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आंदोलनकारी किसान 26 जून को राजभवनों पर धरना देंगे

केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों (three new agricultural laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संघों ने घोषणा की कि आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को देशभर में राजभवनों के सामने धरना देंगे.

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Published : Jun 12, 2021, 4:37 AM IST

आंदोलनकारी किसान
आंदोलनकारी किसान

नई दिल्ली : केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों (three new agricultural laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संघों ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे अपने आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को देशभर में राजभवनों पर धरना देंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा कि वे 26 जून को अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान काले झंडे दिखाएंगे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे.

एसकेएम के किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस दिन को 'खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम राजभवनों पर काले झंडे दिखाकर और प्रत्येक राज्य के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराएंगे.'

पढ़ें - बिना आरटीओ टेस्ट पाएं ड्राइविंग लाइसेंस, जानिए कैसे

सिंह ने कहा, 'यह (26 जून) वह दिन भी है, जब 1975 में आपातकाल घोषित किया गया था और हम इसी दिन अपने आंदोलन के सात महीने पूरे करेंगे. तानाशाही के इस माहौल में खेती के साथ-साथ लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी हमला हुआ है. यह एक अघोषित आपातकाल है.'

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार ने कहा है कि ये सभी नए कानून किसान हितैषी हैं.

किसान नेता सुमन हुड्डा ने महिला प्रदर्शनकारियों की चिंताओं का जिक्र करते हुए कहा कि शनिवार शाम तक विशेष समितियां गठित की जाएंगी, जो विरोध स्थलों पर महिलाओं की समस्याओं का समाधान करेंगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों (three new agricultural laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संघों ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे अपने आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को देशभर में राजभवनों पर धरना देंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा कि वे 26 जून को अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान काले झंडे दिखाएंगे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे.

एसकेएम के किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस दिन को 'खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम राजभवनों पर काले झंडे दिखाकर और प्रत्येक राज्य के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराएंगे.'

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सिंह ने कहा, 'यह (26 जून) वह दिन भी है, जब 1975 में आपातकाल घोषित किया गया था और हम इसी दिन अपने आंदोलन के सात महीने पूरे करेंगे. तानाशाही के इस माहौल में खेती के साथ-साथ लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी हमला हुआ है. यह एक अघोषित आपातकाल है.'

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार ने कहा है कि ये सभी नए कानून किसान हितैषी हैं.

किसान नेता सुमन हुड्डा ने महिला प्रदर्शनकारियों की चिंताओं का जिक्र करते हुए कहा कि शनिवार शाम तक विशेष समितियां गठित की जाएंगी, जो विरोध स्थलों पर महिलाओं की समस्याओं का समाधान करेंगी.

(पीटीआई-भाषा)

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