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संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार का प्रस्ताव खारिज किया, दिल्ली में ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं

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Published : Jan 21, 2021, 8:16 AM IST

Updated : Jan 21, 2021, 8:23 PM IST

नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन
नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन

20:22 January 21

संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार का प्रस्ताव खारिज किया

संयुक्ता किसान मोर्चा की एक पूर्ण आम सभा में आज, सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. आंदोलन के लंबित मांगों के रूप में सभी किसानों के लिए 3 कानूनों और पूर्ण कानून एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग दोहराई गई.

17:28 January 21

सरकार के प्रस्ताव पर विचार के लिए बैठक कर रहे हैं किसान संगठन

17:26 January 21

किसान आंदोलन के बीच सेवादार कर रहे हैं सहयोग

किसान आंदोलन के बीच सेवादार कर रहे हैं सहयोग

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन को चलते हुए 55 दिन का समय हो चुका है. सिंधु बॉर्डर सहित सभी बॉर्डर पर किसानों की सेवा करने के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और आसपास के राज्यों से लोग आए हुए हैं. सड़क पर झाड़ू लगाना, कूड़ा उठाना, लंगर बनाना और किसानों के कपड़े धोना आदि किसी भी तरह का सहयोग सेवादार कर रहे हैं.

एक बुजुर्ग जिनकी उम्र करीब 60 साल है, वह आंदोलन के पहले दिन से ही यहां पर पंजाब से आए हुए हैं. यह बुजुर्ग यहां पर साफ-सफाई की जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभा रहे हैं. इसमें उनका साथ देने के लिए एक और शख्स हैं, जो कि हरियाणा के सोनीपत में रहते हैं.

आंदोलनस्थल में फैली गंदगी उठा रहे

यह दोनों मिलकर आंदोलनस्थल में फैली गंदगी उठाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. साथ ही लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि जो लोग टेंट और रजाई के अंदर बैठे हुए हैं, वह भी सड़क पर आकर काम करें. साफ-सफाई होगी तभी आंदोलन को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है. लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो सभी का साथ मिलेगा.

13:13 January 21

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई. यह बैठक बेनतीजा रही है. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने किसानों को रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

खबर के मुताबिक, किसान रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हुए हैं. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ट्रैक्टर रैली के बारे में हमारी दिल्ली, हरियाणा, यूपी पुलिस और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत चल रही है. आज इसका तीसरा दौर है. 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी. इससे इस देश के गणतंत्र की शोभा बढ़ेगी.

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा कारणों के मद्देनजर ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत नहीं दी है. हालांकि हमने साफ कर दिया है कि ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर ही निकाली जाएगी. वहीं सरकार के प्रस्ताव पर भी दो बजे बैठक करेंगे.

12:12 January 21

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि लग रहा है कि सरकार ने थोड़ा विचार करना शुरू किया है. कल के प्रस्ताव पर हमने कहा है कि इस पर चर्चा करनी पड़ेगी. चर्चा में जो आम सहमति बनेगी उसे हम सरकार के पास रखेंगे.

12:12 January 21

ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों से बात करने के लिए दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एस.एस. यादव सिंघु बॉर्डर के पास एक रिजॉर्ट पहुंचे.

12:12 January 21

सिंघु बॉर्डर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि आज दो बजे संयुक्त मोर्चा की बैठक हो रही है. कानूनों को रद्द करने और MSP पर नया कानून बनाने से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है. 26 जनवरी का कार्यक्रम अटल है और ये हर हाल में होगा, उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा.

07:53 January 21

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गयी. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि मरने वाले किसान की पहचान जगजीत सिंह (34) के रूप में की गयी है. उन्होंने बताया कि सिंह लुधियाना जिले के दाखा क्षेत्र के रहने वाले थे.

07:42 January 21

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बुधवार को 10वें दौर की वार्ता प्रगति के साथ समाप्त हुई. किसान आंदोलन समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों के अमल पर 18 महीने तक रोक लगाने को तैयार हो गई.  

हालांकि, इस मसले पर अंतिम नतीजों के लिए अगली बैठक का इंतजार करना होगा, क्योंकि किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव पर अपना निर्णय बताने के लिए समय मांगा है.  

किसान यूनियनों के 10वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'सरकार एक से डेढ़ साल तक नए कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए सहमत है. इस दौरान किसान और सरकार के प्रतिनिधि मिलकर समस्याओं का हल खोजें और जो समाधान हो उसको आगे बढ़ाया जाए.'

उन्होंने बताया कि किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि 'वे सरकार के प्रस्ताव पर 21 जनवरी को विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे और 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में होने वाली बैठक में सरकार को अपना फैसला बताएंगे. आज की वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई.'

उधर, किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक के बाद एक बयान में कहा कि आज सरकार के साथ बैठक में अहम बातचीत हुई. सरकार ने किसानों के समक्ष एक प्रस्ताव रखा कि एक साल या ज्यादा समय के लिए कृषि कानूनों को सस्पेंड कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दे दिया जाएगा. किसानों ने काूननों को निरस्त करने की मांग पर जोर दिया और अगली बैठक तक विचार-विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही. एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी की पेशकश की लेकिन किसानों ने इसे अस्वीकार किया.

यह भी पढ़ें- सार्थक दिशा में बढ़ रही है वार्ता, 22 को समाधान की संभावना : कृषि मंत्री

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अल्प समय के लिए नए कृषि कानून के कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया है, लेकिन कानून पर विचार करने और आंदोलन से जुड़े पहलुओं पर विचार करने के लिए ज्यादा वक्त की आवश्यकता होगी. इसलिए सरकार एक से डेढ़ साल तक कानून के अमल पर रोक लगाने को तैयार है.

20:22 January 21

संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार का प्रस्ताव खारिज किया

संयुक्ता किसान मोर्चा की एक पूर्ण आम सभा में आज, सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. आंदोलन के लंबित मांगों के रूप में सभी किसानों के लिए 3 कानूनों और पूर्ण कानून एमएसपी के लिए कानून बनाने की मांग दोहराई गई.

17:28 January 21

सरकार के प्रस्ताव पर विचार के लिए बैठक कर रहे हैं किसान संगठन

17:26 January 21

किसान आंदोलन के बीच सेवादार कर रहे हैं सहयोग

किसान आंदोलन के बीच सेवादार कर रहे हैं सहयोग

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन को चलते हुए 55 दिन का समय हो चुका है. सिंधु बॉर्डर सहित सभी बॉर्डर पर किसानों की सेवा करने के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और आसपास के राज्यों से लोग आए हुए हैं. सड़क पर झाड़ू लगाना, कूड़ा उठाना, लंगर बनाना और किसानों के कपड़े धोना आदि किसी भी तरह का सहयोग सेवादार कर रहे हैं.

एक बुजुर्ग जिनकी उम्र करीब 60 साल है, वह आंदोलन के पहले दिन से ही यहां पर पंजाब से आए हुए हैं. यह बुजुर्ग यहां पर साफ-सफाई की जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभा रहे हैं. इसमें उनका साथ देने के लिए एक और शख्स हैं, जो कि हरियाणा के सोनीपत में रहते हैं.

आंदोलनस्थल में फैली गंदगी उठा रहे

यह दोनों मिलकर आंदोलनस्थल में फैली गंदगी उठाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं. साथ ही लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि जो लोग टेंट और रजाई के अंदर बैठे हुए हैं, वह भी सड़क पर आकर काम करें. साफ-सफाई होगी तभी आंदोलन को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है. लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो सभी का साथ मिलेगा.

13:13 January 21

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई. यह बैठक बेनतीजा रही है. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने किसानों को रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

खबर के मुताबिक, किसान रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हुए हैं. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि ट्रैक्टर रैली के बारे में हमारी दिल्ली, हरियाणा, यूपी पुलिस और गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत चल रही है. आज इसका तीसरा दौर है. 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी. इससे इस देश के गणतंत्र की शोभा बढ़ेगी.

क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि पुलिस ने सुरक्षा कारणों के मद्देनजर ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत नहीं दी है. हालांकि हमने साफ कर दिया है कि ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर ही निकाली जाएगी. वहीं सरकार के प्रस्ताव पर भी दो बजे बैठक करेंगे.

12:12 January 21

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि लग रहा है कि सरकार ने थोड़ा विचार करना शुरू किया है. कल के प्रस्ताव पर हमने कहा है कि इस पर चर्चा करनी पड़ेगी. चर्चा में जो आम सहमति बनेगी उसे हम सरकार के पास रखेंगे.

12:12 January 21

ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों से बात करने के लिए दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एस.एस. यादव सिंघु बॉर्डर के पास एक रिजॉर्ट पहुंचे.

12:12 January 21

सिंघु बॉर्डर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि आज दो बजे संयुक्त मोर्चा की बैठक हो रही है. कानूनों को रद्द करने और MSP पर नया कानून बनाने से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है. 26 जनवरी का कार्यक्रम अटल है और ये हर हाल में होगा, उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा.

07:53 January 21

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गयी. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि मरने वाले किसान की पहचान जगजीत सिंह (34) के रूप में की गयी है. उन्होंने बताया कि सिंह लुधियाना जिले के दाखा क्षेत्र के रहने वाले थे.

07:42 January 21

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसानों के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच बुधवार को 10वें दौर की वार्ता प्रगति के साथ समाप्त हुई. किसान आंदोलन समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों के अमल पर 18 महीने तक रोक लगाने को तैयार हो गई.  

हालांकि, इस मसले पर अंतिम नतीजों के लिए अगली बैठक का इंतजार करना होगा, क्योंकि किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव पर अपना निर्णय बताने के लिए समय मांगा है.  

किसान यूनियनों के 10वें दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'सरकार एक से डेढ़ साल तक नए कानून के क्रियान्वयन को स्थगित करने के लिए सहमत है. इस दौरान किसान और सरकार के प्रतिनिधि मिलकर समस्याओं का हल खोजें और जो समाधान हो उसको आगे बढ़ाया जाए.'

उन्होंने बताया कि किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि 'वे सरकार के प्रस्ताव पर 21 जनवरी को विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे और 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में होने वाली बैठक में सरकार को अपना फैसला बताएंगे. आज की वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई.'

उधर, किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक के बाद एक बयान में कहा कि आज सरकार के साथ बैठक में अहम बातचीत हुई. सरकार ने किसानों के समक्ष एक प्रस्ताव रखा कि एक साल या ज्यादा समय के लिए कृषि कानूनों को सस्पेंड कर दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दे दिया जाएगा. किसानों ने काूननों को निरस्त करने की मांग पर जोर दिया और अगली बैठक तक विचार-विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही. एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी की पेशकश की लेकिन किसानों ने इसे अस्वीकार किया.

यह भी पढ़ें- सार्थक दिशा में बढ़ रही है वार्ता, 22 को समाधान की संभावना : कृषि मंत्री

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अल्प समय के लिए नए कृषि कानून के कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया है, लेकिन कानून पर विचार करने और आंदोलन से जुड़े पहलुओं पर विचार करने के लिए ज्यादा वक्त की आवश्यकता होगी. इसलिए सरकार एक से डेढ़ साल तक कानून के अमल पर रोक लगाने को तैयार है.

Last Updated : Jan 21, 2021, 8:23 PM IST
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