ETV Bharat / bharat

एक पिता की जद्दोजहद, सिस्टम पर चोट करती तस्वीर

हर तस्वीर की अपनी एक कहानी होती है. ईटीवी भारत एक ऐसी ही तस्वीर की दास्तां बताने जा रहा है, जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा लेगें की माजरा क्या है. यही नहीं 21वीं सदी में इस तरह की तस्वीर सिस्टम पर चोट भी करती है.

sahibganj
sahibganj
author img

By

Published : Sep 27, 2021, 8:02 PM IST

रांची : तस्वीर साहिबगंज जिला की है और ये फोटो पल्स पोलियो अभियान के दौरान की है. तस्वीर अनोखी नहीं, पर इसकी कहानी अनोखी है. ये तस्वीर एक साथ कई बातें बयां कर रही है. फोटो सिस्टम पर चोट भी करती है और समाज के सामने एक नजीर भी पेश करती है.

साहिबगंज जिला में विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में जिला के बाढ़ प्रभावित मंडरो प्रखंड के सिरसा गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. गांव में एक गरीब पिता को अपने नवजात बच्चे का टीकाकरण कराना था. लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि इस बरसात और उफनती नदी के बीच वो टीकाकरण केंद्र तक बच्चे को ले कैसे जाए. लेकिन पिता ने जो तरकीब निकाली उसे देख सभी हैरान हैं.

पिता ने अपने नवजात बच्चे को घर के बर्तन (डेगची) में रख सिर पर उठाकर बाढ़ से लड़ते हुए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. ये दृष्य देखकर पूरा गांव दांतों तले उंगलियां दबाता रह गया. स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे पिता ने देखा कि अपने नवजात को इस बारिश और पानी में कहां रखे, तो उसने तय किया कि वो बर्तन में बच्चे को पल्स पोलियो की खुराक दिलवाएंगा. फिर स्वास्थ्य कर्मियों ने भी बर्तन में लेटे नवजात को पोलियो का टीका दिया. पिता के इस प्रेम और उसके स्वास्थ्य को लेकर ऐसी चाहत को देखकर स्वास्थ्यकर्मियों ने पिता की काफी सराहना की.

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस तस्वीर को अपने कैमरे में कैद कर लिया. कैमरे में ली गई तस्वीर कई कहानियां कह रहा है. बर्तन में अबोध बच्चा पूरे समाज से सिस्टम से कुछ कहना चाहता है. जब पोलियो अभियान की शुरुआत हुई थी तो कई तरह की भ्रांतियां लोगों में थीं, लोग अपने बच्चों को इस खुराक से दूर रख रहे थे. लेकिन सरकारी प्रयास और लोगों की समझ बढ़ी तो टीकाकरण भी बढ़ा.

एक पिता का प्यार, उसकी लगन इस तस्वीर में झलक रही है. दूसरी तरफ सिस्टम पर चोट करती है, जो ये बता रही है कि अगर तमाम व्यवस्थाएं ठीक रहती, सारे काम सही से होते तो इस नवजात को ये दिन ना देखना पड़ता. एक बाढ़ पीड़ित पिता के द्वारा अपने बच्चे को पोलियो का खुराक दिलाना एक मिसाल है.

संथाल परगना में साहिबगंज और पाकुड़ जिला में सिर्फ पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. क्योंकि दोनों जिले पश्चिम बंगाल से जुड़े हुए हैं. इसलिए विश्व स्वास्थ संगठन की तरफ से पल्स पोलियो अभियान समय-समय पर चलता रहता है. तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत 26 सितंबर को साहिबगंज उपायुक्त ने दीप प्रज्वलित कर शुरुआत किया जो 28 सितंबर तक चलेगी.

पढ़ेंः आकाश प्राइम मिसाइल : डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण

रांची : तस्वीर साहिबगंज जिला की है और ये फोटो पल्स पोलियो अभियान के दौरान की है. तस्वीर अनोखी नहीं, पर इसकी कहानी अनोखी है. ये तस्वीर एक साथ कई बातें बयां कर रही है. फोटो सिस्टम पर चोट भी करती है और समाज के सामने एक नजीर भी पेश करती है.

साहिबगंज जिला में विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में जिला के बाढ़ प्रभावित मंडरो प्रखंड के सिरसा गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. गांव में एक गरीब पिता को अपने नवजात बच्चे का टीकाकरण कराना था. लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि इस बरसात और उफनती नदी के बीच वो टीकाकरण केंद्र तक बच्चे को ले कैसे जाए. लेकिन पिता ने जो तरकीब निकाली उसे देख सभी हैरान हैं.

पिता ने अपने नवजात बच्चे को घर के बर्तन (डेगची) में रख सिर पर उठाकर बाढ़ से लड़ते हुए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. ये दृष्य देखकर पूरा गांव दांतों तले उंगलियां दबाता रह गया. स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे पिता ने देखा कि अपने नवजात को इस बारिश और पानी में कहां रखे, तो उसने तय किया कि वो बर्तन में बच्चे को पल्स पोलियो की खुराक दिलवाएंगा. फिर स्वास्थ्य कर्मियों ने भी बर्तन में लेटे नवजात को पोलियो का टीका दिया. पिता के इस प्रेम और उसके स्वास्थ्य को लेकर ऐसी चाहत को देखकर स्वास्थ्यकर्मियों ने पिता की काफी सराहना की.

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस तस्वीर को अपने कैमरे में कैद कर लिया. कैमरे में ली गई तस्वीर कई कहानियां कह रहा है. बर्तन में अबोध बच्चा पूरे समाज से सिस्टम से कुछ कहना चाहता है. जब पोलियो अभियान की शुरुआत हुई थी तो कई तरह की भ्रांतियां लोगों में थीं, लोग अपने बच्चों को इस खुराक से दूर रख रहे थे. लेकिन सरकारी प्रयास और लोगों की समझ बढ़ी तो टीकाकरण भी बढ़ा.

एक पिता का प्यार, उसकी लगन इस तस्वीर में झलक रही है. दूसरी तरफ सिस्टम पर चोट करती है, जो ये बता रही है कि अगर तमाम व्यवस्थाएं ठीक रहती, सारे काम सही से होते तो इस नवजात को ये दिन ना देखना पड़ता. एक बाढ़ पीड़ित पिता के द्वारा अपने बच्चे को पोलियो का खुराक दिलाना एक मिसाल है.

संथाल परगना में साहिबगंज और पाकुड़ जिला में सिर्फ पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. क्योंकि दोनों जिले पश्चिम बंगाल से जुड़े हुए हैं. इसलिए विश्व स्वास्थ संगठन की तरफ से पल्स पोलियो अभियान समय-समय पर चलता रहता है. तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत 26 सितंबर को साहिबगंज उपायुक्त ने दीप प्रज्वलित कर शुरुआत किया जो 28 सितंबर तक चलेगी.

पढ़ेंः आकाश प्राइम मिसाइल : डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.