चंडीगढ़ : देश में कुपोषण एक बड़ी समस्या है, जिसकी वजह से हमारे देश के करोड़ों लोग बीमारी के शिकार हैं. इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. हालांकि सरकार ने कई योजनाओं के जरिए इसे खत्म करने की पूरी कोशिश की है लेकिन कुपोषण की दर में ज्यादा कमी नहीं आ पाई. अब इसके लिए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Food Corporation of India) ने एक खास किस्म का कृत्रिम चावल तैयार किया (FCI vitamin fortified rice) है.
इसकी मदद से एफसीआई कुपोषण को कम करने की दिशा में काम कर रहा है. एफसीआई को पूरी उम्मीद है कि उनकी इस पहल से कुपोषण को दूर करने में काफी मदद मिलेगी.
ईटीवी भारत ने फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के डीजीएम (रीजन) प्रदीप सिंह से इस बारे में खास बातचीत की. प्रदीप सिंह ने कहा कि लोगों को पोषक आहार मुहैया करवाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं. जैसे बच्चों के लिए मिड डे मील योजना और बच्चों के साथ-साथ महिलाओं को भी कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी में उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध करवाने की योजना. हालांकि इन योजनाओं से लाभ तो मिल रहा था, लेकिन उतना लाभ नहीं मिल पा रहा था जितना लक्ष्य तय किया गया था. इसलिए भारत सरकार की ओर से नई योजना शुरू की गई है जिसमें कृत्रिम चावल का प्रयोग किया जाता है. इसे फोर्टिफाइड राइस कहा जाता है.
कैसे तैयार होता है फोर्टिफाइड राइस : उन्होंने बताया कि ये चावल राइस मिल में तैयार किया जाता है. पहले चावल का पाउडर बनाया जाता है. इसके बाद उसमें विटामिन B12, विटामिन B9 और फोलिक एसिड मिलाए जाते हैं और उससे फिर से चावल तैयार किया जाता है. इस चावल को सामान्य चावलों में 1% के रेसियो से मिलाया जाता है यानी 100 किलो सामान्य चावल में 1 किलो फोर्टीफाइड राइस मिलाया जाता है. इस योजना का मकसद यह है कि कुपोषण का शिकार लोगों तक यह चावल पहुंचाए जाएं जिससे कुपोषण की दर को कम किया जा सके.
चावल को बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि चावल में निर्धारित मात्रा में ही विटामिन और फोलिक एसिड मिलाया जाए और इसका स्वाद और आकार को भी बनाए रखा जा सके.
प्रदीप सिंह ने कहा कि इस बार हरियाणा में एफसीआई ने 53 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की है. इससे एफसीआई को करीब 40 लाख मैट्रिक टन चावल प्राप्त होगा. इसमें से 20 लाख मैट्रिक टन फोर्टिफाइड राइस युक्त चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.