मेरठः चीनी का कटोरा कहा जाने वाले पश्चिमी यूपी में गन्ने की फसल से एक साल में किसानों के हाथ में पर्याप्त पैसे नहीं आते हैं. यही वजह है कि गन्ने की फसल को छोड़कर मेरठ के किसानों ने पॉलीहाउस में आधुनिक खेती करनी शुरू कर दी है. पॉलीहाउस में किसान जहां आधुनिक खेती कर बेमौसमी सब्जियां उगा रहे हैं, वहीं फूलों की खेती भी आय का साधन बनी हुई है. जिले में कई स्थानों पर करीब 46 हेक्टेयर जमीन पर पॉलीहाउस बनाकर आधुनिक खेती की जा रही है. मंडल के सभी 6 जिलों से ज्यादा पॉलीहाउस मेरठ जिले में बनाए गए हैं.
सब्जी और फूलों की हो रही खेती
पॉलीहाउस में किसान लाल-पीली शिमला मिर्च, अंग्रेजी खीरा, टमाटर, हरा धनिया, लौकी-तोरई आदि की खेती के साथ जरबेरा, गुलाब, लिलियम जैसे महंगे फूलों की फसल कर रहे हैं. बेमौसमी सब्जियों की खेती किसानों के लिए आमदनी का अच्छा स्रोत बन चुकी है. ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग बाजारों में लगातार बढ़ रही है. वहीं सक्षम लोग बीमारियों से बचने के लिए अब आर्गेनिक सब्जियां खाना पसंद कर रहे हैं.
पॉलीहाउस में ऑर्गेनिक सब्जियों की खेतीपॉलीहाउस बनाकर खेती कर रहे युवा किसानों ने बताया कि आमतौर पर किसान जहरीले पेस्टिसाइड्स एवं खाद से फसलों की पैदावार बढ़ाने में लगे हैं. लेकिन वह पॉलीहाउस में बिना पेस्टिसाइड्स और खाद के सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं. यानि पॉलीहाउस में उगाई गई सभी फसलें पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही है. खाद और दवाई की जगह किसान पॉलीहाउस में देसी खाद का इस्तेमाल कर सब्जियां उगा रहे हैं. जिससे पॉलीहाउस में उगाई जा रहीं सब्जियां न सिर्फ बिना फ्रिज के लंबे समय तक सुरक्षित रखी जा सकती हैं, बल्कि खाने में भी स्वादिष्ट लगती हैं.
बेमौसमी सब्जियां उगाने से आमदनी बढ़ी
आपको बता दें कि पॉलीहाउस में उगाई गई सब्जियों की कीमत बाजार में अन्य सब्जियों की तुलना में महंगे दाम पर बिक रही है. ऑर्गेनिक तरीके से की जाने वाली खेती से किसानों की अर्थव्यवस्था को नए आयाम मिले हैं. जहां केमिकल युक्त सब्जियां आम आदमी को बीमार कर रही हैं वहीं ऑर्गेनिक सब्जियां गंभीर बिमारियों से बचाने में मददगार हैं. पॉलीहाउस में किसानों द्वारा बेमौसमी सब्जियां उगाने से आय में दो से चार गुना बढ़ोतरी हो रही है.
कम लागत में अधिक पैदावार
पॉलीहाउस में खेती करने से कई फायदे हैं. यही वजह है कि सरकार पॉलीहाउस लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान भी दे रही है. पॉलीहाउस में लगाई गई फसल में कीट एवं अन्य बिमारियां नहीं लगती हैं. फसलों के लिए कृत्रिम वातावरण तैयार कर आर्द्रता के साथ फसल के अनुरूप तापमान बना रहता है. इस वजह से कम लागत में अधिक पैदावार लेकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
पॉलीहाउस की सब्जियों की दिल्ली में मांग
युवा किसान संदीप शर्मा ने बताया कि जिले में 30-35 जगहों पर पॉलीहाउस बनाए गए हैं. इसके बाद उन्होंने भी पॉलीहाउस बनाकर खेती करने की योजना बनाई. संदीप और प्रभात ने मिलकर करीब एक एकड़ में पॉलीहाउस बनाकर सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं. संदीप ने बताया कि पॉलीहाउस में उगाई गई लाल-पीली शिमला मिर्च, अंग्रेजी खीरा, लौकी, तोरई और फूलों की फसल को दिल्ली की मंडियों में भेजा जाता है. जहां उनकी फसल अच्छे दाम पर बिक रही हैं. ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग बढ़ने के साथ आमदनी भी बढ़ी है.