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बंगाल सरकार बुलाएगी विधानसभा सत्र, कृषि कानूनों के खिलाफ लाया जाएगा प्रस्ताव - आंदोलन लाइव

केंद्र के साथ वार्ता आज
केंद्र के साथ वार्ता आज
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Published : Jan 4, 2021, 7:03 AM IST

Updated : Jan 4, 2021, 11:03 PM IST

22:39 January 04

22:34 January 04

पंजाब के दो किसानों की मौत 
केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन थम नहीं रहा है. इसी बीच खबर आ रही है कि किसान आंदोलन में शामिल हुए पंजाब के दो किसानों की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, दोनों किसानों की मौत घर लौटने के बाद हुई है. मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है. किसानों की पहचान शमशेर सिंह और गुरदर्शन सिंह के रूप में हुई है. 

गुरदर्शन सिंह के बेटे गुरिंदर सिंह ने कहा कि उनके पिता को बीमार होने के कारण तीन जनवरी को घर वापस लाया गया था. घर लौटने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आज उनके पिता की मौत हो गई.   

18:15 January 04

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा का सत्र बुलाएगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा. 

18:02 January 04

राकेश टिकैत का बयान
सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने पर और एमएसपी दोनों मुद्दों पर आठ तारीख को फिर से बात होगी.

17:54 January 04

किसानों और सरकार के बीच चल रही वार्ता खत्म हो गई है. आठ जनवरी को अगली बैठक आयोजित की गई है.

15:09 January 04

जानकारी देते संवाददाता.

कृषि कानूनों रद्द करने से सरकार ने किया इनकार

  • सूत्रों ने पता चला है कि केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने किसान नेताओं से कहा कि कानूनों रद्द करने के अलावा कोई अन्य रास्ता सुझाएं.
  • एमएसपी गारंटी कानून बनाने पर कोई चर्चा नहीं, गतिरोध बरकरार
  • बैठक बेनतीजा रहने के पूरे आसार, बहरहाल बातचीत जारी

14:55 January 04

विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए​ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल, सोमप्रकाश ने किसान नेताओं के साथ विज्ञान भवन में दो मिनट का मौन रखा. 

14:12 January 04

सातवें दौर की बातचीत में गोयल और तोमर मौजूद

किसानों और सरकार के बीच वार्ता.

तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्ता शुरू हो गई है. किसान आंदोलन के 40वें दिन में प्रवेश करने के बाद दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे हैं.

किसान संगठनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग पर केंद्रीय मंत्रियों के साथ विज्ञान भवन में बातचीत कर रहे हैं.

सरकार के साथ किसान नेताओं की यह सातवें दौर की अहम वार्ता है, जिसमें किसानों को उनकी दो प्रमुख मांगों पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है. 

13:47 January 04

हन्नान मोल्लाह का बयान

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह बोले कि मुख्य एजेंडा है कि तीन कानूनों को वापस लेना और MSP को कानूनी दर्जा देना है. इसमें कोई कानूनी समस्या नहीं है. यह राजनीतिक इच्छा का सवाल है. अगर सरकार कॉर्पोरेट के साथ है तो वापस नहीं लेगी और अगर किसान के साथ है तो जरूर वापस लेगी. 

12:48 January 04

विज्ञान भवन पहुंचा किसान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल

etv bharat
किसान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल

केंद्र सरकार से बातचीत के लिए किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल विज्ञान भवन पहुंचा. किसान नेता कहते हैं, 'हमें उम्मीद है कि नए साल में इस बैठक में सफलता मिलेगी.' 

12:35 January 04

कृषि मंत्री तोमर का बयान

तोमर का बयान

किसानों के साथ आज की वार्ता से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ' मुझे उम्मीद है कि हम आज एक सकारात्मक समाधान पाएंगे. हम बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे' 

11:53 January 04

राकेश टिकैत ने रखीं तीन मांगे

मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत

 

राकेश टिकैत ने कहा कि विरोध के दौरान अब तक 60 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं. हर 16 घंटे में एक किसान अपनी जान गंवा रहा है. इसका जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है. 

बैठक से पहले किसान नेता टिकैत ने तीन मांगें रखीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करना चाहिए, एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने चाहिए. 

10:00 January 04

अंबाला में किसानों ने रिलायंस स्टोर के बाहर किया प्रदर्शन

रिलायंस को बॉयकॉट कर रहे किसान

अंबाला : तीन कानूनों के खिलाफ जारी किसानों की लड़ाई के बीच अब किसानों ने रिलायंस के मॉल व शोरूम के बाहर प्रदर्शन कर उनका बॉयकॉट करना शुरू कर दिया है. 

रविवार देर शाम अंबाला में किसानों ने रिलायंस डिजिटल के बाहर बैनरों के साथ प्रदर्शन किया तो कर्मचारियों ने मॉल को बंद कर दिया. प्रदर्शन कर रहे युवा किसानों ने कहा कि बायकॉट जारी रहेगा, वे रोजाना रिलायंस के बाहर प्रदर्शन करेंगे. 

अंबाला शहर में युवा किसान रिलायंस डिजिटल के बाहर रिलायंस के बॉयकॉट वाले पोस्टर्स के साथ इकट्ठा हुए. किसानों को इकट्ठा होता देख रिलायंस कर्मचारियों ने मॉल के शटर डाउन कर दिए. 

09:58 January 04

निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन जारी

प्रदर्शन जारी

कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है. फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया, 'आज की बैठक में तीन कानूनों को रद्द करने की बात चलेगी. उम्मीद है कि बैठक में कुछ हल निकलेगा, अगर नहीं निकला तो हमारा संघर्ष चलता रहेगा.' 

09:35 January 04

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है.

वीडियो

06:48 January 04

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 40वां दिन है. इन सबके बीच सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की अहम वार्ता आज होने वाली है. उससे एक दिन पहले रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की और इस वर्तमान संकट के यथाशीघ्र समाधान के लिए सरकार की रणनीति पर चर्चा की. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. एक महीने से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों और सरकार के बीच छह बार वार्ता हो चुकी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार ने अगर मांगे नहीं मानी तो गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेगें. किसान और सरकार के बीच अगले दौर की वार्ता चार जनवरी यानी की आज होनी है.  

सूत्रों के अनुसार तोमर ने सिंह के साथ इस संकट के समाधान के लिए बीच का रास्ता ढूंढने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर चर्चा की.

पिछली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री रहे राजनाथ सिंह एक अहम संकटमोचक के रूप में उभरे हैं और वह इस मुद्दे पर अधिकतर पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं.

पिछले 39 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर ठिठुरती ठंड और अब बारिश के बाद भी टिके प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि यदि तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें सरकार चार जनवरी की बैठक में नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे.

शनिवार रात से वर्षा होने से प्रदर्शन स्थलों पर पानी जमा हो गया है लेकिन किसान संगठनों ने कहा है, जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जाती है तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे.

पांच दौर की वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में सरकार और 40 किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में वृद्धि एवं पराली जलाने पर जुर्माने पर प्रदर्शनकारी किसानों की चिंताओं के समाधान पर बात बनी थी. लेकिन तीन कृषि कानूनों के निरसन एवं एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के विषय पर दोनों पक्षों में गतिरोध कायम है.

एक जनवरी को तोमर ने कहा था कि सरकार चार जनवरी को किसान संगठनों के साथ अगले दौर की बैठक में  सकारात्मक नतीजे आने को लेकर आशान्वित है लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया कि क्या सातवां दौर वार्ता का आखिरी दौर होगा.

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि चार जनवरी की बैठक आखिरी दौर होगा, तो उन्होंने कहा,मैं ऐसा पक्के तौर पर नहीं कह सकता. मै कोई ज्योतिषी नहीं हूं. मैं आशान्वित हूं कि (बैठक में) जो भी निर्णय होगा, वह देश और किसानों के हित में होगा.

हरियाणा पुलिस ने किसान समूहों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया

हरियाणा पुलिस ने दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों के एक समूह पर रेवाड़ी जिले के मसानी बांध के पास रविवार की शाम को आंसू गैस के गोले छोड़े.

किसानों ने बुधला सांगवारी गांव के पास पहले पुलिस बैरीकेड तोड़ डाले और फिर शाम में वे दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे.

पुलिस ने बताया कि वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के सर्विस लेन पर डेरा डाले हुए हैं.

किसानों का समूह जब मसानी बांध पर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. बांध पर पुलिस ने बैरीकेड लगा रखे थे.

रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने फोन पर बताया, हमने उन्हें (किसानों को) मसानी पर रोक दिया है.

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों में से तीन की मौत

केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों में से तीन लोगों की मौत हो गई. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों पर जमे किसानों में से टिकरी बॉर्डर पर एक जबकि कुंडली बॉर्डर पर दो किसानों की कथित रूप से ठंड लगने से मौत हो गई.

कुंडली के थाना प्रभारी रविकुमार ने बताया कि कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आये दो पंजाब निवासियों बलबीर सिंह गोहाना और निर्भय सिंह की मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि युधिष्ठर सिंह नामक एक किसान को दिल का दौरान पड़ने के बाद नाजुक हालत में पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है.

पुलिस को आशंका है कि किसानों की मौत सर्दी लगने से हृदयाघात के कारण हुई है. मौत के वास्तविक कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम के बाद हो हो सकेगी.

वहीं टिकरी बॉर्डर पर जमे किसानों में से एक जींद निवासी जगबीर (66) की शनिवार की रात मौत हो गई. मौत का कारण ठंड से ह्रदय गति रूकना बताया गया है.

बता दें कि पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारी किसानों ने अल्टीमेटम जारी किया था कि यदि अगली दौर की वार्ता में उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के साथ प्रवेश करेंगे.

22:39 January 04

22:34 January 04

पंजाब के दो किसानों की मौत 
केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन थम नहीं रहा है. इसी बीच खबर आ रही है कि किसान आंदोलन में शामिल हुए पंजाब के दो किसानों की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, दोनों किसानों की मौत घर लौटने के बाद हुई है. मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है. किसानों की पहचान शमशेर सिंह और गुरदर्शन सिंह के रूप में हुई है. 

गुरदर्शन सिंह के बेटे गुरिंदर सिंह ने कहा कि उनके पिता को बीमार होने के कारण तीन जनवरी को घर वापस लाया गया था. घर लौटने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आज उनके पिता की मौत हो गई.   

18:15 January 04

पश्चिम बंगाल में ममता सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा का सत्र बुलाएगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा. 

18:02 January 04

राकेश टिकैत का बयान
सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी. तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने पर और एमएसपी दोनों मुद्दों पर आठ तारीख को फिर से बात होगी.

17:54 January 04

किसानों और सरकार के बीच चल रही वार्ता खत्म हो गई है. आठ जनवरी को अगली बैठक आयोजित की गई है.

15:09 January 04

जानकारी देते संवाददाता.

कृषि कानूनों रद्द करने से सरकार ने किया इनकार

  • सूत्रों ने पता चला है कि केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने किसान नेताओं से कहा कि कानूनों रद्द करने के अलावा कोई अन्य रास्ता सुझाएं.
  • एमएसपी गारंटी कानून बनाने पर कोई चर्चा नहीं, गतिरोध बरकरार
  • बैठक बेनतीजा रहने के पूरे आसार, बहरहाल बातचीत जारी

14:55 January 04

विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए​ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल, सोमप्रकाश ने किसान नेताओं के साथ विज्ञान भवन में दो मिनट का मौन रखा. 

14:12 January 04

सातवें दौर की बातचीत में गोयल और तोमर मौजूद

किसानों और सरकार के बीच वार्ता.

तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में वार्ता शुरू हो गई है. किसान आंदोलन के 40वें दिन में प्रवेश करने के बाद दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल व राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसान संगठनों के 41 प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे हैं.

किसान संगठनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग पर केंद्रीय मंत्रियों के साथ विज्ञान भवन में बातचीत कर रहे हैं.

सरकार के साथ किसान नेताओं की यह सातवें दौर की अहम वार्ता है, जिसमें किसानों को उनकी दो प्रमुख मांगों पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है. 

13:47 January 04

हन्नान मोल्लाह का बयान

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह बोले कि मुख्य एजेंडा है कि तीन कानूनों को वापस लेना और MSP को कानूनी दर्जा देना है. इसमें कोई कानूनी समस्या नहीं है. यह राजनीतिक इच्छा का सवाल है. अगर सरकार कॉर्पोरेट के साथ है तो वापस नहीं लेगी और अगर किसान के साथ है तो जरूर वापस लेगी. 

12:48 January 04

विज्ञान भवन पहुंचा किसान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल

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किसान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल

केंद्र सरकार से बातचीत के लिए किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल विज्ञान भवन पहुंचा. किसान नेता कहते हैं, 'हमें उम्मीद है कि नए साल में इस बैठक में सफलता मिलेगी.' 

12:35 January 04

कृषि मंत्री तोमर का बयान

तोमर का बयान

किसानों के साथ आज की वार्ता से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ' मुझे उम्मीद है कि हम आज एक सकारात्मक समाधान पाएंगे. हम बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे' 

11:53 January 04

राकेश टिकैत ने रखीं तीन मांगे

मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत

 

राकेश टिकैत ने कहा कि विरोध के दौरान अब तक 60 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं. हर 16 घंटे में एक किसान अपनी जान गंवा रहा है. इसका जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है. 

बैठक से पहले किसान नेता टिकैत ने तीन मांगें रखीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करना चाहिए, एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने चाहिए. 

10:00 January 04

अंबाला में किसानों ने रिलायंस स्टोर के बाहर किया प्रदर्शन

रिलायंस को बॉयकॉट कर रहे किसान

अंबाला : तीन कानूनों के खिलाफ जारी किसानों की लड़ाई के बीच अब किसानों ने रिलायंस के मॉल व शोरूम के बाहर प्रदर्शन कर उनका बॉयकॉट करना शुरू कर दिया है. 

रविवार देर शाम अंबाला में किसानों ने रिलायंस डिजिटल के बाहर बैनरों के साथ प्रदर्शन किया तो कर्मचारियों ने मॉल को बंद कर दिया. प्रदर्शन कर रहे युवा किसानों ने कहा कि बायकॉट जारी रहेगा, वे रोजाना रिलायंस के बाहर प्रदर्शन करेंगे. 

अंबाला शहर में युवा किसान रिलायंस डिजिटल के बाहर रिलायंस के बॉयकॉट वाले पोस्टर्स के साथ इकट्ठा हुए. किसानों को इकट्ठा होता देख रिलायंस कर्मचारियों ने मॉल के शटर डाउन कर दिए. 

09:58 January 04

निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन जारी

प्रदर्शन जारी

कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसानों का प्रदर्शन जारी है. फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने बताया, 'आज की बैठक में तीन कानूनों को रद्द करने की बात चलेगी. उम्मीद है कि बैठक में कुछ हल निकलेगा, अगर नहीं निकला तो हमारा संघर्ष चलता रहेगा.' 

09:35 January 04

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है.

वीडियो

06:48 January 04

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 40वां दिन है. इन सबके बीच सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की अहम वार्ता आज होने वाली है. उससे एक दिन पहले रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की और इस वर्तमान संकट के यथाशीघ्र समाधान के लिए सरकार की रणनीति पर चर्चा की. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. एक महीने से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों और सरकार के बीच छह बार वार्ता हो चुकी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार ने अगर मांगे नहीं मानी तो गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालेगें. किसान और सरकार के बीच अगले दौर की वार्ता चार जनवरी यानी की आज होनी है.  

सूत्रों के अनुसार तोमर ने सिंह के साथ इस संकट के समाधान के लिए बीच का रास्ता ढूंढने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर चर्चा की.

पिछली अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री रहे राजनाथ सिंह एक अहम संकटमोचक के रूप में उभरे हैं और वह इस मुद्दे पर अधिकतर पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं.

पिछले 39 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर ठिठुरती ठंड और अब बारिश के बाद भी टिके प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि यदि तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें सरकार चार जनवरी की बैठक में नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे.

शनिवार रात से वर्षा होने से प्रदर्शन स्थलों पर पानी जमा हो गया है लेकिन किसान संगठनों ने कहा है, जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जाती है तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे.

पांच दौर की वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में सरकार और 40 किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में वृद्धि एवं पराली जलाने पर जुर्माने पर प्रदर्शनकारी किसानों की चिंताओं के समाधान पर बात बनी थी. लेकिन तीन कृषि कानूनों के निरसन एवं एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के विषय पर दोनों पक्षों में गतिरोध कायम है.

एक जनवरी को तोमर ने कहा था कि सरकार चार जनवरी को किसान संगठनों के साथ अगले दौर की बैठक में  सकारात्मक नतीजे आने को लेकर आशान्वित है लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया कि क्या सातवां दौर वार्ता का आखिरी दौर होगा.

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि चार जनवरी की बैठक आखिरी दौर होगा, तो उन्होंने कहा,मैं ऐसा पक्के तौर पर नहीं कह सकता. मै कोई ज्योतिषी नहीं हूं. मैं आशान्वित हूं कि (बैठक में) जो भी निर्णय होगा, वह देश और किसानों के हित में होगा.

हरियाणा पुलिस ने किसान समूहों को दिल्ली की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया

हरियाणा पुलिस ने दिल्ली की तरफ जा रहे किसानों के एक समूह पर रेवाड़ी जिले के मसानी बांध के पास रविवार की शाम को आंसू गैस के गोले छोड़े.

किसानों ने बुधला सांगवारी गांव के पास पहले पुलिस बैरीकेड तोड़ डाले और फिर शाम में वे दिल्ली की तरफ बढ़ने लगे.

पुलिस ने बताया कि वे पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के सर्विस लेन पर डेरा डाले हुए हैं.

किसानों का समूह जब मसानी बांध पर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. बांध पर पुलिस ने बैरीकेड लगा रखे थे.

रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने फोन पर बताया, हमने उन्हें (किसानों को) मसानी पर रोक दिया है.

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों में से तीन की मौत

केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों में से तीन लोगों की मौत हो गई. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों पर जमे किसानों में से टिकरी बॉर्डर पर एक जबकि कुंडली बॉर्डर पर दो किसानों की कथित रूप से ठंड लगने से मौत हो गई.

कुंडली के थाना प्रभारी रविकुमार ने बताया कि कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आये दो पंजाब निवासियों बलबीर सिंह गोहाना और निर्भय सिंह की मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि युधिष्ठर सिंह नामक एक किसान को दिल का दौरान पड़ने के बाद नाजुक हालत में पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया है.

पुलिस को आशंका है कि किसानों की मौत सर्दी लगने से हृदयाघात के कारण हुई है. मौत के वास्तविक कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम के बाद हो हो सकेगी.

वहीं टिकरी बॉर्डर पर जमे किसानों में से एक जींद निवासी जगबीर (66) की शनिवार की रात मौत हो गई. मौत का कारण ठंड से ह्रदय गति रूकना बताया गया है.

बता दें कि पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारी किसानों ने अल्टीमेटम जारी किया था कि यदि अगली दौर की वार्ता में उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के साथ प्रवेश करेंगे.

Last Updated : Jan 4, 2021, 11:03 PM IST
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