कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा पंजाब में भाजपा नेताओं पर फूटा. नए साल के पहले दिन किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे दी है. इसकी शुरुआत हो भी गई है, जिसका उदाहरण पंजाब में शुक्रवार को देखने को मिला. होशियारपुर में दल खालसा से जुड़े लोगों ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद के घर के बाहर गोबर फेंक दिया. वहीं तरनतारन में भाजपा के ही वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अनिल जोशी के कपड़े के शोरूम के बाहर किसानों ने धरना दिया है. दोनों मामलों में पुलिस मौके पर पहुंची. गोबर फेंकने की घटना पर तीक्ष्ण सूद ने नाराजगी जताई है. अनिल जोशी ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. तीक्ष्ण सूद ने कहा कि जो हुआ वह सही नहीं.
मांगें पूरी न होने पर छह जनवरी को KMP राजमार्ग पर मार्च : संयुक्त किसान मोर्चा
19:25 January 01
किसानों ने भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद के घर फेंका गोबर
18:58 January 01
अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी : योगेंद्र यादव
स्वराज इंडिया पार्टी के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है. 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है. हाथी निकलना अभी बाकी है. एमएसपी को क़ानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि क़ानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि 4 जनवरी को हमारी वार्ता है, अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को KMP राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा. 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा.
17:56 January 01
पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर विधानसभा से बीजेपी विधायक ओपी शर्मा ने दिल्ली सरकार पर किसानों के नाम पर अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया है.
दिल्ली सरकार फैला रही अव्यवस्था
ओपी शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी आंदोलन करने वाले, अकाली दल वाले और जो किसान नहीं है, उनके साथ मिलकर मिलकर दिल्ली में अव्यवस्था फैला रही है. दिल्ली सरकार और कोई भी काम नहीं कर रही है, वह दिल्ली की जनता के लिए कुछ नहीं कर रही है.
15:11 January 01
किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत
किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत हो गई है. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल किसान चौधरी गलतान सिंह की मृत्यु ठंड लगने से हो गई. जानकारी के अनुसार 57 वर्षीय किसान चौधरी गलतान सिंह यूपी के बागपत जिले के मोजिजबाद नंगल गांव रहने वाले थे.
12:03 January 01
जंतर मंतर में सांसदों और विधायकों ने किया विरोध प्रदर्शन
नए साल पर जंतर मंतर पर कांग्रेस के सांसदों और विधायकों ने अपने परिवारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया. वे कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के समर्थन में 7 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
11:11 January 01
किसानों का कैंडल लाइट मार्च निकाला
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बाॅर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने नए साल की पूर्व संध्या पर कैंडल लाइट मार्च निकाला
11:10 January 01
किसान आंदोलन जारी
पटियाला से दो दोस्त करीब 250 किलोमीटर साइकल चलाकर टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं. परमिंदर सिंह ने बताया हमें सिर्फ़ टिकरी बॉर्डर दिख रहा है जहां हमारे भाई-बहन बैठे हैं. मैं लोगों से अपील करता हूं कि नया साल किसानों के साथ मनाए.
11:09 January 01
4 जनवरी से किसान आंदोलन होगा तेज
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है. किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ होगा.
10:53 January 01
किसान आंदोलन में महिलाएं भी बढ़-चढ़कर ले रही भाग
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के साथ अब महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो रही हैं. ईटीवी भारत की टीम महिला किसानों के साथ ट्रैक्टर में सवार हुई और महिलाओं से जाना कि आखिरकार वो कब तक ऐसे ही किसान आंदोलन में भागीदारी करती रहेंगी.
जब किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो महिला किसानों की भागीदारी कम थी. जैसे-जैसे किसान आंदोलन तेज हुआ वैसे-वैसे महिला किसानों की भागीदारी भी तेज होती गई.हरियाणा की महिला किसानों ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना शुरू कर दिया है. महिला किसानों ने कहा कि जब तक यह कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाने वाली हैं.
सोनीपत के ग्रामीण क्षेत्र से महिला किसान अपने बच्चों और बेटियों के साथ सोनीपत की सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रही हैं और किसानों के समर्थन में यही रुकने का दम भर रही हैं.
10:51 January 01
राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर योगेंद्र यादव से Exclusive बातचीत
नए साल 2021 का आगाज हो चुका है. वहीं, दिल्ली में कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन लगातार 36 दिन से जारी है. वहीं हरियाणा से लगते शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी किसान डटे हुए हैं. हालांकि केंद्र सरकार के रवैए में कुछ नरमी नजर आ रही है. 30 दिसंबर को सातवीं बार हुई 5 घंटे की बातचीत के बाद बिजली बिल और पराली से जुड़े दो मुद्दों पर सहमति बनी है. वहीं, अगली बैठक 4 जनवरी होनी है.
इस बीच नए साल 2021 के आगाज के साथ बॉर्डर पर डटे किसानों के बीच ईटीवी भारत राजस्थान की टीम भी पहुंची. रात 12 बजे किसान मशाल जुलुस निकालते नजर आए. वहीं, इस दौरान स्वराज इंडिया पार्टी के संयोजक योगेंद्र यादव से अश्विनी पारीक ने खास बातचीत की.
इस बातचीत के दौरान योगेंद्र यादव ने कहा कि इस समय देश के ज्यादातर किसानों के मन में है कि उनके लिए इस समय कुछ बड़ा और बुरा किया जा रहा है. क्या है, इस बारे में किसानों को पता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र का गलत उपयोग किया गया है और मीडिया ने भी एक तरफा सरकार के लिए प्रोपेगेंडा किया है. उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर कई तरह की बातें फैलाई गई. लेकिन, अब केंद्र सरकार की मंत्रियों के बातों से ही पता चल रहा है कि ये किसानों के संबंध में फैली बातें झूठ थीं.
योगेंद्र यादव ने कहा कि यहां आंदोलन कर रहे किसान ही हैं और इतना बड़ा आंदोलन बेहद संयमित तौर पर चला है. योगेंद्र यादव के मुताबिक यहां मौजूद लोगों में नाराजगी है, लेकिन, ये असामाजिक तत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि 4 जनवरी को बात नहीं बनती है तो इस आंदोलन को बड़े स्तर पहुंचाएंगे और इसे राष्ट्रीय स्वरूप देने की जरूरत है. साथ ही कहा कि ये बात सच नहीं है कि ये आंदोलन सिर्फ उत्तर भारत तक सीमित है. पूरे देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं.
06:22 January 01
किसान आंदोलन लाइव अपडेट
नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. आज आंदोलन का 37वां दिन है. किसान नेताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और नए कृषि कानूनों को रद्द करने का कोई विकल्प नहीं है. इससे एक दिन पहले केंद्र और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बातचीत हुयी जिसमें दो विवादास्पद मुद्दों पर गतिरोध बना रहा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कदम के बारे में चर्चा के लिए आज एक और बैठक बुलाई है. किसानों का कहना है कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले दो मुद्दों से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है.
बुधवार को सरकार और किसान संघों के बीच छठे दौर की वार्ता लगभग पांच घंटे चली जिसमें बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी.
गौरतलब है कि मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
वरिष्ठ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कदम के बारे में चर्चा के लिए शुक्रवार को एक और बैठक बुलाई है. हालांकि, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले दो मुद्दों से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है.
चढूनी ने कहा, सरकार ने पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश में किसानों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को हटाने और बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन को रोकने की हमारी मांगों का निपटान कर दिया है.
उन्होंने कहा, लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी दो शेष मांगों का कोई विकल्प नहीं है, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल है.
प्रदर्शन कर रहे किसान संघों में शामिल ऑल इंडिया किसान संघर्ष को- ओर्डिनेशन कमेटी ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं से कानूनों को निरस्त करने का विकल्प सुझाने की अपील की है जो असंभव है.
बयान में कहा गया है, नए कानून कृषि बाजारों, किसानों की जमीन और खाद्य श्रृंखला को कॉरपोरेट के हवाले कर देंगे
बयान में कहा गया है कि जब तक ये कानून रद्द नहीं कर दिए जाते हैं, तब तक मंडियों में किसान समर्थक बदलाव करने और किसानों की आय को दोगुना करने पर चर्चा करने की कोई गुंजाइश नहीं है.
19:25 January 01
किसानों ने भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद के घर फेंका गोबर
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा पंजाब में भाजपा नेताओं पर फूटा. नए साल के पहले दिन किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे दी है. इसकी शुरुआत हो भी गई है, जिसका उदाहरण पंजाब में शुक्रवार को देखने को मिला. होशियारपुर में दल खालसा से जुड़े लोगों ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद के घर के बाहर गोबर फेंक दिया. वहीं तरनतारन में भाजपा के ही वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अनिल जोशी के कपड़े के शोरूम के बाहर किसानों ने धरना दिया है. दोनों मामलों में पुलिस मौके पर पहुंची. गोबर फेंकने की घटना पर तीक्ष्ण सूद ने नाराजगी जताई है. अनिल जोशी ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. तीक्ष्ण सूद ने कहा कि जो हुआ वह सही नहीं.
18:58 January 01
अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना अभी बाकी : योगेंद्र यादव
स्वराज इंडिया पार्टी के संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों के ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है. 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है. हाथी निकलना अभी बाकी है. एमएसपी को क़ानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि क़ानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है.
योगेंद्र यादव ने कहा कि 4 जनवरी को हमारी वार्ता है, अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को KMP राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा. 6 तारीख से 20 तारीख तक 2 हफ्ते पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा.
17:56 January 01
पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर विधानसभा से बीजेपी विधायक ओपी शर्मा ने दिल्ली सरकार पर किसानों के नाम पर अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया है.
दिल्ली सरकार फैला रही अव्यवस्था
ओपी शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी आंदोलन करने वाले, अकाली दल वाले और जो किसान नहीं है, उनके साथ मिलकर मिलकर दिल्ली में अव्यवस्था फैला रही है. दिल्ली सरकार और कोई भी काम नहीं कर रही है, वह दिल्ली की जनता के लिए कुछ नहीं कर रही है.
15:11 January 01
किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत
किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत हो गई है. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल किसान चौधरी गलतान सिंह की मृत्यु ठंड लगने से हो गई. जानकारी के अनुसार 57 वर्षीय किसान चौधरी गलतान सिंह यूपी के बागपत जिले के मोजिजबाद नंगल गांव रहने वाले थे.
12:03 January 01
जंतर मंतर में सांसदों और विधायकों ने किया विरोध प्रदर्शन
नए साल पर जंतर मंतर पर कांग्रेस के सांसदों और विधायकों ने अपने परिवारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया. वे कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के समर्थन में 7 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
11:11 January 01
किसानों का कैंडल लाइट मार्च निकाला
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बाॅर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने नए साल की पूर्व संध्या पर कैंडल लाइट मार्च निकाला
11:10 January 01
किसान आंदोलन जारी
पटियाला से दो दोस्त करीब 250 किलोमीटर साइकल चलाकर टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं. परमिंदर सिंह ने बताया हमें सिर्फ़ टिकरी बॉर्डर दिख रहा है जहां हमारे भाई-बहन बैठे हैं. मैं लोगों से अपील करता हूं कि नया साल किसानों के साथ मनाए.
11:09 January 01
4 जनवरी से किसान आंदोलन होगा तेज
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है. किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ होगा.
10:53 January 01
किसान आंदोलन में महिलाएं भी बढ़-चढ़कर ले रही भाग
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के साथ अब महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हो रही हैं. ईटीवी भारत की टीम महिला किसानों के साथ ट्रैक्टर में सवार हुई और महिलाओं से जाना कि आखिरकार वो कब तक ऐसे ही किसान आंदोलन में भागीदारी करती रहेंगी.
जब किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी तो महिला किसानों की भागीदारी कम थी. जैसे-जैसे किसान आंदोलन तेज हुआ वैसे-वैसे महिला किसानों की भागीदारी भी तेज होती गई.हरियाणा की महिला किसानों ने भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना शुरू कर दिया है. महिला किसानों ने कहा कि जब तक यह कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाने वाली हैं.
सोनीपत के ग्रामीण क्षेत्र से महिला किसान अपने बच्चों और बेटियों के साथ सोनीपत की सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रही हैं और किसानों के समर्थन में यही रुकने का दम भर रही हैं.
10:51 January 01
राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर योगेंद्र यादव से Exclusive बातचीत
नए साल 2021 का आगाज हो चुका है. वहीं, दिल्ली में कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन लगातार 36 दिन से जारी है. वहीं हरियाणा से लगते शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी किसान डटे हुए हैं. हालांकि केंद्र सरकार के रवैए में कुछ नरमी नजर आ रही है. 30 दिसंबर को सातवीं बार हुई 5 घंटे की बातचीत के बाद बिजली बिल और पराली से जुड़े दो मुद्दों पर सहमति बनी है. वहीं, अगली बैठक 4 जनवरी होनी है.
इस बीच नए साल 2021 के आगाज के साथ बॉर्डर पर डटे किसानों के बीच ईटीवी भारत राजस्थान की टीम भी पहुंची. रात 12 बजे किसान मशाल जुलुस निकालते नजर आए. वहीं, इस दौरान स्वराज इंडिया पार्टी के संयोजक योगेंद्र यादव से अश्विनी पारीक ने खास बातचीत की.
इस बातचीत के दौरान योगेंद्र यादव ने कहा कि इस समय देश के ज्यादातर किसानों के मन में है कि उनके लिए इस समय कुछ बड़ा और बुरा किया जा रहा है. क्या है, इस बारे में किसानों को पता नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र का गलत उपयोग किया गया है और मीडिया ने भी एक तरफा सरकार के लिए प्रोपेगेंडा किया है. उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर कई तरह की बातें फैलाई गई. लेकिन, अब केंद्र सरकार की मंत्रियों के बातों से ही पता चल रहा है कि ये किसानों के संबंध में फैली बातें झूठ थीं.
योगेंद्र यादव ने कहा कि यहां आंदोलन कर रहे किसान ही हैं और इतना बड़ा आंदोलन बेहद संयमित तौर पर चला है. योगेंद्र यादव के मुताबिक यहां मौजूद लोगों में नाराजगी है, लेकिन, ये असामाजिक तत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि 4 जनवरी को बात नहीं बनती है तो इस आंदोलन को बड़े स्तर पहुंचाएंगे और इसे राष्ट्रीय स्वरूप देने की जरूरत है. साथ ही कहा कि ये बात सच नहीं है कि ये आंदोलन सिर्फ उत्तर भारत तक सीमित है. पूरे देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं.
06:22 January 01
किसान आंदोलन लाइव अपडेट
नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. आज आंदोलन का 37वां दिन है. किसान नेताओं ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और नए कृषि कानूनों को रद्द करने का कोई विकल्प नहीं है. इससे एक दिन पहले केंद्र और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बातचीत हुयी जिसमें दो विवादास्पद मुद्दों पर गतिरोध बना रहा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कदम के बारे में चर्चा के लिए आज एक और बैठक बुलाई है. किसानों का कहना है कि एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले दो मुद्दों से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है.
बुधवार को सरकार और किसान संघों के बीच छठे दौर की वार्ता लगभग पांच घंटे चली जिसमें बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी.
गौरतलब है कि मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
वरिष्ठ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कदम के बारे में चर्चा के लिए शुक्रवार को एक और बैठक बुलाई है. हालांकि, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले दो मुद्दों से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है.
चढूनी ने कहा, सरकार ने पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश में किसानों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को हटाने और बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन को रोकने की हमारी मांगों का निपटान कर दिया है.
उन्होंने कहा, लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी दो शेष मांगों का कोई विकल्प नहीं है, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल है.
प्रदर्शन कर रहे किसान संघों में शामिल ऑल इंडिया किसान संघर्ष को- ओर्डिनेशन कमेटी ने बृहस्पतिवार को एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं से कानूनों को निरस्त करने का विकल्प सुझाने की अपील की है जो असंभव है.
बयान में कहा गया है, नए कानून कृषि बाजारों, किसानों की जमीन और खाद्य श्रृंखला को कॉरपोरेट के हवाले कर देंगे
बयान में कहा गया है कि जब तक ये कानून रद्द नहीं कर दिए जाते हैं, तब तक मंडियों में किसान समर्थक बदलाव करने और किसानों की आय को दोगुना करने पर चर्चा करने की कोई गुंजाइश नहीं है.