्तेमाल किया जाता है. उसमें केमिकल पाया जाता है. ये केमिकल हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं. भारत सरकार की ओर से साल 2019 में यह सर्कुलर जारी किया गया था. अखबार में लपेटा हुआ भोजन या खाद्य सामग्री का लगातार इस्तेमाल करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. लगातार ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लिवर, किडनी और हार्ट की बीमारी हो सकती है." डॉक्टर आरएल खरे, प्रोफेसर, डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज
"अखबार में खाद्य सामग्री रखने और उसको खाने से बचना चाहिए. कोशिश करें कि जहां से आप खाने का सामान ले रहे हैं. वहां आप टिफिन का इस्तेमाल करें. कई बार यह देखा जाता है कि घर में भी महिलाएं रोटियों को अखबार में पैक करके देती है. लेकिन लंच बॉक्स में भी अखबार या प्रिंटेड कागज का इस्तेमाल ना करें. दुकानदारों को अखबार के बजाय मार्केट में आने वाली प्लेट का इस्तेमाल करना चाहिए. ताकि कोई गंभीर बीमारी से पीड़ित न हो सके." डॉक्टर आरएल खरे, प्रोफेसर, डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज
अखबार इस्तेमाल करने वालों पर होगी कार्रवाई: खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने वर्तमान में लोगों से अखबार में खाद्य सामग्रियों को नहीं परोसने की अपील की है. अगर अपील के बावजूद वेंडर या दुकानदार अखबारों में खाद्य सामग्री परोसते हैं. तो फूड वेंडर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.