कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर लिखा है कि अब किसी एक पक्ष को चुनने का समय आ गया है. उन्होंने लिखा कि वे लोकतंत्र और किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करते हैं.
कृषि मंत्री तोमर से मिले कुछ किसान नेता, राहुल बोले- एक साइड चुनने का समय - दिल्ली ट्रैफिक पुलिस
21:56 January 28
राहुल बोले- किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन और लोकतंत्र के साथ हूं
20:50 January 28
किसान आंदोलन कमजोर पड़ने के संकेत, दो और किसान संगठनों के पैर खींचने के संकेत
भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) और बीकेयू (एकता) के सदस्यों ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. बीकेयू (लोक शक्ति) के एसएस भाटी ने कहा कि लाल किले की घटना से हम भी आहत हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे किसानों के साथ बातचीत के दौरान प्रतिबद्ध रहेंगे.
19:05 January 28
उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश से किसान आंदोलनकारियों को हटाने का निर्देश दिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को निर्देश दिया है कि पूरे प्रदेश के किसान आंदोलनकारियों को धरना-प्रदर्शन स्थल से हटाया जाए.
19:03 January 28
बुराड़ी के किसानों ने भी की उपद्रव की निंदा
बुराड़ी ग्राउंड में, जो किसान पिछले 2 महीने से रुके हुए थे. उन्होंने भी लाल किले में 26 जनवरी को हुए उपद्रव की निंदा की. उनका कहना है कि जो कुछ भी हुआ, वह बिल्कुल गलत हुआ. जिस तरीके का उपद्रव और तोड़फोड़ 26 जनवरी के दिन हुआ. वह शर्मसार करने वाला है. इसे किसानों ने नहीं किया, बल्कि इसके पीछे सरकार का हाथ है.
19:03 January 28
करीब दो महीने से रुके थे किसान, घर लौटना हुआ शुरू
बुराड़ी ग्राउंड से किसानों का जत्था अब वापस लौटने लगा है. ऐसे में बुराड़ी ग्राउंड खाली होने लगा है. पुलिस द्वारा बुराड़ी ग्राउंड को खाली करने की बात सुबह ही किसानों को कही गई थी. इसके बाद किसानों ने तंबू उखाड़ ने शुरू कर दिए. सभी सामान सहित वापस लौट रहे हैं.
करीब दो महीने से रुके थे किसान
पिछले 2 महीने से लगातार बुराड़ी ग्राउंड पर किसान रुके हुए थे. वे अब वापस लौटने लगे हैं. दिल्ली के लाल किले में जो कुछ भी हुआ. उसके बाद अब प्रशासन भी हरकत में आ गया है. सुबह ही बुराड़ी में रुके हुए किसानों को यहां से वापस जाने के लिए कह दिया गया था. इसके बाद किसानों ने तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए. अब सामान सहित बुराड़ी ग्राउंड को खाली करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. एक-एक कर किसान यहां से निकल रहे हैं.
17:22 January 28
धरना खत्म कर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ घर लौट रहे किसान
गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव के बाद आज हरियाणा के करनाल में कुछ किसान संगठन दिल्ली उपद्रव के बाद आंदोलन से अलग हो गए. किसान अब धरना खत्म कर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ घर लौट रहे हैं.
गुरुवार को करनाल जिला प्रशासन हरियाणा के सबसे बड़े टोल बसताड़ा टोल पर पहुंचा और वहां पर चल रहे लंगर सेवा और किसानों के धरने को समाप्त करवा दिया. प्रशासन ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोई भी जिले में आपस में लड़े और भाईचारा खराब हो. इसलिए भविष्य को देखते हुए उनसे लंगर सेवा और धरना खत्म करने की बात कही और उसके बाद किसानों ने भी अपना धरना उठा लिया और लंगर सेवा बंद कर दी.
17:21 January 28
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर फोगाट खाप ने सरकार व दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाए
दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई घटना को लेकर फोगाट खाप ने सरकार व दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हए इसे निंदनीय बताया है. खाप अब किसान आंदोलन को तेज करने के लिए शुक्रवार को सर्वजातीय पंचायत बुलाएगी. जिसमें आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. ये निर्णय खाप की कार्यकारिणी की हुई मीटिंग में लिया गया.
खाप पदाधिकारियों ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में सरकार, प्रशासन व दिल्ली पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया और आंदोलन को खराब करने का आरोप लगाया. साथ ही निर्णय लिया कि पूरे मामले को लेकर खाप की शुक्रवार को सर्वजातीय पंचायत बुलाकर कई अहम फैसले लिए जाएंगे.
17:19 January 28
ईटीवी भारत से बोले किसान- हिंसा के जवाब में सद्भावना यात्रा
सद्भावना यात्रा में मौजूद किसानों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की. किसानों ने कहा कि दिल्ली में जो हिंसा हुई उसका जवाब देने के लिए सद्भावना यात्रा निकाली है. उन्होंने कहा कि किसान सबसे ज्यादा देशभक्त है. अगर किसान के दो बेटे होते हैं तो एक बॉर्डर पर होता है और एक खेत में. किसानों ने कहा कि हम तिरंगे के लिए जान देने वाले लोग हैं. बीजेपी के लोग तिरंगे के ठेकेदार बनते हैं. ये हमें देशभक्ति ना सिखाएं.
17:17 January 28
सिंघु बॉर्डर पर सद्भावना और तिरंगा यात्रा
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर सद्भावना और तिरंगा यात्रा निकाली. किसान नेताओं ने ये संदेश देने की कोशिश की कि उनका आंदोलन अभी भी जारी है और आगे भी जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि वो सरकार से डरने वाले नहीं है. दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे सरकार का ही हाथ है. ट्रैक्टर परेड को सरकार ने हाईजैक किया और अपने लोगों को फिट करके हिंसा करवाई.
13:48 January 28
दिल्ली पुलिस प्रमुख एस एन श्रीवास्तव ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर हिंसा की घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकियों में नामजद किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया.
13:42 January 28
दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर बार्डर पर स्थित टेंट के बाहर नोटिस लगाया है.
11:03 January 28
गणतंत्र दिवस पर शहर में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं के विरुद्ध दिल्ली पुलिस लुक आउट परिपत्र जारी करेगी. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं से उनका पासपोर्ट जमा कराने के लिए भी कहा जाएगा.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई सिलसिलेवार बैठकों के बाद यह निर्णय लिए गए.
09:41 January 28
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस के साथ हुए समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस.राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है. उन्हें तीन दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है.
09:40 January 28
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि एनएच-24 खोल दिया गया है, जिससे दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला रूट बहाल हो गया है.
चिल्ला बॉर्डर पर बीकेयू (भानू) के विरोध प्रदर्शन वापस लेने के ऐलान के बाद ही टेंट हटाए जाने लगे. चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया.
लाल किले पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है. प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने 26 जनवरी को लाल किले के पोल पर चढ़कर अपना झंडा फहराया था.
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन 64वें दिन भी जारी है. सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात है.
09:33 January 28
किसान आंदोलन लाइव अपडेट
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा के बाद अब किसान आंदोलन कमजोर पड़ता दिख रहा है. नए कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया. दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना व राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने अपना धरना वापस लिया है.
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने कहा है कि आंदोलन गलत दिशा में जाता दिख रहा है. ऐसे में वे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से तत्काल अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं. वीएम सिंह हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो. इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.
भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने चिल्ला बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल ट्रैक्टर परेड के दौरान जिस तरह से दिल्ली में पुलिस के जवानों के ऊपर हिंसक हमला हुआ तथा कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, इससे वे काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से लालकिले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहराया गया, उससे भी वह दुखी हैं.
ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत का झंडा तिरंगा है तथा वह तिरंगे का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि कल के घटनाक्रम से वह काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि 58 दिनों से जारी चिल्ला बॉर्डर का धरना वह खत्म कर रहे हैं. इस बाबत पूछने पर अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि किसानों ने स्वतः धरना खत्म करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में ही किसान धरना स्थल को छोड़ देंगे तथा यहां पर लगे टेंट आदि को हटाकर यातायात को पुनः सुचारु रुप से चालू कर दिया जाएगा.
मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानून के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था. इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 58 दिनों से बंद था. बॉर्डर का धरना खुलने से नोएडा और दिल्ली के लोगों को यातायात जाम से राहत मिलेगी.
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि वह ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा करने एवं अराजकता फैलाने वाले किसान बिल्कुल नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा, 'संसद और लालकिला पूरे देश की शान है. लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे का अपमान किया गया है वह नाकाबिले बर्दाश्त है. उन्होंने कहा कि लालकिले की प्राचीर पर एक समुदाय विशेष का झंडा फहराये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके. मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पूरे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची है.
21:56 January 28
राहुल बोले- किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन और लोकतंत्र के साथ हूं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर लिखा है कि अब किसी एक पक्ष को चुनने का समय आ गया है. उन्होंने लिखा कि वे लोकतंत्र और किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करते हैं.
20:50 January 28
किसान आंदोलन कमजोर पड़ने के संकेत, दो और किसान संगठनों के पैर खींचने के संकेत
भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) और बीकेयू (एकता) के सदस्यों ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की. बीकेयू (लोक शक्ति) के एसएस भाटी ने कहा कि लाल किले की घटना से हम भी आहत हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे किसानों के साथ बातचीत के दौरान प्रतिबद्ध रहेंगे.
19:05 January 28
उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश से किसान आंदोलनकारियों को हटाने का निर्देश दिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को निर्देश दिया है कि पूरे प्रदेश के किसान आंदोलनकारियों को धरना-प्रदर्शन स्थल से हटाया जाए.
19:03 January 28
बुराड़ी के किसानों ने भी की उपद्रव की निंदा
बुराड़ी ग्राउंड में, जो किसान पिछले 2 महीने से रुके हुए थे. उन्होंने भी लाल किले में 26 जनवरी को हुए उपद्रव की निंदा की. उनका कहना है कि जो कुछ भी हुआ, वह बिल्कुल गलत हुआ. जिस तरीके का उपद्रव और तोड़फोड़ 26 जनवरी के दिन हुआ. वह शर्मसार करने वाला है. इसे किसानों ने नहीं किया, बल्कि इसके पीछे सरकार का हाथ है.
19:03 January 28
करीब दो महीने से रुके थे किसान, घर लौटना हुआ शुरू
बुराड़ी ग्राउंड से किसानों का जत्था अब वापस लौटने लगा है. ऐसे में बुराड़ी ग्राउंड खाली होने लगा है. पुलिस द्वारा बुराड़ी ग्राउंड को खाली करने की बात सुबह ही किसानों को कही गई थी. इसके बाद किसानों ने तंबू उखाड़ ने शुरू कर दिए. सभी सामान सहित वापस लौट रहे हैं.
करीब दो महीने से रुके थे किसान
पिछले 2 महीने से लगातार बुराड़ी ग्राउंड पर किसान रुके हुए थे. वे अब वापस लौटने लगे हैं. दिल्ली के लाल किले में जो कुछ भी हुआ. उसके बाद अब प्रशासन भी हरकत में आ गया है. सुबह ही बुराड़ी में रुके हुए किसानों को यहां से वापस जाने के लिए कह दिया गया था. इसके बाद किसानों ने तंबू उखाड़ने शुरू कर दिए. अब सामान सहित बुराड़ी ग्राउंड को खाली करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. एक-एक कर किसान यहां से निकल रहे हैं.
17:22 January 28
धरना खत्म कर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ घर लौट रहे किसान
गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुए उपद्रव के बाद आज हरियाणा के करनाल में कुछ किसान संगठन दिल्ली उपद्रव के बाद आंदोलन से अलग हो गए. किसान अब धरना खत्म कर ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ घर लौट रहे हैं.
गुरुवार को करनाल जिला प्रशासन हरियाणा के सबसे बड़े टोल बसताड़ा टोल पर पहुंचा और वहां पर चल रहे लंगर सेवा और किसानों के धरने को समाप्त करवा दिया. प्रशासन ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोई भी जिले में आपस में लड़े और भाईचारा खराब हो. इसलिए भविष्य को देखते हुए उनसे लंगर सेवा और धरना खत्म करने की बात कही और उसके बाद किसानों ने भी अपना धरना उठा लिया और लंगर सेवा बंद कर दी.
17:21 January 28
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर फोगाट खाप ने सरकार व दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाए
दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई घटना को लेकर फोगाट खाप ने सरकार व दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हए इसे निंदनीय बताया है. खाप अब किसान आंदोलन को तेज करने के लिए शुक्रवार को सर्वजातीय पंचायत बुलाएगी. जिसमें आगामी आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. ये निर्णय खाप की कार्यकारिणी की हुई मीटिंग में लिया गया.
खाप पदाधिकारियों ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में सरकार, प्रशासन व दिल्ली पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया और आंदोलन को खराब करने का आरोप लगाया. साथ ही निर्णय लिया कि पूरे मामले को लेकर खाप की शुक्रवार को सर्वजातीय पंचायत बुलाकर कई अहम फैसले लिए जाएंगे.
17:19 January 28
ईटीवी भारत से बोले किसान- हिंसा के जवाब में सद्भावना यात्रा
सद्भावना यात्रा में मौजूद किसानों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की. किसानों ने कहा कि दिल्ली में जो हिंसा हुई उसका जवाब देने के लिए सद्भावना यात्रा निकाली है. उन्होंने कहा कि किसान सबसे ज्यादा देशभक्त है. अगर किसान के दो बेटे होते हैं तो एक बॉर्डर पर होता है और एक खेत में. किसानों ने कहा कि हम तिरंगे के लिए जान देने वाले लोग हैं. बीजेपी के लोग तिरंगे के ठेकेदार बनते हैं. ये हमें देशभक्ति ना सिखाएं.
17:17 January 28
सिंघु बॉर्डर पर सद्भावना और तिरंगा यात्रा
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर सद्भावना और तिरंगा यात्रा निकाली. किसान नेताओं ने ये संदेश देने की कोशिश की कि उनका आंदोलन अभी भी जारी है और आगे भी जारी रहेगा. किसानों ने कहा कि वो सरकार से डरने वाले नहीं है. दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे सरकार का ही हाथ है. ट्रैक्टर परेड को सरकार ने हाईजैक किया और अपने लोगों को फिट करके हिंसा करवाई.
13:48 January 28
दिल्ली पुलिस प्रमुख एस एन श्रीवास्तव ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर हिंसा की घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकियों में नामजद किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया.
13:42 January 28
दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर बार्डर पर स्थित टेंट के बाहर नोटिस लगाया है.
11:03 January 28
गणतंत्र दिवस पर शहर में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं के विरुद्ध दिल्ली पुलिस लुक आउट परिपत्र जारी करेगी. अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं से उनका पासपोर्ट जमा कराने के लिए भी कहा जाएगा.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई सिलसिलेवार बैठकों के बाद यह निर्णय लिए गए.
09:41 January 28
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस के साथ हुए समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस.राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है. उन्हें तीन दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है.
09:40 January 28
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि एनएच-24 खोल दिया गया है, जिससे दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला रूट बहाल हो गया है.
चिल्ला बॉर्डर पर बीकेयू (भानू) के विरोध प्रदर्शन वापस लेने के ऐलान के बाद ही टेंट हटाए जाने लगे. चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया.
लाल किले पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात है. प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने 26 जनवरी को लाल किले के पोल पर चढ़कर अपना झंडा फहराया था.
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन 64वें दिन भी जारी है. सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात है.
09:33 January 28
किसान आंदोलन लाइव अपडेट
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा के बाद अब किसान आंदोलन कमजोर पड़ता दिख रहा है. नए कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया. दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना व राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने अपना धरना वापस लिया है.
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने कहा है कि आंदोलन गलत दिशा में जाता दिख रहा है. ऐसे में वे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से तत्काल अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं. वीएम सिंह हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो. इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.
भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने चिल्ला बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल ट्रैक्टर परेड के दौरान जिस तरह से दिल्ली में पुलिस के जवानों के ऊपर हिंसक हमला हुआ तथा कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, इससे वे काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से लालकिले पर एक धर्म विशेष का झंडा फहराया गया, उससे भी वह दुखी हैं.
ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत का झंडा तिरंगा है तथा वह तिरंगे का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि कल के घटनाक्रम से वह काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि 58 दिनों से जारी चिल्ला बॉर्डर का धरना वह खत्म कर रहे हैं. इस बाबत पूछने पर अपर पुलिस उपायुक्त रणविजय सिंह ने बताया कि किसानों ने स्वतः धरना खत्म करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में ही किसान धरना स्थल को छोड़ देंगे तथा यहां पर लगे टेंट आदि को हटाकर यातायात को पुनः सुचारु रुप से चालू कर दिया जाएगा.
मालूम हो कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानून के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था. इस धरने की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब 58 दिनों से बंद था. बॉर्डर का धरना खुलने से नोएडा और दिल्ली के लोगों को यातायात जाम से राहत मिलेगी.
भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि वह ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि हिंसा करने एवं अराजकता फैलाने वाले किसान बिल्कुल नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा, 'संसद और लालकिला पूरे देश की शान है. लाल किले की प्राचीर पर तिरंगे का अपमान किया गया है वह नाकाबिले बर्दाश्त है. उन्होंने कहा कि लालकिले की प्राचीर पर एक समुदाय विशेष का झंडा फहराये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके. मास्टर श्यौराज सिंह ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पूरे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची है.