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पांच वर्षों में 8 हजार से ज्यादा एफसीआरए प्रमाणपत्र नहीं किए गए नवीनीकृत

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि बीते पांच वर्षों में 8 हजार से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए प्रमाणपत्रों को नवीनीकृत नहीं किया गया. यह प्रमाणपत्र विदेशी फंड स्वीकार करने के लिए अनिवार्य होते हैं.

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Published : Mar 10, 2021, 7:30 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में सूचित किया कि 8353 गैर सरकारी संघठनों के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010 (एफसीआरए) प्रमाणपत्रों को पिछले पांच वर्षों से नवीनीकृत नहीं किया गया है.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित उत्तर में कहा कि पिछले पांच वर्षों में एफसीआरए की धारा 13 के तहत 264 एनजीओ और संघों के एफसीआरए प्रमाणपत्रों को भी निलंबित कर दिया गया है.

एफसीआरए पर गृह मंत्रालय द्वारा की गई कार्रवाई से पता चलता है कि सरकार सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों द्वारा प्राप्त विदेशी निधियों पर कड़ी नजर रख रही है.

सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि 2016 में 5347 एनजीओ के एफसीआरए प्रमाणपत्रों का नवीनीकरण नहीं किया गया था, 2017 में 559 एनजीओ, 2018 में 1010 एनजीओ, 2019 में 974 और 2020 में 463 एनजीओ के प्रमाण पत्र सरकार द्वारा नवीनीकृत नहीं किए गए हैं.

इसी तरह, 233 एनजीओ और संघों के एफसीआरए प्रमाणपत्रों को 2018 में निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद 2020 में 25, 2019 में 5 और 2016 में 1 किया गया है.

पिछले साल, एफसीआरए , 2010 में 'प्रशासनिक व्यय और लोक सेवकों' को सीमित करने के लिए संशोधन किया गया था. 'विदेशों से धन प्राप्त करने के लिए पात्र संस्थाओं की सूची से नए संशोधनों के तहत राजनीतिक दलों को विदेशी धन स्वीकार करने से भी रोक दिया गया है.

हालांकि, गृह मंत्रालय से योगदान (विनियमन) नियम, 2011 में बदलाव करने की मांग कई बार की गई है. राय ने कहा कि एफसीआरए, 2010 के तहत संशोधित शासन को सुचारु रूप से लागू करने के लिए सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों और संघों को कई छूट प्रदान की है.

पढ़ें-दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा को लेकर 38 मामले दर्ज किए गए : मंत्री

उन्होंने कहा कि वार्षिक रिपोर्ट (एफसीआरए, 2010 की धारा 18 के तहत) जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2021 कर दी गई है. भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली मुख्य शाखा में 'एफसीआरए खाता' खोलने के लिए अंतिम तिथि को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि 29 सितंबर, 2020 और 31 मई, 2021 की अवधि के दौरान समाप्त होने वाले एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्रों की वैधता को 31 मई, 2021 तक बढ़ाया गया है. संगठनों को विदेशी धन प्राप्त करके रहने के लिए एफसीआरए लाइसेंस अनिवार्य है.

इसी तरह, विदेशी फंडों की मांग करने वाले एनजीओ की स्थापना हुए तीन साल पूर्ण होने चाहिए.इसके अलावा आवेदनों से पहले स्वैच्छिक गतिविधियों में 15 लाख रुपये खर्च किए जाने चाहिए. रिपोर्ट के अनुसार, एनजीओ द्वारा 2016-17 और 2018-19 के बीच 58,000 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त किए गए हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को राज्यसभा में सूचित किया कि 8353 गैर सरकारी संघठनों के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010 (एफसीआरए) प्रमाणपत्रों को पिछले पांच वर्षों से नवीनीकृत नहीं किया गया है.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित उत्तर में कहा कि पिछले पांच वर्षों में एफसीआरए की धारा 13 के तहत 264 एनजीओ और संघों के एफसीआरए प्रमाणपत्रों को भी निलंबित कर दिया गया है.

एफसीआरए पर गृह मंत्रालय द्वारा की गई कार्रवाई से पता चलता है कि सरकार सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों द्वारा प्राप्त विदेशी निधियों पर कड़ी नजर रख रही है.

सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि 2016 में 5347 एनजीओ के एफसीआरए प्रमाणपत्रों का नवीनीकरण नहीं किया गया था, 2017 में 559 एनजीओ, 2018 में 1010 एनजीओ, 2019 में 974 और 2020 में 463 एनजीओ के प्रमाण पत्र सरकार द्वारा नवीनीकृत नहीं किए गए हैं.

इसी तरह, 233 एनजीओ और संघों के एफसीआरए प्रमाणपत्रों को 2018 में निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद 2020 में 25, 2019 में 5 और 2016 में 1 किया गया है.

पिछले साल, एफसीआरए , 2010 में 'प्रशासनिक व्यय और लोक सेवकों' को सीमित करने के लिए संशोधन किया गया था. 'विदेशों से धन प्राप्त करने के लिए पात्र संस्थाओं की सूची से नए संशोधनों के तहत राजनीतिक दलों को विदेशी धन स्वीकार करने से भी रोक दिया गया है.

हालांकि, गृह मंत्रालय से योगदान (विनियमन) नियम, 2011 में बदलाव करने की मांग कई बार की गई है. राय ने कहा कि एफसीआरए, 2010 के तहत संशोधित शासन को सुचारु रूप से लागू करने के लिए सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों और संघों को कई छूट प्रदान की है.

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उन्होंने कहा कि वार्षिक रिपोर्ट (एफसीआरए, 2010 की धारा 18 के तहत) जमा करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2021 कर दी गई है. भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली मुख्य शाखा में 'एफसीआरए खाता' खोलने के लिए अंतिम तिथि को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि 29 सितंबर, 2020 और 31 मई, 2021 की अवधि के दौरान समाप्त होने वाले एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्रों की वैधता को 31 मई, 2021 तक बढ़ाया गया है. संगठनों को विदेशी धन प्राप्त करके रहने के लिए एफसीआरए लाइसेंस अनिवार्य है.

इसी तरह, विदेशी फंडों की मांग करने वाले एनजीओ की स्थापना हुए तीन साल पूर्ण होने चाहिए.इसके अलावा आवेदनों से पहले स्वैच्छिक गतिविधियों में 15 लाख रुपये खर्च किए जाने चाहिए. रिपोर्ट के अनुसार, एनजीओ द्वारा 2016-17 और 2018-19 के बीच 58,000 करोड़ रुपये के विदेशी फंड प्राप्त किए गए हैं.

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