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महामारी में मरती संवेदना : बिटिया का शव बाइक पर ले जाने काे मजबूर हुआ पिता, जानें मामला

फिरोजाबाद में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर का प्रकाेप जारी है. जिले के मेडिकल कॉलेज से जो तस्वीर सामने आई है. वह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली है. यहां पर डेंगू से पीड़ित एक बालिका की मौत हो गई थी. इसके बाद स्वास्थ्य महकमे की अनदेखी के चलते पिता अपनी मासूम बेटी के शव को बाइक पर ही ले जाने को मजबूर हो गया.

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Published : Sep 3, 2021, 10:51 AM IST

फिरोजाबाद: जिले में रहस्यमय बीमारी से हो रही मौतों के बीच स्वास्थ्य विभाग की भी संवेदनहीनता सामने आई है. फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज से जो तस्वीर सामने आई है. वह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली है. यहां पर डेंगू से पीड़ित एक बालिका की मौत हो गई थी.

इसके बाद जब परिजन शव ले जाने के लिए भटक रहे थे, तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन परिजनों को शव वाहन तक मुहैया नहीं करा सका. बाद में मृतका के परिजन अपनी बिटिया का शव बाइक पर ही रख कर ले गए.

बिटिया का शव बाइक पर ले जाने पर मजबूर हुआ पिता

जिले में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. 60 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. 40 मौतें अकेले शहरी इलाके में हुई हैं. जबकि कई मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई है. मौतों का कोई अधिकृत आंकड़ा भी किसी के पास नहीं है. जिले के ज्यादातर गांव में घर घर चारपाई बिछी हैं. डेंगू महामारी फैलने की शुरुआत शहर से लगे गांव नगला पान सहाय, टापा खुर्द से शुरू हुई थी.

इसके बाद बीमारी ने मरघटी जलालपुर, नगला अमान, शेखूपुर, कपावली,दरिगपुर, समेत कई गांव को अपनी चपेट में ले लिया. शहरी इलाकों में भी डेंगू का जबरदस्त प्रकोप देखा जा सकता है. यहां पर एलान नगर, सुदामा नगर, हुमायूंपुर, झलकारी नगर, आनंद नगर ककरऊ आदि स्थानों पर 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल है. जबकि बड़ों की संख्या काफी कम है.

डेंगू और वायरल फीवर से जिन बालक और बालिकाओं की मौत हुई है, उसमें एक नाम पल्लवी पुत्री रामकुमार निवासी भगवान नगर गली नंबर 6 भी शामिल है. इस बालिका को 1 सितंबर के दिन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. लेकिन 2 सितंबर की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई. बालिका की मौत से आहत परिजनों ने मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया.

इसे भी पढ़ें : गाजियाबाद : रिहायशी कॉलोनी में बोरी में मिला बच्ची का शव, लोगों में दहशत

उनका कहना था कि इलाज में बरती गई लापरवाही से पल्लवी की मौत हुई है. इस मामले में संवेदनहीनता की तस्वीर तब सामने आई जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन पल्लवी के परिजनों को शव वाहन तक नहीं दे सका और परिजन बाइक पर रखकर ही पल्लवी का शव रखकर घर ले गए. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा का कहना है शव वाहन तैयार था, लेकिन परिजन जल्दी शव ले जाना था इसलिए शव को बाइक पर ही घर ले गए.

फिरोजाबाद: जिले में रहस्यमय बीमारी से हो रही मौतों के बीच स्वास्थ्य विभाग की भी संवेदनहीनता सामने आई है. फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज से जो तस्वीर सामने आई है. वह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली है. यहां पर डेंगू से पीड़ित एक बालिका की मौत हो गई थी.

इसके बाद जब परिजन शव ले जाने के लिए भटक रहे थे, तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन परिजनों को शव वाहन तक मुहैया नहीं करा सका. बाद में मृतका के परिजन अपनी बिटिया का शव बाइक पर ही रख कर ले गए.

बिटिया का शव बाइक पर ले जाने पर मजबूर हुआ पिता

जिले में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. 60 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. 40 मौतें अकेले शहरी इलाके में हुई हैं. जबकि कई मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई है. मौतों का कोई अधिकृत आंकड़ा भी किसी के पास नहीं है. जिले के ज्यादातर गांव में घर घर चारपाई बिछी हैं. डेंगू महामारी फैलने की शुरुआत शहर से लगे गांव नगला पान सहाय, टापा खुर्द से शुरू हुई थी.

इसके बाद बीमारी ने मरघटी जलालपुर, नगला अमान, शेखूपुर, कपावली,दरिगपुर, समेत कई गांव को अपनी चपेट में ले लिया. शहरी इलाकों में भी डेंगू का जबरदस्त प्रकोप देखा जा सकता है. यहां पर एलान नगर, सुदामा नगर, हुमायूंपुर, झलकारी नगर, आनंद नगर ककरऊ आदि स्थानों पर 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल है. जबकि बड़ों की संख्या काफी कम है.

डेंगू और वायरल फीवर से जिन बालक और बालिकाओं की मौत हुई है, उसमें एक नाम पल्लवी पुत्री रामकुमार निवासी भगवान नगर गली नंबर 6 भी शामिल है. इस बालिका को 1 सितंबर के दिन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. लेकिन 2 सितंबर की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई. बालिका की मौत से आहत परिजनों ने मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया.

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उनका कहना था कि इलाज में बरती गई लापरवाही से पल्लवी की मौत हुई है. इस मामले में संवेदनहीनता की तस्वीर तब सामने आई जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन पल्लवी के परिजनों को शव वाहन तक नहीं दे सका और परिजन बाइक पर रखकर ही पल्लवी का शव रखकर घर ले गए. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा का कहना है शव वाहन तैयार था, लेकिन परिजन जल्दी शव ले जाना था इसलिए शव को बाइक पर ही घर ले गए.

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